30.3.14

नवसंवत्सर


पत्ते झड़ते
झर झर झर
मन करे उड़ूँ 
फर फर फर
पूजा की थाली
डगर-डगर
क्या तेरा घर
क्या मेरा घर
नवसंवत्सर! नवसंवत्सर!

सोने-सी बाली
गेहूँ की
रक्तिम आभा है
गुड़हल की
समृद्ध धरा
हर्षित अम्बर
नवसंवत्सर! नवसंवत्सर!

कोहरे का सपना चूर हुआ
अंधकार अब दूर हुआ
चैत्र शुक्ल की प्रतिप्रदा
हँस कर निकल रहे दिनकर
दूज का चाँद तैयारा खड़ा
स्वागत करने को जमकर
नवदुर्गा का आह्वान
जय घोष कर रहा गगन
यह सृष्टि का प्रथम दिवस
विक्रमादित्य का विजय समर
मन क्यों न खुशी से पागल हो !
झूमे, नाचे, हर हर हर
नवसंवत्सर! नवसंवत्सर!


..............................

आप सभी को गुड़ी पड़वा और नवसंवत्सर की पूर्व संध्या पर ढेर सारी शुभकामनाएँ, हार्दिक बधाई। नववर्ष मंगलमय हो।

21 comments:

  1. जयघोष कर रहा गगन...यह सृष्टि का प्रथम दिवस... शुभकामनाएँ!!

    ReplyDelete
  2. आपको भी शुभकामना..

    ReplyDelete
  3. आपको और आपके परिवार को नयेवर्ष की बधाईयां,और हार्दिक शुभकामनाये.
    गीत पढकर मन कर रहा है गाना शुरू कर दूं.

    ReplyDelete
    Replies
    1. अभी कमी है। गाने लायक नहीं लिख पाया।

      Delete
  4. नव वर्ष का सुन्दर उदघोष..
    हार्दिक शुभकामनायें!

    ReplyDelete
  5. आपको भी ढेर सारी शुभकामनाएँ

    ReplyDelete
  6. आपको भी हार्दिक शुभ कामनाएं

    ReplyDelete
  7. बहुत प्यारा गीत....गाने को जी चाहा...
    आपको भी ढेरों शुभकामनाएं.
    अनु

    ReplyDelete
  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (31-03-2014) को "'बोलते शब्द'' (चर्चा मंच-1568) पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    नवसम्वतसर २०७१ की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    ReplyDelete
  9. नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें! नये वर्ष में आपको नये संकल्प, नये विचार, नये पथ और नये पाथेय प्राप्त हों! यही कामना..!!!

    ReplyDelete
    Replies
    1. धन्यवाद। बहुत दिनो के बाद दिखाई दिये..सब खैरियत तो है?

      Delete
    2. सब खैरियत है... मसरूफ़ियत के कारण ब्लॉग जगत से दूर हो गए थे। फिर से सक्रिय हुए तो दस्तक देने पहुँच गए आपके दर पर!

      Delete
  10. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...!
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए ....
    RECENT POST - माँ, ( 200 वीं पोस्ट, )

    ReplyDelete
  11. आपकी इस प्रस्तुति को ब्लॉग बुलेटिन की आज कि बुलेटिन पोलियो मुक्त भारत, नवसंवत्सर, चैत्र नवरात्र - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

    ReplyDelete
  12. नव वर्ष का स्वागत करती सुंदर पंक्तियाँ...

    ReplyDelete
  13. बहुत सुन्दर .
    शुभकामनाएँ !

    नई पोस्ट : हंसती है चांदनी

    ReplyDelete
  14. वाह इतिहास और संस्कृति के आईने से देखा तूने हैं संवत्सर

    ReplyDelete
  15. आप सबको नवसंवत्सर की ढेरों बधाइयाँ।

    ReplyDelete