9.4.16

नव वर्ष

अशोक, आम, नीम, पीपल....
सभी ने पहन लिए हैं 
नये वस्त्र
सूर्य देव से बनवाये
सोने के गहने पहन
झूम रही हैं
गेहूँ की बालियाँ
गूँज रहे हैं
पंछियों के कलरव
डाल पर
आ गये हैं टिकोरे
दमक रहे हैं
गुड़हल के फूल
लटक रहे हैं
नीबू
टप-टप टपक रहे हैं
महुए
घर-घर
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: के स्वर
गली-गली, मंदिर-मंदिर, सुन्दर श्रृंगार
डगर-डगर
पूजा की थाली
लगता है आ गया
हमारा प्यारा नव वर्ष
ढेर सारी बधाइयाँ
हार्दिक शुभकामनाएँ.

4 comments:

  1. aapako bhi naw warsh ki dher sari badhaiyan aur shubhkamanayen .

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  2. नव वर्ष की मंगलकामनायें .....

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  3. सुंदर शब्दचित्र, नव वर्ष की शुभकामनायें..

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