12.10.20

मुझे आकाश चाहिए

तुम

हवा, जल और धरती का प्रलोभन देते हो

इन पर तो मेरा 

जन्मसिद्ध अधिकार है!


तुमने

सजा रखे हैं 

रंग बिरंगे पिजड़े

और चाहते हो

दाना-पानी के बदले

अपने पंख 

तुम्हारे हवाले कर दूँ?


अपने सभी पिजड़े हटा दो,

मेरे पंख मुझे लौटा दो

मुझे आकाश चाहिए।

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