बहुत ही सुंदर कविता धन्यवाद
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी हैकल (18-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकरअवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।http://charchamanch.blogspot.com/
हमेशा की तरह ही उज्जवल यानि खुबसूरत है ये रचना ..आभार
यह पूनम का चाँद ....और संध्या का वर्णन ....सुंदर रचना ...आपका आभार
बेहतरीन, शंका या समाधान।
नकारात्मक सोच पर सटीक प्रस्तुति
चाँद भला चकोर की चाहत को क्या जाने ।निष्ठुर चाँद !
खुबसूरत रचना , आभार.....
यही तो चाहत और समर्पण की चरम सीमा है जो सबसे छुपा कर रखना चाहता है ।बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति...आभार !
devendra ji jordar rachna
Wah! Kitnee pyaree kavita hai...komal,maasoom!
बेहतरीन कविता. खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
आज तो मूड बदला बदला सा लग रहा है ....मन प्रसन्न हो गया ! शुभकामनायें आपको !
काले बादलों की ओट सेहँसता-खिलखिलाताहमेशा की तरह उज्ज्वल निकलता है पूनम का चाँद। --- खूबसूरत भाव...
ये मेरा आशंकित मन ...
क्या अदा है चांद की!
चकोर की शंका जायज है. शुभकामनाएँ...
वाह बेहतरीन भावाभिव्यक्ति...आभार
इसका मतलब ओरिजिनल चकोर प्रजाति लुप्त हो गयी उसके बजाय कोई हमेशा शंका करने वाली हाइब्रिड प्रजाति आ गयी है -कवि इसलिए ही संतप्त हो उठा है !
khoobsurat chitran
कोमल भाव की सुन्दरतम अभिव्यक्ति .....बड़ी प्यारी और मनमोहक रचना
ऊषा की सुनहरी किरणों सेसंध्या की लाली सेसशंक रहता हैचकोरकहीं मेरे चाँद कोरंग न देंअपने रंग में !खूबसूरत अभिव्यक्ति.......
सुभानाल्लाह......कहीं दूर चाँद की छाँव में ले गयी ये पोस्ट .....
आपको एवं आपके परिवार को भगवान हनुमान जयंती की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।अंत में :- श्री राम जय राम जय रामहारे राम हारे राम हारे रामहनुमान जी की तरह जप्ते जाओअपनी सारी समस्या दूर करते जाओ!! शुभ हनुमान जयंती !!आप भी सादर आमंत्रित हैं, भगवान हनुमान जयंती पर आपको हार्दिक शुभकामनाएँ
का देवेन्द्र भैया, स्मार्ट उस्ताद जी और आप ताल से ताल मिला रहे हैं?चाँद हमेशा ऐसे ही चमकेगा।
बहुत सुंदर रचना ...
शंका भी यहें है समाधान भी यहीं ... बहुत खूब है आपकी रचना ...
चाँद खुश रहता है हमेशा क्योंकि शंका करनेवाला उससे बहुत दूर है,अगर पास ही होता तो उसका जीना भी दुश्वार हो जाता.
क्या बात है! वाह!
बहुत ही सुंदर कविता धन्यवाद
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (18-4-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
हमेशा की तरह ही उज्जवल यानि खुबसूरत है ये रचना ..आभार
ReplyDeleteयह पूनम का चाँद ....और संध्या का वर्णन ....सुंदर रचना ...आपका आभार
ReplyDeleteबेहतरीन, शंका या समाधान।
ReplyDeleteनकारात्मक सोच पर सटीक प्रस्तुति
ReplyDeleteचाँद भला चकोर की चाहत को क्या जाने ।
ReplyDeleteनिष्ठुर चाँद !
खुबसूरत रचना , आभार.....
ReplyDeleteयही तो चाहत और समर्पण की चरम सीमा है जो सबसे छुपा कर रखना चाहता है ।बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति...आभार !
ReplyDeletedevendra ji jordar rachna
ReplyDeleteWah! Kitnee pyaree kavita hai...komal,maasoom!
ReplyDeleteबेहतरीन कविता. खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
ReplyDeleteआज तो मूड बदला बदला सा लग रहा है ....मन प्रसन्न हो गया ! शुभकामनायें आपको !
ReplyDeleteकाले बादलों की ओट से
ReplyDeleteहँसता-खिलखिलाता
हमेशा की तरह उज्ज्वल
निकलता है
पूनम का चाँद। --- खूबसूरत भाव...
ये मेरा आशंकित मन ...
ReplyDeleteक्या अदा है चांद की!
ReplyDeleteचकोर की शंका जायज है. शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteवाह बेहतरीन भावाभिव्यक्ति...आभार
ReplyDeleteइसका मतलब ओरिजिनल चकोर प्रजाति लुप्त हो गयी उसके बजाय कोई हमेशा शंका करने वाली हाइब्रिड प्रजाति आ गयी है -
ReplyDeleteकवि इसलिए ही संतप्त हो उठा है !
khoobsurat chitran
ReplyDeleteकोमल भाव की सुन्दरतम अभिव्यक्ति .....
ReplyDeleteबड़ी प्यारी और मनमोहक रचना
ऊषा की सुनहरी किरणों से
ReplyDeleteसंध्या की लाली से
सशंक रहता है
चकोर
कहीं मेरे चाँद को
रंग न दें
अपने रंग में !
खूबसूरत अभिव्यक्ति.......
सुभानाल्लाह......कहीं दूर चाँद की छाँव में ले गयी ये पोस्ट .....
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को भगवान हनुमान जयंती की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteअंत में :-
श्री राम जय राम जय राम
हारे राम हारे राम हारे राम
हनुमान जी की तरह जप्ते जाओ
अपनी सारी समस्या दूर करते जाओ
!! शुभ हनुमान जयंती !!
आप भी सादर आमंत्रित हैं,
भगवान हनुमान जयंती पर आपको हार्दिक शुभकामनाएँ
का देवेन्द्र भैया, स्मार्ट उस्ताद जी और आप ताल से ताल मिला रहे हैं?
ReplyDeleteचाँद हमेशा ऐसे ही चमकेगा।
बहुत सुंदर रचना ...
ReplyDeleteशंका भी यहें है समाधान भी यहीं ... बहुत खूब है आपकी रचना ...
ReplyDeleteचाँद खुश रहता है हमेशा क्योंकि शंका करनेवाला उससे बहुत दूर है,अगर पास ही होता तो उसका जीना भी दुश्वार हो जाता.
ReplyDeleteक्या बात है! वाह!
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