इक दूजे पर
कूद/काट कर
खेल रहे थे
दुदमुहेँ पिल्ले
खेलते-खेलते दौड़कर
चूसने लगे
गहरी नींद सोई
कई स्तनों वाली माँ के
एक-एक स्तन!
अचानक!
मेरे पास जाते ही
दोनो आँखें तरेर,
छूरे जैसे दाँत दिखाकर,
गुर्राई थी मुझ पर
ललछौहीं आँखों वाली कुतिया,
लगा कि
काट खाएगी!!!
मैं कैसे समझाता?
जो पिल्ले गुम हुए
वो मैंने नहीं लिए!
आजकल
नहीं टिकते
इंसानों के बच्चे भी
अपनी माँ के पास तो
तेरी क्या औकात?
............
नहीं टिकते
ReplyDeleteइंसानों के बच्चे भी
सत्य कथन
बहुत सुंदर सृजन
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