tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post8579071875301143854..comments2024-02-11T13:55:34.165+05:30Comments on बेचैन आत्मा: माँ गंगेदेवेन्द्र पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comBlogger38125tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-16737652653503407192015-11-20T09:31:57.208+05:302015-11-20T09:31:57.208+05:30माँ गंगे का सौंदर्य आँखों में झिलमिला गया माँ गंगे का सौंदर्य आँखों में झिलमिला गया रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-24385922229023151012011-11-15T20:13:45.414+05:302011-11-15T20:13:45.414+05:30achhi rachna............
vaise hamara to desh hi ...achhi rachna............<br /><br />vaise hamara to desh hi tyohaaron ka hai.....<br /><br />bachpan me ek kavita padhi thi..."tyohaaron ka desh hmaara humko is se pyaar hai"..............CS Devendra K Sharma "Man without Brain"https://www.blogger.com/profile/14027886343199459617noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-34949668428519731212011-11-12T21:17:33.937+05:302011-11-12T21:17:33.937+05:30कहीं कार्तिक मास में वैसे ही तो सुंदर नही दिखती मा...कहीं कार्तिक मास में वैसे ही तो सुंदर नही दिखती माँ गंगे, जैसे मेरे घर आने पर मुझे आनंद में देख कर<br />खुश हो जाती थीं और मै समझता था सुखी है मेरी मां ।<br />माँ का सुख तो होता ही है बच्चों की खुशी में । सुंदर भावपूर्ण कवितान ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-76783688071903622062011-11-12T19:28:39.567+05:302011-11-12T19:28:39.567+05:30जय गंगे!जय गंगे!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-74236906967578690052011-11-12T06:54:09.379+05:302011-11-12T06:54:09.379+05:30माँ गंगा तो हममे भी बहती है. बहुत सुन्दर लिखा है.माँ गंगा तो हममे भी बहती है. बहुत सुन्दर लिखा है.Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-60305399114288146082011-11-10T12:58:13.041+05:302011-11-10T12:58:13.041+05:30अच्छी प्रस्तुति ....अच्छी प्रस्तुति ....अंजना https://www.blogger.com/profile/07031630222775453169noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-61651366995831403272011-11-10T12:39:02.413+05:302011-11-10T12:39:02.413+05:30देव दीपावली ... बनारस के घाट पर तो देखने का सौभाग्...देव दीपावली ... बनारस के घाट पर तो देखने का सौभाग्य नहीं मिला पर हरिद्वार में गंगा आरती देखी है कई बार ... आपने पंक्तियों में गंगा के रूप और आज की त्रासदी, सामाजिक प्रदूषित बदलाव को बहुत बारीकी से छुवा है .. बधाई इस रचना पे ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-73215798597066278852011-11-09T23:43:04.637+05:302011-11-09T23:43:04.637+05:30देवेन्द्र जी,..गंगा तट का सुंदर चित्रण... पोस्ट पस...देवेन्द्र जी,..गंगा तट का सुंदर चित्रण... पोस्ट पसंद आई ...<br />मेरे नए पोस्ट वजूद पर स्वागत हैधीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-15701649469254685542011-11-09T19:47:04.125+05:302011-11-09T19:47:04.125+05:30बहुत सुंदर भावपूर्ण चित्रण... गंगा के घाट आँखों के...बहुत सुंदर भावपूर्ण चित्रण... गंगा के घाट आँखों के समक्ष जीवंत हो गए... बहुत सुंदरKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-44436299139319217432011-11-09T12:14:11.672+05:302011-11-09T12:14:11.672+05:30वाह ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।वाह ...बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-44185224569716663902011-11-08T14:28:40.374+05:302011-11-08T14:28:40.374+05:30ज़बरदस्त.....बेहतरीन.......हमने एक बार हरिद्वार के...ज़बरदस्त.....बेहतरीन.......हमने एक बार हरिद्वार के तट पर शाम को गंगा की आरती देखि थी..........मन को मोह लेने वाला दृश्य था |Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-29600166638121449202011-11-08T13:25:43.670+05:302011-11-08T13:25:43.670+05:30गंगा माँ पर बहुत अच्छी कविता लिखी है,उत्कृष्ट भाव ...गंगा माँ पर बहुत अच्छी कविता लिखी है,उत्कृष्ट भाव !<br /><br />कृपया पधारें ।<br /> http://poetry-kavita.blogspot.com/2011/11/blog-post_06.htmlHumanhttps://www.blogger.com/profile/04182968551926537802noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-65005307934148824712011-11-08T08:11:40.661+05:302011-11-08T08:11:40.661+05:30पांडे जी!
शुरू से अंत तक बांधकर रखा और अंत में बां...पांडे जी!<br />शुरू से अंत तक बांधकर रखा और अंत में बांधकर एक ऐसा द्रश्य दिखा दिया जिसके कारन पटना जाकर भी मैं माँ के दर्शन करने नहीं जाता... उस छिन्न्वस्त्रा गंगा को देखकर दुःख होता है जिसकी गोड में हम हर हर गंगे बोलकर स्नान करते थे आज उसकी छाती पर हल चला रहे हैं लोग... हमारे यहाँ तो त्यौहारों पर भी नहीं आती माँ, बहुत दूर हो गयी हैं!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-37861018748295452662011-11-07T21:39:19.813+05:302011-11-07T21:39:19.813+05:30हर-हर गंगे,जय हो.हर-हर गंगे,जय हो.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-69553617325965542792011-11-07T12:06:53.163+05:302011-11-07T12:06:53.163+05:30सुनने में आ रहा है गंगा का अस्तित्व ख़तरे में है ....सुनने में आ रहा है गंगा का अस्तित्व ख़तरे में है .उद्गम की हिमानियाँ सिमटती जा रही हैं ,और नगरों ने जीवन-जल विकृत कर डाला है.आगे क्या होगा समझ में नहीं आता.प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-89048791873096027462011-11-07T09:45:37.654+05:302011-11-07T09:45:37.654+05:30अति-सुन्दर अभिव्यक्ति.अति-सुन्दर अभिव्यक्ति.Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-33373151005357442022011-11-06T23:33:10.622+05:302011-11-06T23:33:10.622+05:30जय हो गंगा मैय्या की।जय हो गंगा मैय्या की।Atul Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02230138510255260638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-72417032772244505462011-11-06T23:23:19.766+05:302011-11-06T23:23:19.766+05:30आदरणीय अली सा...
बहुत दिनो बाद आपका इतना जोरदार आ...आदरणीय अली सा...<br /><br />बहुत दिनो बाद आपका इतना जोरदार आशीर्वाद मिला। मन प्रसन्न हो गया। आपका यह आशीर्वाद अनमोल है मेरे लिए। माँ गंगा को अर्पित आपकी शब्दांजलि से अभिभूत हूँ ही। <br /><br />इस कविता को लिखने में कल कुछ नहीं पढ़ पाया। आज भी इसे पोस्ट कर घूमने चला गया। लौट कर अखबार पढ़ा..भूपेन दा नहीं रहे। लगा कि माँ गंगा ने अपना सच्चा सपूत खो दिया। माँ गंगा से प्रश्न पूछते-पूछते थक कर एक बालक ने सदा के लिए माँ की गोद में विश्राम पा लिया। भूपेन दा, माँ गंगा के लिए उनके गाये सिर्फ एक गीत के कारण सदा सदा के लिए अमर हो चुके हैं। मेरी कविता पढ़कर आपको उनकी याद आई, यह भी उनके द्वारा गाये गये उसी गीत का परिणाम है। अपने साथ मेरी भी विनम्र श्रद्धांजलि शामिल कर लें।<br />..आभार।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-35315838977392648882011-11-06T22:46:31.334+05:302011-11-06T22:46:31.334+05:30देवेन्द्र जी, बहुत उम्दा रचना...
सिर्फ़ धार्मिक दृष...देवेन्द्र जी, बहुत उम्दा रचना...<br />सिर्फ़ धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, समाज के हर वर्ग के लिए गंगा जल की पवित्रता नितांत आवश्यक है.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-42052943809689360632011-11-06T20:04:21.054+05:302011-11-06T20:04:21.054+05:30अंतिम पंक्तियों ने तो गजब ढा दियाअंतिम पंक्तियों ने तो गजब ढा दियाArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-80603605556419347102011-11-06T19:39:17.661+05:302011-11-06T19:39:17.661+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
देवोत्थान पर्व की शुभकामनाए...बहुत सुन्दर प्रस्तुति!<br />देवोत्थान पर्व की शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-72256420391021395792011-11-06T18:27:11.130+05:302011-11-06T18:27:11.130+05:30@ प्रिय देवेन्द्र जी १,
शुरू में लगा...ये लो...अपन...@ प्रिय देवेन्द्र जी १,<br />शुरू में लगा...ये लो...अपने पाण्डेय जी भी गये काम से , और लोग क्या कम थे जो अपने ब्लागरीय धत्कर्म को पापहारिणी , जीवतारिणी , पुण्यसलिला , त्रिपथगा , ध्रुव नंदा , मंदाकिनी , विष्णु पगा , ब्रह्मकमंडल वासिनी , शिवजटा निवासिनी,सुरसरिता , जाह्नवी , में नित्य प्रति आरोहित कर अपना बौद्धिक अस्तित्व बनाये होने की जुगत में बने रहते हैं ! <br /><br />यहाँ तक कि कविता की अंतिम चार पंक्तियों के पूर्व तक मैं भी इसी भ्रम में जिया किया पर ...आप तो आप हैं जिन्हें मैंने प्रियवर ऐसे वैसे ही तो नहीं स्वीकारा था ! आप की जय हो ! आपका दर्शन अंदर तक भिगो गया मुझे !<br /><br />कविता का अंत कविता शुरुवात कर गया !<br /><br />@ प्रिय देवेन्द्र जी २,<br />देवि गंगा के सानिध्य में भूपेन दा को शत शत नमन !उम्मतेंhttps://www.blogger.com/profile/11664798385096309812noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-56582832372293301952011-11-06T17:46:51.919+05:302011-11-06T17:46:51.919+05:30मां गंगे हर मौसम में मां ही हैं, और मां तो सुन्दर ...मां गंगे हर मौसम में मां ही हैं, और मां तो सुन्दर होती ही है। हां मां के आंचल को हम गन्दा न करें, यह हमारा कर्तव्य है।<br />विद्यापति जी का गीत याद आ रहा है,<br />‘बड़ सुख सार पउल तु तीरे’मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-88806721357082091282011-11-06T17:31:06.610+05:302011-11-06T17:31:06.610+05:30अति-सुन्दर अभिव्यक्ति.अति-सुन्दर अभिव्यक्ति.prem ballabh pandeyhttps://www.blogger.com/profile/16202190259689692899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-50293076411643460972011-11-06T16:12:27.461+05:302011-11-06T16:12:27.461+05:30जय माँ गंगे ....जय माँ गंगे ....Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.com