गंगा में पानी है कम
बीच धार में सभी तैर नहीं रहे, कुछ आराम से खड़े भी हो जा रहे हैं।
परिंदों को दाना खिलाना भी क्या कमाल का शौक है!
सुबह-ए-बनारस देखने उड़ कर आये ये विदेशी मेहमान
क्या मस्ती है!
कितनी नावों में कितने जोड़े!
मैं एक ही स्थान पर बैठा हूँ..नावें बदल रही हैं।
इसके पास मेरे से बढ़िया कैमरा है!
सभी तश्वीरें आज सुबह की हैं।
waah ! ek jagah baith kar banaras ke rang ghuma diye . dhanyawaad !
ReplyDeleteजय हो गंगा मैया !
ReplyDeleteतो आप भी सुबह सुबह चक्षु पान कर रहे थे ! :)
ReplyDeleteहमें भी बड़ा मज़ा आया गंगा दर्शन करके .
बहुत खूब ...
ReplyDeleteकैमरे के भी महारथी हैं आप
sarthak ganga darshan aur soch ka samaan bhi ....
ReplyDeleteNice Pic...
ReplyDeleteसुबह बनारस.
ReplyDeleteशांत-सुंदर.
देख भी लिया और इन लाजवाब चित्रों कों मन में भी बैठा लिया ...
ReplyDeleteबनारस की एक भोर ...
चकाचक फोटो हैं।
ReplyDeleteमुझे संगम की याद हो आयी. अक्सर शाम को वहाँ जाकर बैठते थे और गंगा-यमुना का मिलन देखते रहते थे, जब तक कि सूरज पूरा डूबकर सुरमई चादर नहीं ओढ़ लेता था...:)
ReplyDeleteसुन्दर दृश्य ।।
ReplyDeleteसादर नमन ।
जय माँ ।।
लाजबाब चित्र हैं ! पर आपने सब के सब यूज कर लिए हैं ! आपसे कोई एक मांग भी नहीं सकते ! मांग भी लें तो लगेगा कि इसे तो पाण्डेय जी यूज कर चुके हैं :)
ReplyDeleteआप मुझे तैरने के लिए उकसा रहे है :)
ReplyDeleteकम पानी में मजे बहुत हैं, आनन्द छिपा है गंगा में।
ReplyDeleteबड़े ख़ूबसूरत चित्र हैं...एक अकेली कश्ती का चित्र होता तो शायद आपकी इजाज़त से... अपनी कहानी के लिए यहीं से ले लेती गूगल में भटकना नहीं पड़ता :)
ReplyDeleteक्या बात है आपने एक ही जगह बैठकर इतना आनद ले लिया..वो भी विदेशियों से कमतर कैमरे से.:):)
ReplyDeleteबढ़िया चित्र हैं.
waaaah janab!!!!
ReplyDeletegang 0 jamuni Tehzib e hind zindaa krne k liye shukriya!!!
बीच धार में पानी इतना कम कैसे हो सकता है कि आदमी खडा हो सके ? फोटो अछ्छे आये हैं.
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत तस्वीरें हैं....आपने बहुत पहले की बनारस की एक सुबह याद दिला दी!!
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