tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post7622778963525161623..comments2024-02-11T13:55:34.165+05:30Comments on बेचैन आत्मा: ध्रुपद मेलादेवेन्द्र पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-12180419023493997992012-02-20T23:18:52.199+05:302012-02-20T23:18:52.199+05:30खुशकिस्मत हैं आप पाण्डेय जी, लाभ उठा पा रहे हैं। व...खुशकिस्मत हैं आप पाण्डेय जी, लाभ उठा पा रहे हैं। वैसे हम भी कम खुशकिस्मत नहीं, आपके माध्यम से कुछ प्रसाद हम तक भी पहुँच ही रहा है।संजय @ मो सम कौन...https://www.blogger.com/profile/14228941174553930859noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-5888273570515593392012-02-20T19:32:47.045+05:302012-02-20T19:32:47.045+05:30काश हम भी उठा पाते ये आनंद ... राग यमन के साथ एक र...काश हम भी उठा पाते ये आनंद ... राग यमन के साथ एक रात ... <br />किस्मत वाले हैं आप ... संगीत दिल की भाषा हजी और इसे दिल से ही समझा जाता है जो अप बाखूबी समझते हैं देवेन्द्र जी ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-69654966849786757172012-02-20T11:47:10.964+05:302012-02-20T11:47:10.964+05:30ये जानकार बहुत अछ्छा लगा कि यैसा सुन्दर कार्यक्रम ...ये जानकार बहुत अछ्छा लगा कि यैसा सुन्दर कार्यक्रम बनारस में होता है.कभी मौक़ा मिला तो मैं भी जाना चाहता हूँ.वैसे मुझे भी शाष्त्रीय संगीत का ज्ञान तो नहीं मगर अछ्छा लगता है शांत होकर सुनने में.<br />संगीत प्रेम जग रहा है,ये जानकार और भी अछ्छा लगा.prem ballabh pandeyhttps://www.blogger.com/profile/16202190259689692899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-33676604224169833822012-02-19T20:59:03.229+05:302012-02-19T20:59:03.229+05:30कमाल हो गया जी...अभी अचानक काजलजी के ब्लॉग पर टहलत...कमाल हो गया जी...अभी अचानक काजलजी के ब्लॉग पर टहलते हुए इस पोस्ट की सूचना मिली,पता नहीं,फीड क्यों चूक गई ?<br /><br />संगीत का अपना आनंद है वह भी बिना किसी संगत के.अगली बार मोबाइल और कैमरा मत ले जाना .इससे रसभंग होता है.<br /><br />आपके विडियो से जितनी आवाज़ सुन पाया हूँ,मधुर लगी.साक्षात् देखना और सुनना अलग ही सुकून और आनंद देता है !संतोष त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00663828204965018683noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-83249761822325623422012-02-19T17:23:21.483+05:302012-02-19T17:23:21.483+05:30ब्लॉगर इत्ता बुरा जीव भी नहीं कि न ले जाया जा सके ...ब्लॉगर इत्ता बुरा जीव भी नहीं कि न ले जाया जा सके साथ। जब वह दक्ष हो जाता है तो संगीत का भी आनन्द लेता है और रिपोर्ट भी कर लेता है।<br /><br />कोई अपराध बोध नहीं होना चाहिये।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-81617119182799746472012-02-19T16:49:37.966+05:302012-02-19T16:49:37.966+05:30संगीत को कौन सुनता है. शायद सुनने से परे है. महसूस...संगीत को कौन सुनता है. शायद सुनने से परे है. महसूस किया जा सकता है और फिर आपने बखूबी महसूस किया हैM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-90662119249730726182012-02-19T10:07:19.927+05:302012-02-19T10:07:19.927+05:30बहुत सूना है इस समारोह के बारे में, आँखों देखा हाल...बहुत सूना है इस समारोह के बारे में, आँखों देखा हाल आज ही सूना. वीडियो क्लिप देखने फिर आऊँगा!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-10028746262017387562012-02-19T09:54:57.757+05:302012-02-19T09:54:57.757+05:30कमाल यह भी है पाण्डेय जी, कि हम भी आपकी ही की नाव...कमाल यह भी है पाण्डेय जी, कि हम भी आपकी ही की नाव मैं सवार थे!! कृपया देखे: सुर संध्या - एक आँखों देखी प्रस्तुति (हमारी नई पोस्ट!)। बहरहाल ध्रुपद तो वैसे भी साधारण जन के लिए गणित की बाइनोमियल थ्योरम के पदों जैसा कठिन विषय है!!SKThttps://www.blogger.com/profile/10729740101109115803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-7709595546006581122012-02-19T08:57:48.601+05:302012-02-19T08:57:48.601+05:30संगीत का आनंद तो तल्लीनता से सुनने पर अपने आप आने ...संगीत का आनंद तो तल्लीनता से सुनने पर अपने आप आने लगता है फिर चाहें वह समझ आये या न आये थोड़ी देर में आप किसी और ही दुनिया में होते हैं. काजल जी की चिंता भी जायज़ हैं.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-43613151896146688182012-02-19T07:54:02.517+05:302012-02-19T07:54:02.517+05:30सबसे पुराना ये ध्रुपद पता नहीं कितने दिन और सांस ल...सबसे पुराना ये ध्रुपद पता नहीं कितने दिन और सांस लेगा. इसे आक्सीजन की बहुत सख्त ज़रूरत है.Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-32834170391604229232012-02-19T07:27:40.839+05:302012-02-19T07:27:40.839+05:30तात्कालिक शब्द विस्तृत का लोभ जगाता है:)तात्कालिक शब्द विस्तृत का लोभ जगाता है:)देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-31676604797770962402012-02-19T07:05:18.971+05:302012-02-19T07:05:18.971+05:30कैमरा कीने क पैसा नई खे। जउन रोगिया भावे उहै वैद ब...कैमरा कीने क पैसा नई खे। जउन रोगिया भावे उहै वैद बतावे, काहे लोभ जगावे!:)देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-23596337768853827972012-02-19T07:01:39.211+05:302012-02-19T07:01:39.211+05:30हा हा हा...यह चूक तो होनी ही थी बेटे से।हा हा हा...यह चूक तो होनी ही थी बेटे से।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-44148265355457286372012-02-18T22:35:06.321+05:302012-02-18T22:35:06.321+05:30पांडे जी!
संगीत की समझ और नासमझी के बारे में स्व.प...पांडे जी!<br />संगीत की समझ और नासमझी के बारे में स्व.पंडित सत्यदेव दुबे जी का एक आलेख याद आता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि असली संगीत वही होता है जिसे सुबह ऑफिस जाने के पहले आप सुनते हैं और उसका मजाक उड़ाते हुए गुनगुनाते हैं, लेकिन जब ऑफिस से शाम को लौटते हैं तो वही गीत आप एन्जॉय करते होते हैं.. और सोचते हैं कि वही गीत आपकी जुबान से सारे दिन चिपका रहा.. <br />अच्छी कवरेज.. अली सा और आपके संगीत समारोह के बाद आज हमारी भी संगीत सभा हो गयी भूल से.. पटना में बेटा फिल्म आनंद देख रहा था और देखते हुए बोला कि इस फिल्म में सलिल वर्मा संगीत बहुत ही मधुर है.. जब लोग हंसाने लगे तब उसे समझ में आया कि वह सलिल चौधरी की जगह सलिल वर्मा बोल रहा था!! (आउट ऑफ कांटेक्स्ट)!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-87370594581601497902012-02-18T21:46:28.741+05:302012-02-18T21:46:28.741+05:30तभी असली आनंद ले सकेंगे ... सिर्फ खुद जाइएगातभी असली आनंद ले सकेंगे ... सिर्फ खुद जाइएगारश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-52120911369925960472012-02-18T21:45:50.190+05:302012-02-18T21:45:50.190+05:30इस मेले की और पागल दास की बहुत चर्चाएँ सुनी हैं अप...इस मेले की और पागल दास की बहुत चर्चाएँ सुनी हैं अपने गुरुजनों से.....कई बार इच्छा हुयी कि एक बार जा कर देखा सुना जाय ..पर तब पढ़ाई का भूत ज्यादा ताकतवर हुआ करता था......पढ़ाई पूरी हुयी तो आगे के जीवन व्यापार से फुरसत नहीं मिल पायी ....अब बनारस आ पाना सपना हो गया है ....<br />ए हो मरदे ! अपना कैमरा काहे नाहीं बदलत हउआ ?बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-34985359696839286162012-02-18T21:23:23.953+05:302012-02-18T21:23:23.953+05:30:):)Avinash Chandrahttps://www.blogger.com/profile/01556980533767425818noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-53874647184590979432012-02-18T21:16:32.385+05:302012-02-18T21:16:32.385+05:30और उसके बावजूद भी ब्लोगर को इन्वोल्व कर दिया :)और उसके बावजूद भी ब्लोगर को इन्वोल्व कर दिया :)पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-7743644807580220812012-02-18T21:06:27.847+05:302012-02-18T21:06:27.847+05:30अली सा के संगीत ही नहीं सगत में भी गहरा दर्शन छुपा...अली सा के संगीत ही नहीं सगत में भी गहरा दर्शन छुपा है -बनारस में तो रोज ही विश्व मेले लगे रहते हैं कस्मै देखाय कस्मै परित्यागाय ? :)Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-36163113558830788332012-02-18T20:26:06.122+05:302012-02-18T20:26:06.122+05:30कमाल संगीत में है और आपके अवलोकन में भी...कमाल संगीत में है और आपके अवलोकन में भी...प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-64093616098398327432012-02-18T20:11:06.408+05:302012-02-18T20:11:06.408+05:30@ फिलहाल तात्कालिक टिप्पणी ,
संयोग तो जबरदस्त है ...@ फिलहाल तात्कालिक टिप्पणी ,<br /><br />संयोग तो जबरदस्त है ही ! इधर आपको बगल वाले ने बताया कि राग यमन गाया जा रहा है उधर से फोन पर आवाज आई कि कमाल हो गया :)<br /><br />उधर फोन वाले अपने आलेख के आखिर आखिर में डगर भटके हुए थे जबकि इधर आप स्वयं डागर बंधुओं पे अटके हुए थे :)उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-2138027460364486932012-02-18T19:30:05.874+05:302012-02-18T19:30:05.874+05:30समझ आए या ना आए , संगीत तो अपना जादू बखेरता है ।
ह...समझ आए या ना आए , संगीत तो अपना जादू बखेरता है ।<br />हम भी खो जाते हैं संगीत में ।<br />अब अली सा का जादू देखते हैं ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.com