बेचैन आत्मा
7.6.14
स्नातक, च्यूतिया
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अपने आपको पढ़ा-लिखा लगाने वाले एक युवक से पानवाला पूछता है-'गुरूss, ई स्नातक क मतलब का होला? उत्तर मिला-'बी.ए. यानी बैचलर ऑफ आर्ट्...
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31.3.14
नववर्ष।
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हाड़ कंपाने वाली ठंड में सूट-बूट पहनकर ए.सी. में बैठकर इस्की-व्हिस्की चढ़ाकर किसी को हलाल कर ओटी-बोटी चाभ कर नाचते-झूमते संपन्नता...
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30.3.14
नवसंवत्सर
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पत्ते झड़ते झर झर झर मन करे उड़ूँ फर फर फर पूजा की थाली डगर-डगर क्या तेरा घर क्या मेरा घर नवसंवत्सर ! नवसंवत्सर ! ...
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18.3.14
रंगों का इंद्रधनुष
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होली में बाबा देवर लागें। जैसे ही यह वाक्य कान में पड़ा मैं पूरी तरह ज़वान हो गया। जब बाबा देवर हो सकते हैं तो हम क्यों नहीं? हम तो अभी ...
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8.3.14
मच्छर और आदमी
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वैसे तो मुझे सभी प्यार करते हैं मगर सबसे अधिक मच्छर करते हैं। मैं किसी को मच्छर की तरह प्यार नहीं कर पाता। मैं जब भी किसी को प्यार करने ...
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27.2.14
कहाँ है बसंत ?
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द़फ्तर जाते हुए रेल की पटरियों पर भागते लोहे के घर की खिड़की से बाहर देखता हूँ अरहर और सरसों के खेत पीले-पीले फूल ! क्या ...
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22.2.14
गाँव
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एक गाँव है जहाँ सभी की खाट खड़ी है इक कुआँ है जिसमें चउचक भांग पड़ी है कोई बांट रहा है लड्डू कोई खील-बतासे और जगत पर ड...
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