tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post7274090072947229953..comments2024-02-11T13:55:34.165+05:30Comments on बेचैन आत्मा: गेहूँदेवेन्द्र पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-62585233370037374592019-04-17T12:06:21.149+05:302019-04-17T12:06:21.149+05:30किसान की व्यथा गहराई से .... सहज शब्दों में
वाहकिसान की व्यथा गहराई से .... सहज शब्दों में<br />वाहM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-37529750861016826522015-04-25T16:20:26.332+05:302015-04-25T16:20:26.332+05:30बिलकुल सही कहा आपने...हमें तो सिर्फ गेहूं पिसवाना ...बिलकुल सही कहा आपने...हमें तो सिर्फ गेहूं पिसवाना ही पड़ता है . लेकिन गेहूं उगाने में कितनी मेंहनत है यह किसान ही जानता है . बढ़िया प्रस्तुति...Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-14368978069503568482015-04-25T00:39:41.519+05:302015-04-25T00:39:41.519+05:30बहुत बहुत अच्छी रचना। गेंहू हमारा जीवन है। बहुत बहुत अच्छी रचना। गेंहू हमारा जीवन है। कहकशां खानhttp://ourayurvedicmedicine.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-2350484304897743252015-04-23T14:35:04.519+05:302015-04-23T14:35:04.519+05:30क्षमा चाहूँगी। बताये अनुसार संशोधन कर दिया है।
इत...क्षमा चाहूँगी। बताये अनुसार संशोधन कर दिया है। <br />इतने लोगों में उस स्वच्छ शब्द की अशुद्धता के बारे में आपने ही अवगत <br />कराया कृतज्ञ हूँ। आभार। djhttps://www.blogger.com/profile/09135162402074927712noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-35424479552697100562015-04-19T20:44:12.773+05:302015-04-19T20:44:12.773+05:30धन्यवाद अपनी व्यस्तता से समय निकल कर इस और रुख कर...धन्यवाद अपनी व्यस्तता से समय निकल कर इस और रुख करने के लिए। आपके सुझाव के आधार पर आगामी कविताओं में सुधार का निश्चित ही प्रयास करूँगी। इस अमूल्य मार्गदर्शन के लिए हृदय से धन्यवाद। और आगे भी आपका मार्गदर्शन अपेक्षित है आदरणीय। djhttps://www.blogger.com/profile/09135162402074927712noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-18921684565355582992015-04-19T19:59:59.679+05:302015-04-19T19:59:59.679+05:30आभार आपका।आभार आपका।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-11260308160064852022015-04-19T19:59:16.833+05:302015-04-19T19:59:16.833+05:30आभार आपका।आभार आपका।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-30494761287120358782015-04-19T17:07:16.021+05:302015-04-19T17:07:16.021+05:30सुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
शुभकामनाएँ।
मेरे ब्लॉग...सुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..<br />शुभकामनाएँ।<br />मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।Sanjuhttps://www.blogger.com/profile/00171018255400064717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-13491191493194078742015-04-19T11:12:15.848+05:302015-04-19T11:12:15.848+05:30किसान का दर्द बखूब ज़ाहिर किया है इस रचना में। डिब...किसान का दर्द बखूब ज़ाहिर किया है इस रचना में। डिब्बाबंद भोजन करने वाली संस्कृति को यह बात समझ पाना मुश्किल है।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-7602932966935341362015-04-18T17:24:32.326+05:302015-04-18T17:24:32.326+05:30वाह, बहुत सही कहा आपने वाह, बहुत सही कहा आपने Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-5782861874816465472015-04-18T16:44:33.579+05:302015-04-18T16:44:33.579+05:30आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (19-04-2015)...आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (19-04-2015) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "अपनापन ही रिक्तता को भरता है" (चर्चा - 1950) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंकडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-66228475092680376412015-04-18T15:16:03.927+05:302015-04-18T15:16:03.927+05:30"उनकी मज़बूरी के तले
हमारे सभी विकल्प
सुरक्षित..."उनकी मज़बूरी के तले<br />हमारे सभी विकल्प<br />सुरक्षित हैं.........."<br />बहुत खूब देवेन्द्र सर ....... सादर नमन। djhttps://www.blogger.com/profile/09135162402074927712noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-28270774350648823512015-04-18T13:06:31.750+05:302015-04-18T13:06:31.750+05:30एक सही तस्वीर दिखाई आपने | हम शहरी लोग तो बाज़ार प...एक सही तस्वीर दिखाई आपने | हम शहरी लोग तो बाज़ार पर निर्भर करते हैं पर उनकी रोज़ी रोटी तो वही है |सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-76583890682128459552015-04-18T10:18:34.512+05:302015-04-18T10:18:34.512+05:30बहुत दयनीय हालत है किसान की1 सुन्दर रचना1बहुत दयनीय हालत है किसान की1 सुन्दर रचना1निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com