सोंचता हूँ
क्या करेंगे अँधेरा देखने वाले
अगर सत्ता उन्हीं की हो?
क्या करेंगे अँधेरा देखने वाले
अगर सत्ता उन्हीं की हो?
फाँसी चढ़ा देंगे जिन्होंने छपाई की नहीं पक्की
या बाँट देंगे घरों में मशीने
छाप लो नोटें अपने मन मर्जी
क्या करेंगे?
कोंच देंगे कलम को बायें गाल पर चाँद के
या तोड़ देंगे नोक
सो रहेंगे चैन से अंधेरी गुफा में!
क्या करेंगे ?
तोड़ देंगे मंदिर हमारे
गाढ़ देंगे उगते सूर्य को भी
गहरे कुएँ में!
या बाँट देंगे घरों में मशीने
छाप लो नोटें अपने मन मर्जी
क्या करेंगे?
कोंच देंगे कलम को बायें गाल पर चाँद के
या तोड़ देंगे नोक
सो रहेंगे चैन से अंधेरी गुफा में!
क्या करेंगे ?
तोड़ देंगे मंदिर हमारे
गाढ़ देंगे उगते सूर्य को भी
गहरे कुएँ में!
क्या करेंगे?
मंत्री उन्हीं के हों
राजा उन्ही का हो
क्या करेंगे अँधेरा देखने वाले
अगर सत्ता उन्हीं की हो?
मंत्री उन्हीं के हों
राजा उन्ही का हो
क्या करेंगे अँधेरा देखने वाले
अगर सत्ता उन्हीं की हो?
बत्तियाँ गुल करेंगे
ReplyDeleteऔर क्या करेंगे
अँधेरा करेंगे
हर उजाले को
अन्दर करेंगे
जेलें भरेंगे ।
एक नई क्रांति मुहाने पर हैं ...बस अब जगी कि तब जगी
ReplyDeleteअगर सत्ता उन्हीं की हो ... ये 'अगर'बहुत से 'मगरों' को खोज लाता है .
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