8.11.12

जलाओ दिए पर.....



जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना
जरूरत से ज्यादा कहीं जल न जाए। 

मुद्रा पे हरदम वकुल ध्यान रखना
करो काग चेष्टा कि कैसे कमायें
बनो अल्पहारी रहे श्वान निद्रा
फितरत यही हो कि कैसे बचायें।


पूजा करो पर रहे ध्यान इतना
दुकनियाँ से ग्राहक कहीं टल न जाए।

दिखो सत्यवादी रहो मिथ्याचारी
प्रतिष्ठा उन्हीं की जो हैं भ्रष्टाचारी।
'लल्लू' कहेगा तुम्हे यह ज़माना
जो कलजुग में रक्खोगे ईमानदारी।

मिलावट करो पर रहे ध्यान इतना
खाते ही कोई कहीं मर न जाए।

नेता से सीखो मुखौटे पहनना
गिरगिट से सीखो सदा रंग बदलना
पंडित के उपदेश सुनते ही क्यों हो
ज्ञानी मनुज से सदा बच के रहना।

करो पाप लेकिन घड़ा भी बड़ा हो
मरने से पहले कहीं भर न जाए।

...................................


36 comments:

  1. गाँठ बाँध ली बातें......
    :-)

    अनु

    ReplyDelete
    Replies
    1. ...लेकिन देवेन्द्र जी ने तो गांठें खोलने के मकसद से उपदेश दिए हैं :)

      Delete
  2. दीपावली में बचत करने की बढ़िया सीख


    ReplyDelete
  3. कबीर की उलटबांसी से व्यंगोक्तियाँ !

    ReplyDelete
  4. भाई पाण्डेय जी गोपालदास नीरज के गीत की पैरोडी अच्छी लगी |

    ReplyDelete
    Replies
    1. हाँ, दमदार पैरोडी!

      Delete
    2. मुझे भी वही याद आया....

      Delete
  5. अच्छा उद्बोधन है।

    ReplyDelete
  6. aapko deepawali ki badhaai,humne seekh padh li.magar hum seekh ikkathi karte hain bsssss.kisi din jhaadoo ban jaayega ,buharne ke kaam aayega :P :)

    ReplyDelete
  7. क्या बात है पांडये जी
    सत्य वर्णन करती...बहुत प्रभावशाली रचना

    ReplyDelete
  8. बहुत सही......ज़माने के साथ बदलती कविता :-)

    ReplyDelete
  9. समझ गये बेईमानी बहुत ईमानदारी से करनी चाहिए .....:)

    ReplyDelete
  10. आभार |
    सुन्दर प्रस्तुति ||

    ReplyDelete
  11. अंतर्जाल पर निभाओ तुम रिश्ते
    मगर रहे ध्यान इतना कि कहीं फंस न जाओ :-)

    ReplyDelete
    Replies
    1. इसे ऐसे कहा जाय तो कैसा रहे...?

      नेट फ्रेंड बनाओ पर रहे ध्यान इतना
      टाँका ये काँटा कहीं बन न जाये।




      Delete
  12. सार्थक सीख देती सुंदर रचना

    ReplyDelete
  13. सुन्दर व्यंग्य

    ReplyDelete
  14. बहुत लाजवाब व्यंग...वर्तमान के कबीर होने की झलक दिखाई दे रही है. बहुत शुभकामनाएं.

    रामराम.

    ReplyDelete
  15. आनद की यादें.. आई मीन, आनद की बातें बताईं आपने इस दीवाली पर.. इसके बाद तो कुछ नहीं बचता कहने को!!
    बस शुभकामनाएँ!!

    ReplyDelete
  16. यानि कि नमक में आटा न करो तब तक ठीक:)

    ReplyDelete
  17. दीपोत्सव पर्व पर हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ....

    ReplyDelete
  18. :)))

    पञ्च दिवसीय दीपोत्सव की शुभकामनायें और बधाइयां

    ReplyDelete
  19. बहुत सटीक अभिव्यक्ति...दीपोत्सव की हार्दिक मंगलकामनाएं!

    ReplyDelete
  20. क्या बात है!! टिपिकल बेचैन आत्मा स्टाइल!!

    ReplyDelete