गतांक.. कुत्ते से आगे......( पहले वाली न पढ़ी तो कृपया पढ़ने के बाद इसे पढ़ें )
अभी कुछ वर्षों पहले की बात है
मेरे पड़ोसी के कुत्ते
इतने ताकतवर हो गये थे
कि उन्होने अपने घर में ही विद्रोह कर दिया!
अपने मालिक को घर से बाहर निकाल दिया
और अपने नेता को
पूरे घर का मालिक बना दिया !
शुरू में तो मैने इसका विरोध किया
लेकिन फिर
उनके घर का आंतरिक मामला मानकर
उसे ही
घर का मालिक मान लिया।
एक दिन
अपने घर के सदस्यों की इच्छाओं की परवाह किये बगैर
अपने घर बुलाया
अच्छा से अच्छा खाना खिलाया
ताजमहल घुमाया
घर का वह कोना भी दिखाया
जहाँ वह
झगड़े से पहले पैदा हुआ था
क्या 'पिल्ले' की तरह
कूँ कूँ कर
नाचा था वह खुश होकर!
मुझे लगा
अब तो इसे सदबुद्धि आ ही जायेगी
घंटो उससे बात की
समझाता रहा
"भाई!
मुझे तुम्हारे घर के कुत्ते
बहुत परेशान करते हैं
उनसे कहो
मुझ पर भौंकना बंद कर दें।"
मगर अफसोस
जाने से पहले
वह मुझ पर भी
भौंकता हुआ चला गया!
क्या अच्छा पड़ोसी होना
सिर्फ मेरी ही जिम्मेदारी है?
............................
अभी कुछ वर्षों पहले की बात है
मेरे पड़ोसी के कुत्ते
इतने ताकतवर हो गये थे
कि उन्होने अपने घर में ही विद्रोह कर दिया!
अपने मालिक को घर से बाहर निकाल दिया
और अपने नेता को
पूरे घर का मालिक बना दिया !
शुरू में तो मैने इसका विरोध किया
लेकिन फिर
उनके घर का आंतरिक मामला मानकर
उसे ही
घर का मालिक मान लिया।
एक दिन
अपने घर के सदस्यों की इच्छाओं की परवाह किये बगैर
अपने घर बुलाया
अच्छा से अच्छा खाना खिलाया
ताजमहल घुमाया
घर का वह कोना भी दिखाया
जहाँ वह
झगड़े से पहले पैदा हुआ था
क्या 'पिल्ले' की तरह
कूँ कूँ कर
नाचा था वह खुश होकर!
मुझे लगा
अब तो इसे सदबुद्धि आ ही जायेगी
घंटो उससे बात की
समझाता रहा
"भाई!
मुझे तुम्हारे घर के कुत्ते
बहुत परेशान करते हैं
उनसे कहो
मुझ पर भौंकना बंद कर दें।"
मगर अफसोस
जाने से पहले
वह मुझ पर भी
भौंकता हुआ चला गया!
क्या अच्छा पड़ोसी होना
सिर्फ मेरी ही जिम्मेदारी है?
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पागल कुत्ते को बार बार रोटी डालना ... कहाँ की समझदारी है ???
ReplyDeleteजाने किस किस को कुत्ता कह गए। लेकिन वे कहाँ मानने वाले हैं। आस्तीन के सांप हैं। दूध भी पी जायेंगे , और काटेंगे भी।
ReplyDeleteओह! नहीं बिलकुल नहीं ..अगर ऐसे पडोसी हों तो उन्हें भी कुत्ते की तरह ही दुत्कार दिया करें ....
ReplyDeleteयह बात घर के सरदार से कहिये! किरकिट काहे खेल रहे हैं?
Deleteव्यंग्य के माध्यम से अपनी बात कहना भी कला है , बधाई
ReplyDeleteअपने जान माल की रक्षा स्वयं करें .... ग़लतफ़हमी पालकर किसी को सुधारने की चेष्टा ना करें -
ReplyDelete.
ReplyDelete.
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@ क्या अच्छा पड़ोसी होना, सिर्फ मेरी ही जिम्मेदारी है ?
नहीं, भौंक सुनते-सुनते जब मन भर जाये तो दू लात जमा दीजिये एकाध कुत्ते पर... तभी वह पड़ोसी का सा मान मिलेगा... :)
...
मेरे और मेरी पडोसन के बीच आत्मीयता न होने का एक बडा कारण उनका कुत्ता ही है । पता नही वह दुष्ट कैसे जान लेता है कि उसे पेशाब मेरे घर की दीवार पर ही करनी है । और मेरी पडोसन को अपने कुत्ते की यह शिकायत भी सहन नही होती ।
ReplyDeleteकाम भले चाहे जैसे करे लेकिन यही सवाल तो पड़ोसी भी पूछता है- क्या अच्छा पड़ोसी होना मेरी ही जिम्मेदारी है।
ReplyDeleteपड़ोसी दुष्ट है। अभी और लिखूँगा इसके बारे में।
Deleteधन्यवाद आपका..मुझे लग रहा था..अभिव्यक्ति में कमी रह गई।
Deleteप्रभावशाली ,
ReplyDeleteजारी रहें।
शुभकामना !!!
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यहां तो यही लग रहा है कि हमारी ही ज़िम्मेदारी है
ReplyDeleteक्या कीजियेगा !
ReplyDeleteaapki jimmewari dikh rahi hai sir :)
ReplyDeleteजिम्मेदारी उसी की जो उसे लेना चाहे ..ढीट की क्या जिम्मेदारी.
ReplyDeleteजैसे को तैसा ही तरीका है अब बस.
एकदम सही कहा, अब समय आ गया है की उसे उसी की भाषा मे जवाब दिया जाये ॥
Deleteकुत्ता तो कुत्ता ही होता है उसपर पागल कुत्ता... समझाने से अब क्या असर होने वाला है, उसका तो एक ही इलाज़ है...????...
ReplyDeleteसरदार ही कुछ करता तो क्या बात थी।
ReplyDeleteपड़ोस के कुत्ते को क्या कहें, अपने ही कुत्तों की शह पाकर उनका हौसला बढ़ा है!!
ReplyDeleteभारत धर्मी समाज के हमारे दो जवानों का सिर कलम करदिया गया लेकिन मौन सिंह के चेहरे पे असीम शान्ति है .ऑस्ट्रेलिया में एक डॉक्टर को आतंकी होने के शक में धर दबोचा
ReplyDeleteजाता है .मौन सिंह की नींद उड़ जाती है मामला एक वोट से जुड़ा था .
इनसे इनसे पड़ोस के स्वान अच्छे .कुत्ते हैं अपनी औकात नहीं भूलते .
हमने सर चढ़ाया है, अब हमारे सर चढ़ मूत रहे हैं ससुरे।
ReplyDelete....भाई,उस पर रहम करो,उसकी संगत ही ऐसी है !
ReplyDeleteपागल कुत्ते का इलाज प्यार से नहीं उसको बाँध कर ही लिया जा सकता अहि वो भी अगर इलाज संभव हो सके तो ....
ReplyDeleteआपकी धार दार कलम को नमन ...
वहशी कुत्तों को पालना ही गलत है.पडोशी को चाहिए कि वो यैसे कुत्तों को न पाले और खुद भी अगर यैसे कुत्ते पाले हों तो पालना बंद करें.राजनीति के नाम पर दशकों से चल रही अशांति को सब मिल-जुलकर हल कर लें तो दूर-दूर तक के लोगों को अछ्छा वातावरण मिले.
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