tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post4574625130394540595..comments2024-02-11T13:55:34.165+05:30Comments on बेचैन आत्मा: प्रतीक्षादेवेन्द्र पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-25719875849989112162010-11-13T08:57:40.159+05:302010-11-13T08:57:40.159+05:30जीवन की बढ़िया परिभाषा...बड़ी ही सटीक और प्रभावशाल...जीवन की बढ़िया परिभाषा...बड़ी ही सटीक और प्रभावशाली रचना..बधाईविनोद कुमार पांडेयhttps://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-52948113055510015182010-11-11T22:48:38.314+05:302010-11-11T22:48:38.314+05:30जिन्दगी तभी सुरु होती है जब प्रतीक्ष्या किसी मंजिल...जिन्दगी तभी सुरु होती है जब प्रतीक्ष्या किसी मंजिल की खत्म हो जाती है.यहीं,इसी पल में अस्तित्व के प्रति ह्रदय, धन्यवाद से पूरी तरह सरोबार हो जाए तो जिंदगी आनंद की वर्षा करने लगती है.prem ballabh pandeyhttps://www.blogger.com/profile/16202190259689692899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-49176410523785143212010-11-11T19:57:37.662+05:302010-11-11T19:57:37.662+05:30सब में एक समानता है
सबको मंजिल तक जाने की जल्दी ह...सब में एक समानता है<br /><br />सबको मंजिल तक जाने की जल्दी है<br /><br />लम्बी प्रतीक्षा-एक विवशता है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07499570337873604719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-75922310039694339352010-11-11T19:44:38.907+05:302010-11-11T19:44:38.907+05:30जीवन दर्शन का एक आयाम है इस कविता मेंजीवन दर्शन का एक आयाम है इस कविता मेंM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-4607593273198391272010-11-11T19:44:02.107+05:302010-11-11T19:44:02.107+05:30रेलवे क्रासिंग बंद है
मगर अच्छी बात यह है कि
ट्रेन...रेलवे क्रासिंग बंद है<br />मगर अच्छी बात यह है कि<br />ट्रेन के गुजर जाने के बाद खुल जाती है।<br />या फिर शायद अगली ट्रेन की प्रतीक्षा में बन्द भी रहती है बिलकुल मेरे गाँव (फुलवरिया-लहरतारा के नज़दीक) के पास की क्रासिंग. <br />सुन्दर रचना ..M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-91745687911527573602010-11-11T19:15:38.187+05:302010-11-11T19:15:38.187+05:30रेलवे क्रासिंग बंद है
मगर अच्छी बात यह है कि
ट्रे...रेलवे क्रासिंग बंद है <br />मगर अच्छी बात यह है कि<br />ट्रेन के गुजर जाने के बाद खुल जाती है।<br /><br />आज के जीवन की आपा धापी का बडा ही <br />सजीव चित्र प्रस्तुत करती हुई कविताDeepak Sainihttps://www.blogger.com/profile/04297742055557765083noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-55271933211387425492010-11-11T16:22:10.920+05:302010-11-11T16:22:10.920+05:30रंजीत जी,
...क्षमा करें, यह कविता मजेदार तो नहीं ह...रंजीत जी,<br />...क्षमा करें, यह कविता मजेदार तो नहीं है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-69605089827583883062010-11-11T15:48:14.012+05:302010-11-11T15:48:14.012+05:30bahut Majedar...bahut Majedar...रंजीत/ Ranjithttps://www.blogger.com/profile/03530615413132609546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-83515275553763203882010-11-11T13:25:50.218+05:302010-11-11T13:25:50.218+05:30उम्दा कविता के लिए हार्दिक बधाई.
धन्यवाद.
WWW.CHAN...उम्दा कविता के लिए हार्दिक बधाई.<br />धन्यवाद.<br />WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COMचन्द्र कुमार सोनीhttps://www.blogger.com/profile/13890668378567100301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-70225576972839677822010-11-10T17:25:52.284+05:302010-11-10T17:25:52.284+05:30बहुत सुन्दर गहरे जीवन दर्शन ली हुई रचना !बहुत सुन्दर गहरे जीवन दर्शन ली हुई रचना !Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-31208744842088898372010-11-09T17:45:40.059+05:302010-11-09T17:45:40.059+05:30जिन्दगी के आपाधापी का सजीव चित्रण ! बहुत सुंदर है ...जिन्दगी के आपाधापी का सजीव चित्रण ! बहुत सुंदर है ये कविता ! बधाई !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-14556669207828997162010-11-09T10:24:08.709+05:302010-11-09T10:24:08.709+05:30साहित्य ही एक ऐसा जरिया है जिससे हम समाज की बुरा...साहित्य ही एक ऐसा जरिया है जिससे हम समाज की बुराइयों को सामने ला सकतें हैं | और इसमें कवितात्मक अभिब्यक्ति ही ज्यादा प्रभावी होती है|<br />सुन्दर रचना, बहुत - बहुत शुभकामनालाल कलमhttps://www.blogger.com/profile/10463937302054552696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-49811846609885854392010-11-09T09:47:21.718+05:302010-11-09T09:47:21.718+05:30देवेन्द्र जी,
बस इतना ही कह सकता हूँ ...वाह...वाह...देवेन्द्र जी,<br /><br />बस इतना ही कह सकता हूँ ...वाह...वाह और शब्द नहीं मिल रहे......कितने सरल शब्द .....कितना गहरा अर्थ.....वाह |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-47032916848024681002010-11-09T07:20:13.693+05:302010-11-09T07:20:13.693+05:30देवेन्द्र जी आप अपनी रचनाओं में समकालीन आधुनिक बिम...देवेन्द्र जी आप अपनी रचनाओं में समकालीन आधुनिक बिम्बों को जिस तरह पिरोते हैं वह बेमिसाल है! ब्रैवो!<br />आप कविता को एक समकालीन संस्कार दे देते हैं एक आधुनिक बोध ....और वह सहज ही समझ आती है !<br />यह कविता भी जीवन के रास्तों ,रुकावटों की सहज प्रतीति करा जाती है !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-78950755469792022922010-11-08T23:36:49.205+05:302010-11-08T23:36:49.205+05:30क्या अंदाज़ है... लाजवाब!!! एकदम नयापन लिए हुए. जीव...क्या अंदाज़ है... लाजवाब!!! एकदम नयापन लिए हुए. जीवन दर्शन को एक अलग ढंग से प्रस्तुत किया है. बधाईरचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-24177179483521066062010-11-08T22:55:32.641+05:302010-11-08T22:55:32.641+05:30देवेन्द्र भाई, आपकी कलम से बिलकुल नए अंदाज की कवि...देवेन्द्र भाई, आपकी कलम से बिलकुल नए अंदाज की कविता देखकर अच्छा लगा। आपने जो विषय लिया उसका निर्वाह किया। बधाई। दो सुझाव हैं। <br /><br />अवसर<br />चीटीं की चाल से चलती एक लम्बी मालगाड़ी है<br /><br />में- चलती- की जगह -चलता- होना चाहिए। <br /><br />रेलवे क्रासिंग बंद है<br />मगर अच्छी बात यह है कि<br />ट्रेन के गुजर जाने के बाद खुल जाती है।<br /><br />में -खुल जाती है- की जगह -खुल जाता है- होना चाहिए।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-2806290460307740852010-11-08T22:29:55.728+05:302010-11-08T22:29:55.728+05:30हाँ ! सबको मंजिल पर जाने की जल्दी है , लम्बी प्रती...हाँ ! सबको मंजिल पर जाने की जल्दी है , लम्बी प्रतीक्षा विवशता ही है . सुन्दर रचना ........ बधाई स्वीकार करें ...Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-32164876294440469292010-11-08T21:31:52.769+05:302010-11-08T21:31:52.769+05:30अति सूक्षम प्रेक्षण ।अति सूक्षम प्रेक्षण ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-18523323338229442982010-11-08T20:42:56.096+05:302010-11-08T20:42:56.096+05:30बेहतरीन कविता.बेहतरीन कविता.ज़मीरhttps://www.blogger.com/profile/03363292131305831723noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-58393643710113735032010-11-08T20:42:52.635+05:302010-11-08T20:42:52.635+05:30वाह क्या चित्र पेश कर दिया...रेलवे क्रासिंग के ज़र...वाह क्या चित्र पेश कर दिया...रेलवे क्रासिंग के ज़रिये...हम तो उन्ही चेहरों को पढ़ने में ही मशगूल हो गए. सुंदर रचना.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-26684170922035584762010-11-08T19:58:13.568+05:302010-11-08T19:58:13.568+05:30बेहतरीन बिम्ब , सुघड कविता , और मेरे लिए देवेन्द्र...बेहतरीन बिम्ब , सुघड कविता , और मेरे लिए देवेन्द्र जी कवि से अधिक दार्शनिक साबित हुए ! साधुवाद !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-55225142957125708912010-11-08T19:54:47.539+05:302010-11-08T19:54:47.539+05:30ट्रेन की सिटी और ये कविता दोनों ही अच्छे है !!ट्रेन की सिटी और ये कविता दोनों ही अच्छे है !!soni garg goyalhttps://www.blogger.com/profile/04213856425345615300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-43700301270778971372010-11-08T19:50:16.345+05:302010-11-08T19:50:16.345+05:30देवेन्द्र जी,
जीवन की आपाधापी को केन्द्रित ये रचना...देवेन्द्र जी,<br />जीवन की आपाधापी को केन्द्रित ये रचना बहुत अच्छी लगी.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-23498424417126295972010-11-08T14:53:17.872+05:302010-11-08T14:53:17.872+05:30हम भी कष्टों की ट्रेन निकल जाने की प्रतीक्षा करते ...हम भी कष्टों की ट्रेन निकल जाने की प्रतीक्षा करते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-47502971513384428022010-11-08T13:00:47.393+05:302010-11-08T13:00:47.393+05:30ट्रेन की बिम्ब में जीवन की रफ़्तार को ढाल दिया है ...ट्रेन की बिम्ब में जीवन की रफ़्तार को ढाल दिया है आपने ... जीवन में भी इस रफ़्तार के उतार चाडाव आते रहते हैं ... बहुत अच्छी रचना है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com