tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post2864132140887858290..comments2024-02-11T13:55:34.165+05:30Comments on बेचैन आत्मा: कविताई...!देवेन्द्र पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-83186391602709729092011-05-21T21:09:38.815+05:302011-05-21T21:09:38.815+05:30महाकवि की जय हो!महाकवि की जय हो!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-52348563677615256792011-05-15T09:21:29.612+05:302011-05-15T09:21:29.612+05:30सुन्दर रचना, बहुत सुंदर व्यंगसुन्दर रचना, बहुत सुंदर व्यंगसुमन कुमारhttps://www.blogger.com/profile/13372936491226917291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-80149283803683627412011-05-07T07:32:35.235+05:302011-05-07T07:32:35.235+05:30शानदार व्यंग्य !शानदार व्यंग्य !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-26435747528078095392011-05-05T17:36:34.174+05:302011-05-05T17:36:34.174+05:30सुन्दर रचना ..शानदार व्यंगसुन्दर रचना ..शानदार व्यंगAmrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-31960384394466940532011-05-04T20:40:36.769+05:302011-05-04T20:40:36.769+05:30स्मार्ट इन्डियन से सहमत :)स्मार्ट इन्डियन से सहमत :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-43077560465613580892011-05-02T07:17:25.126+05:302011-05-02T07:17:25.126+05:30’बनारस में जिधर देखो उधर खुदा है’ - सब बनारस वाले ...’बनारस में जिधर देखो उधर खुदा है’ - सब बनारस वाले ये जानते हैं क्या?संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-84737940632165571972011-05-01T10:59:20.547+05:302011-05-01T10:59:20.547+05:30जबरदस्त!!
छा जाने वाली कविता है देवेन्द्र जी, बनार...जबरदस्त!!<br />छा जाने वाली कविता है देवेन्द्र जी, बनारस घुमा लाते हैं आप ऐसा लिख के।<br />इसका शुक्रिया कहूँ तो कम होगा। :)Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-51240186356207847142011-04-30T17:28:53.244+05:302011-04-30T17:28:53.244+05:30यार-मित्र जब ना सुनलन, संपादक रोज लौटावे
रोज लिखी ...यार-मित्र जब ना सुनलन, संपादक रोज लौटावे<br />रोज लिखी कविता चौचक, शायद अब छप जावे<br /><br />मु्श्किल से ब्लॉग मिलल हौ ...<br /><br />ओ हो .... अब ई का लिख दिए हो ... भाई ग़ज़ब कमाल करते हो ... बहुत मज़ा आइबे ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-67962334268339110012011-04-30T01:00:59.426+05:302011-04-30T01:00:59.426+05:30पांडे जी!
ब्यंग्य का बूटी छानकर एकदम सराबोर कर दिए...पांडे जी!<br />ब्यंग्य का बूटी छानकर एकदम सराबोर कर दिए हैं भाई!! का मालूम केतना लोंग के छूट जाई कबिताई.. मन परसन्न!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-31403470248994278492011-04-29T22:59:22.550+05:302011-04-29T22:59:22.550+05:30वाह वाह।वाह वाह।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-85803811003852618062011-04-29T22:16:03.229+05:302011-04-29T22:16:03.229+05:30बढ़िया व्यंग्य है,...बढ़िया व्यंग्य है,...rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-39412616139210364622011-04-29T20:40:14.724+05:302011-04-29T20:40:14.724+05:30सुन्दर रचना .....आनंद आ गया ।सुन्दर रचना .....आनंद आ गया ।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-78217896337797107322011-04-29T19:46:27.755+05:302011-04-29T19:46:27.755+05:30संजय जी...
सड़क ससुरी ठीक का हुई ! इट्टी-गिट्टी प...संजय जी...<br /><br />सड़क ससुरी ठीक का हुई ! इट्टी-गिट्टी पटी तब तक जलकल वाले आये बोले रूको...! अभी जल पाइप बिछाना है। आजकल जलकल वाले खोद रहे हैं। बनारस में जिधर देखो उधर खुदा है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-21492669541436453452011-04-29T19:36:15.761+05:302011-04-29T19:36:15.761+05:30पाण्डेय जी आज जो आपने कविताई लिखी बड़ी जबदस्त बा ए...पाण्डेय जी आज जो आपने कविताई लिखी बड़ी जबदस्त बा एक समय था जब इस तरह के दुमदार शेर बहुत लिखे जाते थे क्योंकि यह दमदार भी होते थेSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-4060617853810219782011-04-29T18:55:00.134+05:302011-04-29T18:55:00.134+05:30और गुरू आखिरी पंक्तियाँ पढ़कर आचार्य की पोस्ट और उ...और गुरू आखिरी पंक्तियाँ पढ़कर आचार्य की पोस्ट और उसपर आपकी टिप्पणी फ़िर से याद आ गई:)संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-68271073859345069072011-04-29T18:53:29.678+05:302011-04-29T18:53:29.678+05:30कोई कमी नहीं दिखती है, यही कमी है।
इत्ता बढ़िया लि...कोई कमी नहीं दिखती है, यही कमी है।<br />इत्ता बढ़िया लिखेंगे तो बाकी क्या करेंगे?<br />मीडिया तक(भी) अपनी पहुँच नहीं, होती तो हमीं न छप जाते:)<br />महाकविराज तो आप हैं ही।<br /><br />सड़कें ठीक हुईं कि नहीं अभी? कब होंगी यार?संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-71355500702243245002011-04-29T15:28:01.316+05:302011-04-29T15:28:01.316+05:30SUNDAR KAVITAI, MAN KO BHAI.
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ब्लॉ ग स...SUNDAR KAVITAI, MAN KO BHAI.<br />............<br /><b><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">ब्लॉ ग समीक्षा की 12वीं कड़ी।</a></b><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow"> अंधविश्वास के नाम पर महिलाओं का अपमान!</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-73055318415624506982011-04-29T15:04:31.457+05:302011-04-29T15:04:31.457+05:30देव बाबू,
क्या बात है......जब आप अपनी भाषा में हो...देव बाबू,<br /><br />क्या बात है......जब आप अपनी भाषा में होते हैं....तो ज़बरदस्त होते हैं.....अगर कोई सभा या जलसा (मुझे तो सिर्फ ये भीड़ ही लगती है )......कोई तमगा पकड़ा भी देता है तो इससे क्या फर्क पढ़ता है .......असली बात तो तब है जब आपके पाठक आपको सम्मान देते हैं.........क्यूँ?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-86837787552254833162011-04-29T15:02:48.080+05:302011-04-29T15:02:48.080+05:30बहुते नीमन लागल .....परनाम !बहुते नीमन लागल .....परनाम !निवेदिता श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/17624652603897289696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-60085839551784077632011-04-29T12:25:07.231+05:302011-04-29T12:25:07.231+05:30अवधी में हमारी लिखने की सीमायें हैं... सो अमरेन्द्...अवधी में हमारी लिखने की सीमायें हैं... सो अमरेन्द्र के विचार में हमारा स्वर भी शामिल समझिये....."हे महाकवि देवेन्द्र ,<br />बड़ रोपचिक लिखल हौ.. पढ़ि के हमनी के मन जुड़ा गयल"Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-91193169188597639222011-04-29T08:43:43.616+05:302011-04-29T08:43:43.616+05:30स्मार्ट इंडियन जी ने जो कहा उस पर हमारी भी मुहर. अ...स्मार्ट इंडियन जी ने जो कहा उस पर हमारी भी मुहर. अरविन्द जी के पोस्ट के बाद ही यह कविता पढ़ी मजा दुगना हो गया.VICHAAR SHOONYAhttps://www.blogger.com/profile/07303733710792302123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-82905381227325956062011-04-29T08:08:13.313+05:302011-04-29T08:08:13.313+05:30देखिया सम्मानो पाईब !
एक उत्कृष्ट रचना -बार बार मु...देखिया सम्मानो पाईब !<br />एक उत्कृष्ट रचना -बार बार मुस्करा रहा हूँ और दाद दे रहा हूँ आपको -खुजाते रहिएगा !:)Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-32275686986306009772011-04-29T05:04:54.885+05:302011-04-29T05:04:54.885+05:30अगर हम
पुरस्कार पीठ में होते - आपको कविराज सम्मान ...अगर हम<br />पुरस्कार पीठ में होते - आपको कविराज सम्मान दे देते<br />चर्चा दल में होते - हर रोज़ आपकी ही काव्यचर्चा करते<br />संगीतकार होते - हर फिम के गीत आपके ही होते<br />मगर, फिलहाल - आपकी शानदार रचना के लिये बधाई!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-37315314233895557712011-04-29T01:16:01.615+05:302011-04-29T01:16:01.615+05:30बड़ा सन्नाट!!
यार-मित्र जब ना सुनलन, संपादक रोज...बड़ा सन्नाट!!<br /><br /><br /><br />यार-मित्र जब ना सुनलन, संपादक रोज लौटावे<br />रोज लिखी कविता चौचक, शायद अब छप जावे<br /><br />मु्श्किल से ब्लॉग मिलल हौ !<br /><br /><br />:)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-50950548771873958682011-04-28T23:16:57.577+05:302011-04-28T23:16:57.577+05:30बहुत सुंदर व्यंगबहुत सुंदर व्यंगराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com