ईद का चाँद तो नहीं देख पाया
ईद का सूरज देखा
लगा
जैसे कह रहा हो
ईद मुबारक!
उगते-उगते
छा गया हर तरफ
जर्रे-जर्रे को
करने लगा रौशन
चहकने लगे पंछी
सुनहरा हो गया
तालाब का पानी
चमकने लगे
खेत-खलिहान
खिलने लगी
कलियाँ
खुश थीं
मछलियाँ भी
खिलखिलाने लगे
फूल
मैने कहा
सूरज!
तुमको भी
ईद मुबारक।
मित्रों!
आप सभी को
ईद मुबारक।
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