8.7.12

बोल बम !



 काहे ठिठके कदम!
 चल कांवरिया
बोल बम।
..............
दिनांकः 8-7-2012 
समयः  सुबह का समय
स्थानः  काशी हिंदू विश्वविद्यालय का विश्वनाथ मंदिर
प्रतिमाः महामना मदन मोहन मालवीय।

30 comments:

  1. पूरब पच्छिम साथ साथ??????
    बोल बम...

    अनु

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    1. शीर्षक यही लिखना चाहता था..पूरब पश्चिम। :)

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  2. सुंदर चित्र .... अनु की टिप्पणी सटीक

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  3. बढ़िया प्रस्तुती |
    शुभकामनायें ||

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  4. इसीलिए तो कहते हैं
    भारतीय संस्कृति में है दम...
    बोल बम... सुन्दर चित्र...आभार

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  5. चित्र से लगता है कि कांवडियों को भी शिव-दर्शन से अधिक ग्लैमर घेरे है.वो भी शूटिंग का मजा ले रहे हैं !

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    1. शूटिंग का ही नहीं। सभी की निगाहों को ध्यान से देखिये।:)

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  6. कुछ न कहते हुए भी बहुत कहती पोस्ट।

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  7. देवेन्द्र जी बहुत सारे प्रश्न एक सीधे चित्र से ही हमारे सामने रख देते हैं जो सोचने पर मजबूर कर देते हैं..

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  8. बम बम बोल रहा है काशी .

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  9. हा हा हा ! बढ़िया कैमरे का बढ़िया इस्तेमाल .

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  10. कावड़ियों को भी मनोरंजन का हक है :)

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  11. जय हो भोले नाथ की ... बम भोले ...

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  12. आगे बढ़ें श्रीमान, काहे भटक रहे हैं।

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  13. भोला भंडारी साधो, भोला भंडारी रे!

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  14. पश्चिम शरणागत जैसा क्यों है ? पेटलू कांवरिये का ध्यान किधर है ? बोल बम :)

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    1. शरणागत नहीं, ये लोग घूमने आये हैं। कावंरिये उनको फोटू खींचता देखकर अवाक खड़े हो देर तक घूरने लगे तो मैने मौका ताड़ा और सभी का फोटू खींच लिया।:)

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  15. वाह ! थकान मिटाने के लिये जरूरी है !

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  16. अर्थपूर्ण तस्वीर

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  17. वाह!!सुन्दर फोटो :)

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  18. इस विश्वविद्यालय की बहुत सी अद्भुत बातों के हम भी साक्षी रह चुके हैं !

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  19. ऊपर बम
    नीचे बम
    दायें बम
    बाएं बम
    आगे बम
    पीछे बम
    डाक बम
    बम बम
    बोल रही
    है काशी!

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