तुम
हवा, जल और धरती का प्रलोभन देते हो
इन पर तो मेरा
जन्मसिद्ध अधिकार है!
तुमने
सजा रखे हैं
रंग बिरंगे पिजड़े
और चाहते हो
दाना-पानी के बदले
अपने पंख
तुम्हारे हवाले कर दूँ?
अपने सभी पिजड़े हटा दो,
मेरे पंख मुझे लौटा दो
मुझे आकाश चाहिए।
वाह
धन्यवाद सर।
वाह !लाजवाब ।
हर कोई चाहता है इक मुट्ठी आसमान
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मुझे आकाश चाहिए ...बहुत सुन्दर
बहुत सुंदर
वाह
ReplyDeleteधन्यवाद सर।
Deleteवाह !लाजवाब ।
ReplyDeleteहर कोई चाहता है इक मुट्ठी आसमान
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ReplyDeleteमुझे आकाश चाहिए ...बहुत सुन्दर
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ReplyDeleteबहुत सुंदर