tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post1298478311154496755..comments2024-02-11T13:55:34.165+05:30Comments on बेचैन आत्मा: मैं अकेला हूँ !देवेन्द्र पाण्डेयhttp://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-84306545156154366342013-12-04T19:03:15.682+05:302013-12-04T19:03:15.682+05:30मछ्छर,मकड़ी,छिपकली और चूहों का साथ है,कोई प्यार करन...मछ्छर,मकड़ी,छिपकली और चूहों का साथ है,कोई प्यार करने वाला भी नहीं ,शिकायत करने वाला भी नहीं !prem ballabh pandeyhttps://www.blogger.com/profile/16202190259689692899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-3922418916809121462013-12-04T17:28:32.603+05:302013-12-04T17:28:32.603+05:30
सच इंसान कभी अकेला रहता ही नहीं है .... ..आस-पास ...<br />सच इंसान कभी अकेला रहता ही नहीं है .... ..आस-पास कितना कुछ रहता है फिर अकेले कैसे .....<br />बहुत सुन्दर बिम्ब प्रस्तुत किया है आपने ....<br />कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-64873799759825938172013-12-04T13:45:02.846+05:302013-12-04T13:45:02.846+05:30ओह .....भावुक अभिव्यक्तिओह .....भावुक अभिव्यक्तिवसुन्धरा पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/12807783136209273289noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-37341441639926351342013-12-03T21:04:33.108+05:302013-12-03T21:04:33.108+05:30कल 04/12/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://n...कल <b>04/12/2013</b> को आपकी पोस्ट का लिंक होगा <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.in" rel="nofollow"> http://nayi-purani-halchal.blogspot.in </a> पर <br />धन्यवाद!<br />Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-90145952241097276532013-12-03T18:01:53.897+05:302013-12-03T18:01:53.897+05:30मैं अकेला हूँ ... यूं तो हर कोई अकेला है आज के दौर...मैं अकेला हूँ ... यूं तो हर कोई अकेला है आज के दौर में ... पर किसी दूसरे अकेले को साथ बनाइये ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-84568681848800640822013-12-02T20:10:17.388+05:302013-12-02T20:10:17.388+05:30पाण्डेय जी आजकाल शहर में तो सब अकेले है ,कोई किसी ...पाण्डेय जी आजकाल शहर में तो सब अकेले है ,कोई किसी को नही पहचानते हैं !कमाल का शहर है !<br />नई पोस्ट <a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/12/blog-post.html#links" rel="nofollow"> वो दूल्हा....</a>कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-75982624380491901732013-12-02T14:45:56.270+05:302013-12-02T14:45:56.270+05:30आदमी सदा अकेला ही है । यही उसकी नियति है । हाँ, इस...आदमी सदा अकेला ही है । यही उसकी नियति है । हाँ, इसे स्वीकार करना कठिन है |इमरान अंसारी https://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-48971188133653976592013-12-02T13:10:55.108+05:302013-12-02T13:10:55.108+05:30मैं अकेला हूँ -
नहीं बंधा हूँ किसी के प्रेम से -
...मैं अकेला हूँ -<br /><br />नहीं बंधा हूँ किसी के प्रेम से -<br /><br />क्योंकि इस जगती के प्रेम हद के हैं -<br /><br />बेहद के प्रेम की तलाश में अकेला हूँ। <br /><br />सुन्दर रचना संसार और रूपक है आधुनिक जीवन का। <br /><br />नौकरी से बंधा मैं अपने से ही दूर हूँ -<br /><br />कितना मजबूर हूँ। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-55951148823049473122013-12-02T09:43:51.103+05:302013-12-02T09:43:51.103+05:30घर से दूर यह अकेलापन। कविता ऐसे भुक्तभोगियों की व...घर से दूर यह अकेलापन। कविता ऐसे भुक्तभोगियों की व्यथा बयान करती है !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-31921434392670878952013-12-02T08:32:08.093+05:302013-12-02T08:32:08.093+05:30ये अकेलापन...
अकेलेपन की यह व्यथा...
ये हम सभी की...ये अकेलापन...<br />अकेलेपन की यह व्यथा... <br />ये हम सभी की ही व्यथा है...!<br />...a feeling so easy to identify it... well penned!<br />अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-3523263370812299102013-12-02T07:31:28.374+05:302013-12-02T07:31:28.374+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!<br />--<br />आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (02-112-2013) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/2013/12/1449.html" rel="nofollow"> "कुछ तो मजबूरी होगी" (चर्चा मंचःअंक-1449)<br /> </a> पर भी है!<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'<br />डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-74896545628936419002013-12-02T05:58:18.930+05:302013-12-02T05:58:18.930+05:30गजानन माधव मुक्तिबोध की राह पर चल पड़े हैं। .... गजानन माधव मुक्तिबोध की राह पर चल पड़े हैं। .... Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-21988456628409819322013-12-01T23:01:52.192+05:302013-12-01T23:01:52.192+05:30बहुत सुंदर..... गहन भावपूर्ण प्रस्तुति ..... बहुत सुंदर..... गहन भावपूर्ण प्रस्तुति ..... Ranjana vermahttps://www.blogger.com/profile/18228698425578643882noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-84042739574238644102013-12-01T21:57:29.331+05:302013-12-01T21:57:29.331+05:30अकेलेपन से निकलना होगा !अकेलेपन से निकलना होगा !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-59911581456023954762013-12-01T18:56:42.641+05:302013-12-01T18:56:42.641+05:30अकेले हैं तो क्या ग़म है,
कीड़े मकौड़े क्या कम हैं...अकेले हैं तो क्या ग़म है,<br />कीड़े मकौड़े क्या कम हैं ! <br />डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-66961870970065059712013-12-01T18:52:13.838+05:302013-12-01T18:52:13.838+05:30वाह!वाह!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-65574235617436067452013-12-01T18:50:35.426+05:302013-12-01T18:50:35.426+05:30यकीन कीजिए.. मैं अकेला हूँ ! लिखते वक्त आपका और हम...यकीन कीजिए.. मैं अकेला हूँ ! लिखते वक्त आपका और हम जैसे बहुतों की याद साथ-साथ थी। देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-15609283016955186572013-12-01T18:47:10.597+05:302013-12-01T18:47:10.597+05:30धन्यवाद। फुर्सत मिलते ही साझा होने का प्रयास करूं...धन्यवाद। फुर्सत मिलते ही साझा होने का प्रयास करूंगा अभी नेट से सप्ताह में दो चार घंटे ही जुड़ पाता हूँ। देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-74060294625117097422013-12-01T15:25:51.948+05:302013-12-01T15:25:51.948+05:30सच कहा...कहाँ अकेले हैं आप...मच्छर, मकड़ी, चूहे...औ...सच कहा...कहाँ अकेले हैं आप...मच्छर, मकड़ी, चूहे...और कविता का साथ तो है ही...Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-16896244623424053702013-12-01T15:25:33.002+05:302013-12-01T15:25:33.002+05:30ए पांडे जी! आप त हमरा व्यथा बयान कर दिए हैं.. आजकल...ए पांडे जी! आप त हमरा व्यथा बयान कर दिए हैं.. आजकल ओही फेज से हम भी गुजर रहे हैं.. ई कविता छपवाकर दीवाल पर टांग देते हैं!! जय हो!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-83017587522098024532013-12-01T13:39:25.781+05:302013-12-01T13:39:25.781+05:30केले सा जीवन जियो, मत बन मियां बबूल |
सामाजिक प्रत...केले सा जीवन जियो, मत बन मियां बबूल |<br />सामाजिक प्रतिबंध कुल, दिल से करो क़ुबूल |<br /><br />दिल से करो क़ुबूल, अन्यथा खाओ सोटा |<br />नहीं छानना ख़ाक, बाँध कर रखो लंगोटा |<br /><br />दफ्तर कॉलेज हाट, चौक घर मेले ठेले |<br />रहो सदा चैतन्य, घूम मत कहीं अकेले |रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1858175786086885321.post-74536957101679995692013-12-01T10:58:18.891+05:302013-12-01T10:58:18.891+05:30कहाँ अकेले रहते हैं हम?
अपने से सब दिखते रहते,
मू...कहाँ अकेले रहते हैं हम? <br />अपने से सब दिखते रहते,<br />मूक रहे वैश्विक संबोधन,<br />शुष्क व्यवस्था और हृदय नम,<br />कहाँ अकेले रहते हैं हम?प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com