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20.8.12

ईद का सूरज


ईद का चाँद तो नहीं देख पाया
ईद का सूरज देखा
लगा
जैसे कह रहा हो
ईद मुबारक!

उगते-उगते
छा गया हर तरफ
जर्रे-जर्रे को 
करने लगा रौशन



चहकने लगे पंछी
सुनहरा हो गया
तालाब का पानी



चमकने लगे 
खेत-खलिहान


खिलने लगी
कलियाँ



खुश थीं
मछलियाँ भी



खिलखिलाने लगे
फूल



मैने कहा
सूरज!
तुमको भी
ईद मुबारक।

मित्रों!
आप सभी को
ईद मुबारक।

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