बहुत दिनो के बाद
मैं भी दूर शहर से आया
बहुत दिनो के बाद
ठाकुर जी के बरतन चमके
बहुत दिनो के बाद
सभी फूल इक थाल सजे हैं
बहुत दिनो के बाद
पत्नी ने पकवान बनाये
बहुत दिनो के बाद
महरिन घर का रस्ता भूली
बहुत दिनो के बाद
चूहे उछल-उछल कर नाचे
बहुत दिनो के बाद
बिल्ली ने की ताका-झांकी
बहुत दिनो के बाद
चर्खी चिड़ियाँ चीख रही थीं
बहुत दिनो के बाद
घर को गहरी नींद आ गई
बहुत दिनों के बाद
बाबा! तेरी याद आ गई
बहुत दिनो के बाद।
........................
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteआपकी कविता पढकर नागार्जुन की एक पुरानी कविता याद आ गयी......बहुत सुंदर रचना..
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteहम भी आये पढ़ने कुछ कुछ बहुत दिनों के बाद :P
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteनीचे दिया हुआ चर्चा मंच की पोस्ट का लिंक कल सुबह 5 बजे ही खुलेगा।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (15-12-13) को "नीड़ का पंथ दिखाएँ" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1462 पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद।
Deleteमुझे तो पहली पंक्ति में ही बाबा की याद आई थी.. फिर अंत तक पहुँचकर देखा कि लो ये तो सचमुच बाबा की याद है!! दिल श्रद्धा से भर गया और आपने जिन यादों को समेटा है उन्हें महसूस किया!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर स्मृतियों की थिरकन, बहुत दिनों के बाद।
ReplyDeleteआज घर गुलजार हो गया बहुत दिनों के बादl यही होता है जब बच्चे घर आते हैं बहुत दिनों के बादl
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना
ReplyDelete\\नई पोस्ट विरोध
new post हाइगा -जानवर
कितन अच्छा लगता है ये घर अपना - बहुत दिनों बाद
ReplyDeleteकितना :)
ReplyDeleteघर को घर सा पाया बहुत दिनों के बाद!
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद देखो तो सब अच्छा लगता है |
ReplyDeleteआह कितने प्यारे एहसास ..
ReplyDeleteक्या बात है -ऐसा ही हो पुरसकूँ पूरा जीवन
ReplyDeleteकितना कुछ हुआ बहुत दिनों के बाद ... और इस एक पल में जीवन सिमिट आया ...
ReplyDeleteकल 20/12/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
धन्यवाद
Deleteधन्यवाद
ReplyDeleteबहुत सुन्दर यादों का झरोखा ..
ReplyDeleteकोमल भावो की
ReplyDeleteबेहतरीन........