7.5.22

हाथ

 एक दिन दाएं हाथ ने चुपके से एक मुसीबत के मारे की मदद कर दी। बाएं हाथ को पता चल गया लेकिन कुछ न बोला। एक दिन बाएं हाथ ने भी एक मुसीबत के मारे की मदद कर दी। दाएं को भी पता चल गया लेकिन कुछ न बोला। दुर्भाग्य से दोनो हाथों का मालिक मुसीबत में पड़ गया। उसने ईश्वर से प्रार्थना करी... हे प्रभु! मुझे ठीक कर दो। ईश्वर ने उसकी पुकार झट से सुन ली। उसने दोनो हाथ जोड़कर ईश्वर को धन्यवाद दिया। इस बार दोनो हाथ एक दूसरे को देखकर मुस्कुरा रहे थे।

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