12 तक 11 होगा
अगले पल फिर 12 होगा
एक लाभ तो हुआ सुनिश्चित
11 से अब 12 होगा
बड़े लोग हैं बड़े दिवाने
रात रात भर दुआ करेंगे
इक दूजे को बड़े प्यार से
देखेंगे और छुआ करेंगे
बजा-बजा कर बम पटाखा
रात रात भर धुआँ करेंगे
दुःख देंगे धरती माता को
हमको भी सोने ना देंगे
लगता है
सबका सारा गम
अब तो नौ दो ग्यारह होगा
नई सुबह की पौ फटते ही
पौ सबका अब
बारह होगा
ले लो-ले लो
मेरी बधाई
नींद आ गई
सो जायेंगे
अंधियारे जो माल कटेगा
धर देना
उठकर खायेंगे
एक लाभ के स्वप्न लोक में
घूमो यारों
तभी मजा है
एक बरष की उम्र कम हुई
सोचोगे तो
क्या पाओगे।
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नव वर्ष मंगलमय हो।