ये हैं दुनिया के ढंग !जितना सोचें ,आत्मा उतनी बेचैन .
बेचैन आत्मा..
वर्षा आये तो चैन मिले .
वाह ...अनूठी फोटोग्राफी ...
वर्षा की प्रतीक्षा और भय दोनों ही बहुत सुन्दर हैं, "इन्हें ना भय है न प्रतीक्षा" लाज़वाब...
सटीक ...सुंदर चित्र
अद्भुत और सटीक किसी को भय तो किसी को प्रतीक्षा शायद जीवन यही है
Nice pics...
सुन्दर संकलन |
ये तो किसान और कुम्हार वाली बात हो गई . :)पहले कमेन्ट ऑप्शन काहे बंद किये थे . सुन्दर समीकरण .
बढ़िया जगह ढूँढी है आपने घूमने के लिए।
मनमोहक तस्वीरें..पर कुछ और होनी चाहिए थीं..
कहीं प्रतीक्षा कहीं डर..यही है जीवन..सुन्दर हैं फोटो
जीवन की तरहा वर्षा .. (प्राकृति) के भी कितने आयाम हैं ...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
अब आप फोटोग्राफी में डॉ दराल,सुब्रमन्यन साहब को टक्कर दे रहे हैं -क्या खूब शीर्षक भी !
सब आसमान की ओर निहार रहे हैं।
शुभानअल्लाह! कभी अपना ब्लॉग कभी आपका कमेंट देखते हैं। यहाँ, कुछ पल के लिए, तशरीफ..अरे नहीं, दिल रखने के लिए शुक्रिया।:)
आस है तभी प्यास है
पैनी नज़र....
वाह..खूबसूरत तस्वीरें! :)
वाह .. .बेहतरीन प्रस्तुति।
सुन्दर तस्वीरें बोलती हुई वर्षा रानी जल्दी आओ
तस्वीरों के सहारे जीवन के महत्त्वपूर्ण तीन परस्थितियों को प्रदर्शित करने का आभार.... तस्वीरें और उनके कैपसन लाजवाब हैं
देवेन्द्र जी इस पोस्ट के प्रथम चित्र को मैं अपने भोजपुरी गीत के पोस्ट में आपकी बिना पूर्व अनुमति के साधिकार शामिल कर लिया है. http://ghazal-geet.blogspot.in/2012/06/blog-post_29.html
यही तो जीवन का यथार्थ है,किसी को किसी,किसी को किसी चीज की दरकार रहती है.
बहुत सुन्दर चित्र
beautiful & differenr shades of rain ....
ये हैं दुनिया के ढंग !
ReplyDeleteजितना सोचें ,आत्मा उतनी बेचैन .
बेचैन आत्मा..
ReplyDeleteवर्षा आये तो चैन मिले .
ReplyDeleteवाह ...
ReplyDeleteअनूठी फोटोग्राफी ...
वर्षा की प्रतीक्षा और भय दोनों ही बहुत सुन्दर हैं, "इन्हें ना भय है न प्रतीक्षा" लाज़वाब...
ReplyDeleteसटीक ...सुंदर चित्र
ReplyDeleteअद्भुत और सटीक
ReplyDeleteकिसी को भय तो किसी को प्रतीक्षा
शायद जीवन यही है
Nice pics...
ReplyDeleteसुन्दर संकलन |
ReplyDeleteये तो किसान और कुम्हार वाली बात हो गई . :)
ReplyDeleteपहले कमेन्ट ऑप्शन काहे बंद किये थे .
सुन्दर समीकरण .
बढ़िया जगह ढूँढी है आपने घूमने के लिए।
ReplyDeleteमनमोहक तस्वीरें..पर कुछ और होनी चाहिए थीं..
ReplyDeleteकहीं प्रतीक्षा कहीं डर..यही है जीवन..सुन्दर हैं फोटो
ReplyDeleteजीवन की तरहा वर्षा .. (प्राकृति) के भी कितने आयाम हैं ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteअब आप फोटोग्राफी में डॉ दराल,सुब्रमन्यन साहब को टक्कर दे रहे हैं -क्या खूब शीर्षक भी !
ReplyDeleteसब आसमान की ओर निहार रहे हैं।
ReplyDeleteशुभानअल्लाह! कभी अपना ब्लॉग कभी आपका कमेंट देखते हैं। यहाँ, कुछ पल के लिए, तशरीफ..अरे नहीं, दिल रखने के लिए शुक्रिया।:)
ReplyDeleteआस है तभी प्यास है
ReplyDeleteपैनी नज़र....
ReplyDeleteवाह..खूबसूरत तस्वीरें! :)
ReplyDeleteवाह .. .बेहतरीन प्रस्तुति।
ReplyDeleteसुन्दर तस्वीरें बोलती हुई वर्षा रानी जल्दी आओ
ReplyDeleteतस्वीरों के सहारे जीवन के महत्त्वपूर्ण तीन परस्थितियों को प्रदर्शित करने का आभार.... तस्वीरें और उनके कैपसन लाजवाब हैं
ReplyDeleteदेवेन्द्र जी इस पोस्ट के प्रथम चित्र को मैं अपने भोजपुरी गीत के पोस्ट में आपकी बिना पूर्व अनुमति के साधिकार शामिल कर लिया है.
ReplyDeletehttp://ghazal-geet.blogspot.in/2012/06/blog-post_29.html
यही तो जीवन का यथार्थ है,किसी को किसी,किसी को किसी चीज की दरकार रहती है.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चित्र
ReplyDeletebeautiful & differenr shades of rain ....
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