29.11.17

लेखक

जब कोई बड़ा लेखक मरता है
हमारे पास आता है।
अखबारें करती हैं
उनकी चर्चा
छापती हैं
उनकी कविताएं, संस्मरण, कृतियाँ और,..
पुरस्कारों के नाम।
जब कोई बड़ा लेखक मरता है
यकबयक
जागृत हो जाता है
मृतप्रायः साहित्यिक समाज
चमकने लगती हैं
गोष्ठियाँ
राजनैतिक चर्चा छोड़
चाय पान की अढ़ियों में
होने लगती हैं
किसी चर्चित पुस्तक या प्रसिद्ध कविता पर
बातचीत।
जब कोई बड़ा लेखक मरता है
तब याद करते हैं हम उसे
अरे!
कौन सी तो पुस्तक थी इनकी?
हमने पढ़ी थी यार!
बहुत अच्छी थी।
हाँ, हाँ यह वाली कविता
क्या बात है!
अच्छा!
अब चलेंगे पुस्तक मेले में
तो याद दिलाना
खरीदनी पड़ेगी इनकी
कुछ प्रसिद्ध पुस्तकें
पढ़े नहीं तो
कितने बुद्धू लगेंगे हम
बुद्धिजीवियों में!
जब कोई बड़ा लेखक मरता है
स्थान पाता है
पढ़े-लिखे समाज में।

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