8.12.22

शनि देव

यह महिला

पाँच रुपए में

रोशनी की किरण बेचती है

यह महिला,

शनिवार को

शनिदेव के मंदिर के सामने

दिए बेचती है।


दिया 

जिसको जलाने से

शनि प्रसन्न होते हैं!

दिया

जिसको जलाने से,

सभी मनोकामनाएं

पूर्ण होती है!


नहीं है विश्वास?

तो आप, 

हम पर

पक्का हँसेंगे

अंधविश्वास फैलाने का 

आरोप भी 

लगा सकते हैं।


मगर सोचिए!

एक बेरोजगार

जो कर रहा है 

प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी,

एक पिता

जो नहीँ ढूँढ पा रहा है

पुत्री के लिए 

योग्य वर या

एक मासूम

जिसे फँसा दिया गया है

झूठे मुकदमे में

हो चुके हैं जो

सभी प्रयत्न करके निराश,

जिंदगी से हताश,

दिख नहीं रहा 

कोई मार्ग

करना चाहते हैं

आत्महत्या!

उनसे कहा जाय...

तुम छः सप्ताह 

शनिदेव के मंदिर में 

जलाओ एक दिया तो

तुम्हारी मनोकामना जरूर पूर्ण हो जाएगी!

और..वह 

जलाना शुरू करता है दिया!

एक सप्ताह, दो सप्ताह..पूरे छः सप्ताह!


छः सप्ताह मतलब टेढ़ महीना, 

42 दिन!

इतने दिन

कम नहीं होते

कामना पूर्ण होने के लिए,

इतने दिन

कम नहीं होते

निराश मन में

उम्मीद की नई किरण 

जल जाने के लिए!

या इतने दिन

कम नहीं होते

किसी को मरने से 

बचाने के लिए!


यह अंधविश्वास है

तो भी

बड़ा प्यारा अंधविश्वास है!

कुछ नहीं तो इससे

एक गरीब के घर का चूल्हा  

जल ही जाता है

आखिर

पाँच रुपए बचाकर

आप कौन सा तीर मार लेंगे?


यह महिला

पाँच रुपए में

रोशनी की किरण बेचती है

यह महिला

शनिदेव के मंदिर के सामने

दिए बेचती है।

........


14 comments:

  1. उम्मीद की किरण का उजास भर देती है ।लाइन के लिए प्रेरित करती भवपूर्ण रचना ।

    ReplyDelete
  2. नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ९ दिसंबर २०२२ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    ReplyDelete
  3. नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार ९ दिसंबर २०२२ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

    ReplyDelete
  4. कहने वाले अंधविश्वास कहें पर फैक्ट प्रमाणिक है । मानसिक हार से उपजी हताशा को तो एक पल भी रोक देने से अगले पल उम्मीद की कोई किरण नतीजे बदल सकती है ।
    लाजवाब सृजन
    वाह!!!

    ReplyDelete
  5. आभार।

    ReplyDelete
  6. यह अंधविश्वास है
    तो भी
    बड़ा प्यारा अंधविश्वास है!
    कुछ नहीं तो इससे
    एक गरीब के घर का चूल्हा
    जल ही जाता है
    सत्य कथन!! बहुत सुन्दर सृजन ।

    ReplyDelete
  7. जीवन्त शब्द चित्र ।ऋषि मेधाओं के दोहन से निकले चिन्तन के गहरे अर्थ होते हैं।निश्चित रूप से हर परम्परा और कथित ज्योतिषीय उपाय के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक दृष्टिकोण छिपा हुआ है।

    ReplyDelete