6.11.12

चित्र पहेली



प्रश्नः- ऊपर दो चित्र हैं। दोनो चित्र लगभग एक ही स्थान पर खड़े होकर मैने दो दिन पहले खींचे हैं। क्या आप इन चित्रों को देखकर बता सकते हैं कि इन  चित्रों में घाट किनारे बैठकर ये लोग क्या कर रहे हैं?

उत्तरः-यह बनारस के घाट हैं। साधारण से दिखने वाले दृश्यों में अगर डूबा जाय तो बहुत कुछ मिल जाता है। एक ही घाट पर मात्र 10 कदम की दूरी पर दो मिजाज के लोग बैठे हैं। दोनो के धर्म अलग-अलग हैं। दोनो के कर्म भी अलग-अलग हैं। पहले चित्र में मौलाना मछलियों को आँटे की छोटी-छोटी गोलियाँ खिला रहे हैं और उनके ठीक सामने दूसरे चित्र में तीन लोग धागे में काँटा लगाकर मछलियाँ फंसा रहे हैं। मैने मौलाना से पूछा, "आप मछलियों को चारा खिला रहे हैं और आपके सामने वे लोग मछली मार रहे हैं आपको कैसा लग रहा है?" उन्होंने हंसकर कहा, "हम अपना काम कर रहे हैं, वे अपना काम कर रहे हैं, उनकी वो जाने मैं तो अपनी जानता हूँ।" मैने हंसकर कहा, "आप उनके शिकार को आँटे की गोली खिलाकर मोटा ही तो कर रहे हैं!" मौलाना हंसकर कहने लगे, "अब कोई गलत काम करे तो हम अच्छा काम करना छोड़ दें?" 

मुझे लगा मौलाना बड़ी बात कह रहे हैं। कह ही नहीं रहे हैं कर भी रहे हैं। अपने सामने ही मछली मारते लोगों को देखकर भी उन्होने मछली को आँटे की गोली खिलाना नहीं छोड़ा। 

मुझे इन घाटों पर घूमते-घूमते कभी-कभी ऐसा भी लगता है है कि तुलसी को तुलसी और कबीर को कबीर बनाने में उनकी अपनी प्रतिभा चाहे जो भी रही हो लेकिन इसमें बहुत बड़ा योगदान गंगा के इन घाटों का भी है।

29 comments:

  1. मछलियों को दाना डाल रहे हैं क्या????
    अरे नहीं डंडी डाल के पकड़ रहे हैं मछलियां.....
    पक्का....???

    अनु

    ReplyDelete
    Replies
    1. अनु की बात सही लग रही है ....

      Delete
  2. चित्र साधारण हैं लेकिन दृश्य असाधारण। जो बात इसमे है वह काफी रोचक है।

    ReplyDelete
  3. मछलियों को गीता और कुरान का पाठ पढ़ा रहे हैं . :)

    ReplyDelete
  4. मछलियाँ ही पकड़ रहे हैं...

    ReplyDelete
  5. अपने या मछली के खाने की व्यवस्था कर रहे हैं.

    ReplyDelete
  6. यह तो पक्की बात है कि इन चित्रों का संबंध मछलियों से है।

    ReplyDelete
  7. मछलियाँ फंसा रहे होंगे या फिर नदी का सौन्दर्य निहार रहे होंगे

    ReplyDelete
  8. पांडेय जी, जाये द, ई बनारस हौ, ईहाँ कुच्छौ हो सकला।

    ReplyDelete
  9. मियां जी तो रियाज करते लग रहे हैं,नीचे वाले चित्र को हिला दिया है आपने ....:-)

    ReplyDelete
  10. झख मार रहे हैं !

    ReplyDelete
  11. मछली पकड़ रहे होंगे या उनको भोजन ?

    ReplyDelete
  12. समझ में नहीं आ रहा कि कौन सी जात का आदमी क्या कर रहा है ;-)
    पर सन्देश आपका ज़ोरदार है :)

    ReplyDelete
  13. यह बनारस के घाट हैं। साधारण से दिखने वाले दृश्यों में अगर डूबा जाय तो बहुत कुछ मिल जाता है। एक ही घाट पर मात्र 10 कदम की दूरी पर दो मिजाज के लोग बैठे हैं। दोनो के धर्म अलग-अलग हैं। दोनो के कर्म भी अलग-अलग हैं। पहले चित्र में मौलाना मछलियों को आँटे की छोटी-छोटी गोलियाँ खिला रहे हैं और उनके ठीक सामने दूसरे चित्र में तीन लोग धागे में काँटा लगाकर मछलियाँ फंसा रहे हैं। मैने मौलाना से पूछा, "आप मछलियों को चारा खिला रहे हैं और आपके सामने वे लोग मछली मार रहे हैं आपको कैसा लग रहा है?" उन्होंने हंसकर कहा, "हम अपना काम कर रहे हैं, वे अपना काम कर रहे हैं, उनकी वो जाने मैं तो अपनी जानता हूँ।" मैने हंसकर कहा, "आप उनके शिकार को आँटे की गोली खिलाकर मोटा ही तो कर रहे हैं!" मौलाना हंसकर कहने लगे, "अब कोई गलत काम करे तो हम अच्छा काम करना छोड़ दें?"

    मुझे लगा मौलाना बड़ी बात कह रहे हैं। कह ही नहीं रहे हैं कर भी रहे हैं। अपने सामने ही मछली मारते लोगों को देखकर भी उन्होने मछली को आँटे की गोली खिलाना नहीं छोड़ा।

    मझे इन घाटों पर घूमते-घूमते कभी-कभी ऐसा भी लगता है है कि तुलसी को तुलसी और कबीर को कबीर बनाने में उनकी प्रतिभा चाहे जो भी रही हो लेकिन इसमें बहुत बड़ा योगदान गंगा के इन घाटों का है।

    ReplyDelete
    Replies
    1. :)
      ऐ री सुधामय भागीरथी नित पथ्य अपथ्य बने तोहिं पोसे।
      आक धतूरो चाबत फिरे विष खात फिरै सिव तेरे भरोसे। (~रसखान)

      Delete
    2. यह उत्तर मैने सुबह कमेंट में लिख दिया था। इसके बाद आये दो कमेंट को पढ़कर लगा लोगों ने मेरा कमेंट नहीं पढ़ा। इसलिए अब इसे पोस्ट के साथ जोड़ दिया हूँ।

      Delete
    3. हमें सौ में से सौ अंक.....
      दोनों चित्र के जवाब दिए हमने...हाँ हमें लगा एक ही काम वे कर रहे हैं सो ज़रा कनफुजिया के एक ही जवाब कर दिया था...
      अब पुरूस्कार वितरण की घोषणा करें....
      :-)

      अनु

      Delete
    4. यह ऐसी पहेली है जिसे बूझने वाला पुरस्कार खुद ही पा जाता है। पूछने वाला विद्यार्थी बना रहता है।

      Delete
  14. दोनों चित्रों में हाथ का स्टाईल एक सा है। कोई पूजा-अर्चना टाइप का कुछ लग रहा है, या फिर दाना दाल रहे हैं।

    ReplyDelete
  15. दोनों में एक बंदा मछलियों को चारा दाल रहा है और एक मछली पकड़ रहा है .....शानदार चित्र :-)

    ReplyDelete
  16. बहुत सुन्दर .सब अपने आप को देखने लगें तो ये दुनियाँ स्वर्ग ही हो जाय !

    ReplyDelete
  17. सुन्दर फोटो है। अच्छा है।

    ReplyDelete
  18. हमने उत्तर के साथ पढ़ा :)

    ReplyDelete