सुबह के 6 बज चुके हैं। जैन मंदिर सारनाथ के पुजारी आ चुके हैं। मन्दिर का गेट खोलने के बाद इनका पहला काम परिंदों को दाना देना है। इनके पास बिस्कुट भी होता है। गेट खोलते समय कुछ कुत्ते दिख गए तो उन्हें प्यार से बिस्कुट भी खिलाते हैं। धमेख स्तूप पर बैठे कबूतरों को इन्ही की प्रतीक्षा होती है। जैसे ही पुजारी दाने बिखेरते हैं, कबूतर उड़-उड़ कर आने लगते हैं। जैसा कि होता है, जब सरकार निर्धनों को अन्न बांटती है, कुछ सबल भी दान लूटने आ जाते हैं। वैसे ही जब पुजारी पंछियों के लिए दाने बिखेरते हैं, दाना चुगने कुछ कौए भी आ जाते हैं! अधिक शोर भी यही करते हैं। कुछ गिलहरियां भी आ जाती हैं। हम ट्वीटर पर ट्वीट करते हैं, ये परिंदे यहाँ खूब चहकते हैं।
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