3.11.09

मेरी श्रीमती


गंभीर कविताएँ पढ़कर भारी हुए मन को हल्का करने के लिए प्रस्तुत हास्य-व्यंग्य विधा पर एक कविता जिसका शीर्षक है -मेरी श्रीमती।

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प्रश्न-पत्र गढ़ती रहती है
वह मुझसे लड़ती रहती है।

मुन्ना क्यों कमजोर हो गया ?
शानू को कितना बुखार है ?
राशन पानी खतम हो गया
अब किसका कितना उधार है ?

दफ्तर से जब घर जाता हूँ
वह मुझको पढ़ती रहती है।

सब्जी लाए भूल गए क्या ?
चीनी लाए भूल गए क्या ?
आंटा चक्की से लाना था
खाली आए भूल गए क्या !


मुख बोफोर्स बनाकर मुझ पर
बम-गोले जड़ती रहती है।

प्रश्नों से जब घबड़ाता हूँ
कहता अभी थका-मांदा हूँ
कहती कैसे थक सकते हो
तुम नर हो, मैं ही मादा हूँ !

मुझको ही झुकना पड़ता है
वह हरदम चढ़ती रहती है।

पूरे घर की प्राण वही है
हाँ मेरी भी शान वही है
हीरो-होण्डा दिल की धड़कन
चेहरे की मुस्कान वही है

बनके सतरंगी रंगोली
आँगन में कढ़ती रहती है।

प्रश्न-पत्र गढ़ती रहती है
वह मुझसे लड़ती रहती है।

10 comments:

  1. baichain ji aap ki baichini ka kya yahi raj hai?ha ha ha. kavita achchhi lagi.par apane patidev ko nahi padvaungi.badiya.

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  2. bechain aatma ne hamare chehre par lambiiiiiii muskaan la di, waakai mann halka ho gaya padhkar .... ghar-ghar kee yahi kahani

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  3. ये आपकी नहीं सबकी श्रीमती की गाथा है ......... बहुत ही अच्छा हास्य है ...........

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  4. प्रश्न-पत्र गढ़ती रहती है
    वह मुझसे लड़ती रहती है।




    मुन्ना क्यों कमजोर हो गया ?
    शानू को कितना बुखार है ?
    राशन पानी खतम हो गया
    अब किसका कितना उधार है ?



    बहुत सुन्दर देवेन्द्र जी, आप परेशान न हो यह हर हर की कहानी है और सच पूछो तो विवाहिक जीवन का असली मजा, असली सार भी यही है !

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  5. मुख बोफोर्स बनाकर मुझ पर
    बम-गोले जड़ती रहती है।
    वाह -वाह बीबी का मुहँ बोफोर्स ,
    जनाब और आप
    क्या कहा जाय और रहा भी न जाय
    घर की मुर्गी दाल बराबर ,
    बाहर की दाल भी मुर्गी लगती है ,
    इसीलिए इन कमबख्तों से इनकी बीबी हरदम लड़ती रहती है
    अन्यथा मत लीजियेगा देवेन्द्र जी

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  6. प्रश्न-पत्र गढ़ती रहती है...

    प्रश्नों से जब घबड़ाता हूँ....

    यूँ घबराने से तो काम नहीं चलेगा देवेंरा जी अब सच स्स्ह बता ही दीजिये ...वो ...काफी...हाउस ....किसके...साथ....??

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  7. वाह देवेन्द्र जी क्या बेहतरीन हास्य प्रस्तुत किया आपने..शादी के बाद जिंदगी इस कदर प्रश्नों में उलझ जाते है..गुदगुदाती हुई सुंदर रचना...बधाई

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  8. bhai thandi fuhare barsa di aapne .aannd a gya .

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  9. bahut sahajata se bhavo kee abhivyakti kee dain hai aapake paas .hulkee pulkeepyaree see rachana .Badhai .

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