दुखी पिता ने
अपनी बेटियों को सुनाकर
नए पड़ोसी से कहा..
मेरी तीन पुत्रियाँ हैं
तीनो के नाम सुनकर आपको होगी हैरानी
एक आफत
दूसरी विपत
और तीसरी का नाम है
परेशानी
दस वर्षीया सबसे छोटी पुत्री वहीं खड़ी थी
उसने तपाक से कहा...
आप कैसे बाप हैं ?
आपको इतना भी नहीं पता
सबकी जड़ आप हैं !
.........................
सटीक!
ReplyDeleteवाह !!
ReplyDeleteनह्ले पर दहला!
ReplyDeleteसटीक!
ReplyDeleteआख़िर बेटियाँ किसकी है बाप से आगे !!
ReplyDeleteबहुत उम्दा!
ReplyDeleteजिसमें मन में समस्या, वही है जड़।
ReplyDelete:):) सही है ..
ReplyDeleteI LA KESA BAAP HAI?
ReplyDeleteJAI HIND JAI BHARAT
सबकी जड़ तो आप हैं ही,उन्हें आपनेही तो पैदा किया है.
ReplyDeleteक्या बात है आज की होनहार पीढी हमसे दस कदम आगे चल रही है ... बढ़िया रचना भाव...
ReplyDeleteबहुत खूब .. कहा तो ठीक ही
ReplyDeleteNice creation!
ReplyDeleteसही हाज़िरज़वाबी ।
ReplyDeleteसही कहा बिटिया ने . क्यू की वो बिटिया रानी है .
ReplyDeleteवाह, जड़ें काट दो, सब सूख जायेगी?!
ReplyDeleteवाह...बहुत खूब...बहुत खूब...बहुत खूब...
ReplyDeleteनहले पे दहला !
ReplyDeleteबहुत करारा जवाब ......
ReplyDeleteयह तो कमाल हो गया .. :-))
ReplyDeleteशुभकामनायें !!
सबकी जड़ आप हैं !- बहुत सूझ-बुझ ! जबरदस्त
ReplyDeleteशब्द चयन बड़ा प्रभावशाली है.
ReplyDeleteएक मुस्कराहट बरबस होठों तक आ गयी !
ReplyDeleteवाकई सटीक...
ReplyDeleteआप कैसे बाप हैं ,आपको यह भी नहीं पता
ReplyDeleteसबकी जड़ आप हैं .
"बेटियों के बाप हैं ।
मारना जिन्हें पाप है ."बढिया व्यंग्य .नाम भी भाई ऐसे ही होतें हैं -धापा ,भतेरी ,......
लाजवाब जवाब।
ReplyDeleteऐसे ही एक व्यक्ति के यहाँ ती पुत्रियां थीं, नाम रखे गये चिंता, फ़िक्र, परेशानी। कालांतर में जुड़वां बेटे हुये, कुछ बड़े हुये तो उनका नामकरण हुआ दंगा-फ़साद।
कमाल ,मज़ेदार ..धन्यवाद
ReplyDeleteबेहतरीन व्यंग्य कविता ... उन लोगों के मुंह पे तमाचा है जो लोग बेटियों को बोझ मानते हैं ...
ReplyDeletebahut sunder..
ReplyDeletebehetreen vyangya.
बेहतरीन व्यंग्य..............
ReplyDeleteहा...हा....हा......बढ़िया है जी....
ReplyDeleteवाह भाई वाह ....
ReplyDeleteअच्छा कहा बिटिया ने !
जबरदस्त करारा जवाब
ReplyDeleteबहुत खूब!ईंट का जबाव पत्त्थर से,शब्द -शब्द से हास्य- व्यंग टपका पडता है।बधाई!
ReplyDeleteसुधा भार्गव
लाजवाब कर दिया....
ReplyDeleteबेजोड़...कमाल....बेहतरीन...
वाह...वाह... वाह...वाह
ReplyDeleteअसलियत कितनी कड़वी होती है ....
ReplyDeleteसाकक्षह कहा छोटी ने .... जड़ तो इंसान खुद ही है ...