13.9.24

हे गणेश


वक्रतुंड महाकाय!

शक्ति दो

कर सकें सवारी

हम भी

चूहे पर।


चंचलता के प्रतीक

चूहे पर 

सवारी करना क्या सरल है?

सवारी क्या

इसे तो पकड़ना ही

कठिन है।


रोटी का लालच दे

कुछ समय के लिए

फंसा तो सकते हो

चूहेदानी में 

लेकिन कब तक?

क्या केवल

एक ही चूहा है 

घर में?

एक को पकड़ा और बाकी

सारी उम्र

ऊधम मचाते रहें!

दूसरे को फंसाने के लिए

पहले को 

छोड़ना ही पड़ेगा।


हत्या कर सकते हो

यह आसान है

जहर की पुड़िया खरीदी

आटे के घोल में मिलाया

और.. 

धोखे से खिला दिया!

क्या फिर 

नहीं आ जाते,

समाप्त हो जाते हैं

पूरी तरह?


चूहे को 

मोदक खिलाकर

खूब मोटाते हुए स्वतंत्र छोड़कर

बुद्धि से 

अपने वश में करके

उस पर 

आजीवन सवारी करना!

यह तो 

गणेश जी ही कर सकते हैं।


हे बुद्धि विनायक!

शक्ति दो

कर सकें सवारी 

हम भी

मन पर।

.........

7 comments:

  1. वास्तविक प्रार्थना

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  2. वाह लोग हाथी खरीदने की सोच रहे हैं और आप चूहे पर अड़े हैं हा हा

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  3. हिंदी दिवस पर शुभकामनाएं |

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  4. बहुत ही सुन्दर सार्थक और भावप्रवण रचना हिंदी दिवस पर हार्दिक
    शुभकामनाएं

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  5. सुंदर प्रस्तुति

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