बेचैन आत्मा

11.6.13

बारिश

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फिर पसीना पोछ कर पढ़ने लगा उनके शहर में आज फिर  बारिश हुई! देखा है हमने अपने शहर से बादलों को रूठकर जाते हुए  औ. सुना है.. देखा...
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5.6.13

पाक गईल अमवाँ कि ना..?

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चखे लागल छोटकी चिरैय्या ! मैय्या देखा तनि, पाक गइल अमवाँ कि ना.. ? चार बूँद झरल बाटे अबहिन ले मुनियाँ चार जून रूका तनि बरसे द s बुन...
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1.6.13

शतरंज

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खिलाड़ी समय और अवसर देखकर बिछा देते हैं बिसात सजा देते हैं मोहरे फूँक देते हैं प्राण बांट देते हैं अधिकार और चलने लगते हैं अपनी-अपन...
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25.5.13

धोबी के गधे

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धोबी के गधे प्रायः इस बात से दुखी रहते हैं कि दूसरे, उससे कम बोझ क्यों उठाते हैं ? धोबी, उसी पर अधिक बोझ क्यों लादता है?  वे...
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17.5.13

अंधेरे की वजह

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घाटशिला की यात्रा यूँ तो मैने बिटिया के समर इन्टर्नशिप के चक्कर में मजबूरी में की थी लेकिन इस यात्रा ने मुझे अग्निमित्र से मिला दिया। देश...
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13.5.13

स्वर्ण रेखा नदी

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तेरा असली नाम क्या है, स्वर्ण रेखा नदी? तू उस देश में बहती है जिस देश को कभी ‘ सोने की चिड़िया ’ कहते थे, उस राज्य में बहती ह...
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11.4.13

ज़िंदगी

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सबेरा बच्चे सा हँसने लगा कभी पंछी कभी तितली कभी फूल धूप खि ली जानवर हो गया! बदलने लगा गिरगिट की तरह रंग कभी कुत्ता ...
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