गली में
बच्चे खेलते थे
क्रिकेट
बड़े
पान की दुकान के पास
खड़े-खड़े
देर तक
सुनते रहते थे
कमेंट्री
बूढ़े
चबूतरे पर बैठ कर
कोसते रहते थे..
क्रिकेट ने बरबाद कर दिया
देश को।
देश कितना बर्बाद हुआ, नहीं पता!
टेस्ट, वन डे, ट्वेंटी-ट्वेन्टी
घरेलू, विश्वकप, आई.पी.यल
क्रिकेट का
इतना फैला बाजार
कि धीरे-धीरे
बदहजमी हो गई!
न गली में रहा, न घर में
धीरे-धीरे
खबरों में सिमट गया
क्रिकेट का
जुनून।
.........
सही कहा। वैसे मुझे बचपन से ही क्रिकेट देखने से ज्यादा खेलने में मज़ा आता था। जब छोटे थे तो क्रिकेट के कारण बहुत बार संडे के कार्टून और फ्राइडे का अलादीन कैंसिल हो जाता था। बड़ी खुंदक आती थी तब जिसके वजह से कभी मैच देखने का मन ही नहीं किया।
ReplyDeleteअब तो अति हो गई। क्या-क्या देखे आदमी!!!
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