tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post5539209939854486802..comments2024-02-11T13:55:34.165+05:30Comments on बेचैन आत्मा: राजनेतादेवेन्द्र पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-79657808103551751712011-06-08T14:27:01.437+05:302011-06-08T14:27:01.437+05:30जनता की याददाश्त कमजोर होती ही है.
तीखा कटाक्ष...जनता की याददाश्त कमजोर होती ही है.<br />तीखा कटाक्ष...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-54023426450176724352011-06-08T07:41:23.351+05:302011-06-08T07:41:23.351+05:30मगर अफसोस
जितने गहरे होते हैं
जिंदगी के जख्म
उतनी...मगर अफसोस<br />जितने गहरे होते हैं <br />जिंदगी के जख्म<br />उतनी कमजोर होती है<br />जनता की याददाश्त।<br /><br />very true.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-44435639173272871872011-06-07T19:56:50.411+05:302011-06-07T19:56:50.411+05:30मगर अफसोस
जितने गहरे होते हैं
जिंदगी के जख्म
उतनी...मगर अफसोस<br />जितने गहरे होते हैं <br />जिंदगी के जख्म<br />उतनी कमजोर होती है<br />जनता की याददाश्त।<br /><br />बहुत सटीक कथन...जनता की इसी कमजोरी का फायदा उठाते हैं हमारे तथाकथित नेता..बहुत सुन्दर और सटीक प्रस्तुति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-83442407687660905112011-06-07T16:05:01.388+05:302011-06-07T16:05:01.388+05:30बहुत सुन्दर.....
सच्चाईपूर्ण व्यंग्य रचना ....
ग...बहुत सुन्दर.....<br /><br />सच्चाईपूर्ण व्यंग्य रचना ....<br /><br />गिरगिटी नेताओं के भिन्न-भिन्न रूपों का बढ़िया चित्रण ...<br /><br />मगर दोषी तो हम सब ही हैं...यानी जनतासुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-1275832079911773372011-06-07T13:09:57.258+05:302011-06-07T13:09:57.258+05:30बहुत खूब ... देश के वातावरण से न सिर्फ़ पर्यावरण ब...बहुत खूब ... देश के वातावरण से न सिर्फ़ पर्यावरण बल्कि सब कुछ प्रभावित होता है .... नेताओं का खाका जो आपने खींचा है शायद इससे भी ज़्यादा चालाक होते हैं .... कोई पार नही पा पाता ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-363332171207547932011-06-07T11:50:48.676+05:302011-06-07T11:50:48.676+05:30वाह!वाह!चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-48173641857252442662011-06-07T09:12:00.527+05:302011-06-07T09:12:00.527+05:30मगर अफसोस
जितने गहरे होते हैं
जिंदगी के जख्म
उतनी ...मगर अफसोस<br />जितने गहरे होते हैं<br />जिंदगी के जख्म<br />उतनी कमजोर होती है<br />जनता की याददाश्त...<br /><br />Indeed it's sad Devendra ji.<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-53485950528781297702011-06-07T08:23:32.579+05:302011-06-07T08:23:32.579+05:30मगर अफसोस
जितने गहरे होते हैं
जिंदगी के जख्म
उतनी...मगर अफसोस<br />जितने गहरे होते हैं <br />जिंदगी के जख्म<br />उतनी कमजोर होती है<br />जनता की याददाश्त।<br /><br />-और ये नेता इस बात को भली भाँति जानते हैं, इसलिए फायदा उठाते हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-11087258883284990812011-06-07T07:00:11.436+05:302011-06-07T07:00:11.436+05:30जनता की याददाश्त कमजोर होती ही है ...
शानदार व्यंग...जनता की याददाश्त कमजोर होती ही है ...<br />शानदार व्यंग्य !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-31155726586803087742011-06-07T05:11:44.619+05:302011-06-07T05:11:44.619+05:30जितने गहरे होते हैं
जिंदगी के जख्म
उतनी कमजोर होत...जितने गहरे होते हैं <br />जिंदगी के जख्म<br />उतनी कमजोर होती है<br />जनता की याददाश्त।<br /><br />यकीनन इसी याददाश्त की कमजोरी ही तो हराती रही है और उन्हें जिताती रही हैM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-39290300084812415332011-06-06T23:09:07.539+05:302011-06-06T23:09:07.539+05:30बहुत प्रश्न मुँह बाये खड़े हैं।बहुत प्रश्न मुँह बाये खड़े हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-54109940651952394892011-06-06T18:58:17.936+05:302011-06-06T18:58:17.936+05:30बहुत ही सही कहा....यही तो विडंबना है....बहुत ही सही कहा....यही तो विडंबना है....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-25423200351393565312011-06-06T17:53:48.836+05:302011-06-06T17:53:48.836+05:30नेता बनने की चाहत में जब कोई अछ्छे काम करना छोड़ र...नेता बनने की चाहत में जब कोई अछ्छे काम करना छोड़ राजनीति करने लगता है,तो और भी बुरा लगता है.prem ballabh pandeyhttps://www.blogger.com/profile/16202190259689692899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-71220745656022633882011-06-06T14:21:56.907+05:302011-06-06T14:21:56.907+05:30शानदार व्यंग्य है ......जनता की याददाश्त कमज़ोर नह...शानदार व्यंग्य है ......जनता की याददाश्त कमज़ोर नहीं है पर वो उन सवालो के आगे इन्हें दरकिनार करती जो उसके सामने मुंह बाये खड़े है.....रोटी,कपडा और मकान....और अब तो इसमें और भी कई चीज़े जुड़ गयी हैं मसलन.....दूध,पेट्रोल, फीस इत्यादि.....बहुत अच्छी लगी पोस्ट |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-18839400362243402872011-06-06T12:48:35.633+05:302011-06-06T12:48:35.633+05:30aapse sahmat hun,mool samsya yahi hai ki Janta ki ...aapse sahmat hun,mool samsya yahi hai ki Janta ki yadast bahut kamjor hai :-(Rangnath Singhhttps://www.blogger.com/profile/01610478806395347189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-12028813401795959052011-06-05T23:16:13.507+05:302011-06-05T23:16:13.507+05:30सुबह तक विश्व पर्यावरण की चिंता कर रहा था मगर क्या...सुबह तक विश्व पर्यावरण की चिंता कर रहा था मगर क्या पता था कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का पर्यावरण ही पूरी तरह बिगड़ चुका है !<br /><br />अत्यंत सटीक विचारों से परिपूर्ण समसामयिक रचना.......सही कहा है आपने ...Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-84208080440858112492011-06-05T22:25:27.654+05:302011-06-05T22:25:27.654+05:30मगर अफसोस
जितने गहरे होते हैं
जिंदगी के जख्म
उतनी ...मगर अफसोस<br />जितने गहरे होते हैं<br />जिंदगी के जख्म<br />उतनी कमजोर होती है<br />जनता की याददाश्त।<br />पाण्डेय जी डेमोक्रेसी का एक अर्थ है जिसमें जनता की ऐसी तैसी वही हुआ आज ...Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-91891390150707389252011-06-05T20:31:38.825+05:302011-06-05T20:31:38.825+05:30इस धरा ने बडे-बडे दैत्यों को धूल चाटते देखा है, मग...इस धरा ने बडे-बडे दैत्यों को धूल चाटते देखा है, मगर धूल-धूसरित होने तक यह सुधरते नहीं।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-70887043894185542572011-06-05T20:10:56.162+05:302011-06-05T20:10:56.162+05:30lovely and a thoughtful post !!lovely and a thoughtful post !!Jyoti Mishrahttps://www.blogger.com/profile/01794675170127168298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-91578587518662602442011-06-05T19:43:26.261+05:302011-06-05T19:43:26.261+05:30सोलह आने सच्ची बात देवेन्द्र भाई! सुबह के लिए हमने...सोलह आने सच्ची बात देवेन्द्र भाई! सुबह के लिए हमने भी हरियाली सजाने का कार्यक्रम बनाया था..क्या पता था कि कालिख पुत जायेगी उसपर!!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-14616550198994413892011-06-05T19:42:39.447+05:302011-06-05T19:42:39.447+05:30मन बहुत दुखी है -लगता है सोनियां के इटली वापस जाने...मन बहुत दुखी है -लगता है सोनियां के इटली वापस जाने के दिन अब आ गए !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-73408024618220316512011-06-05T19:19:51.757+05:302011-06-05T19:19:51.757+05:30जनता की यादाश्त बहुत ही कमजोर होती है इसी का फायदा...जनता की यादाश्त बहुत ही कमजोर होती है इसी का फायदा हमारे राजनेता उठते है अपने कुचक्र रचने के लिए .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-1199347009787244132011-06-05T19:05:52.781+05:302011-06-05T19:05:52.781+05:30सटीक और सार्थक लेखनसटीक और सार्थक लेखनसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-25077591092261498372011-06-05T18:49:29.875+05:302011-06-05T18:49:29.875+05:30सामयिक रचना बहुत बढ़िया लिखी है आपने♥3सामयिक रचना बहुत बढ़िया लिखी है आपने♥3डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-39065821831681128702011-06-05T17:28:17.430+05:302011-06-05T17:28:17.430+05:30जनता की याददाश्त सच में बहुत कमजोर है, ये भी भुला ...जनता की याददाश्त सच में बहुत कमजोर है, ये भी भुला दिया जायेगा जब वोटों से पहले पेट्रोल की कीमत कर कर दी गई या ऐसा ही कुछ फ़ंडा सरकार अपनायेगी।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.com