30.7.24

इमली का चटकारा

डॉ योजना जैन का कहानी संग्रह 'इमली का चटकारा' पढ़ा। संग्रह में कुल 13 कहानियाँ हैं। हर कहानी किसी सामाजिक समस्या को उठाती है और कहीं न कहीं प्रभावित करती है। 


पहली कहानी 'आंदोलन' एक ठेले वाले की कहानी है जो आंदोलन से बुरी तरह प्रभावित होता है। अंतिम पंक्ति पढ़कर पाठक का दिल धक्क से हो जाता है... पिछले कुछ महीनों में जो अधूरा हो गया था। वह था उसका बदन.. जिसमें एक ही किडनी थी।

दूसरी कहानी 'लेडीज बाथरूम' कामकाजी महिलाओं की जरूरी समस्या को उठाने में सफल रही है।

'वह पुरानी चिट्ठी'  एक नव विवाहित जोड़े की कहानी है जिसका अंत सुखद है।

'तीसरी बेटी' लिंग भेद करने वाली सामाजिक सोच पर कुठाराघात करती है।

शीर्षक कहानी 'इमली का चटकारा' के माध्यम से बाँझ महिला के दर्द को अभिव्यक्त ही नहीं किया गया है, समाधान भी बताया गया है।

'फूल की कहानी' में लेखिका क्या कहना चाहती है, समझ में आता है लेकिन जोरदार नहीं लगा।

'येलेना माँ बनना चाहती है...' एक मार्मिक कहानी है जो 'न्यूक्लियर पावर प्लांट' में हुए विस्फोट के रासायनिक प्रभाव से एक बच्ची(जो बाद में महिला बनती है) पर हुए प्रभाव को इस तरह चित्रित करता है कि पाठक भी दुखी हो जाता है।

'श्रृंखला की अधूरी कहानी' भी एक महत्वकांक्षी, लोभी लड़की की कहानी है जिसका लोभ ही उसे ले डूबता है और उसकी इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं।

अगली कहानी 'कैरियर वुमन' एक ऐसी महिला की कहानी है जो घर में पति से और ऑफिस में बॉस से प्रताड़ित होती रहती है। कमाई पति ले लेता है और उसकी मेहनत से अर्जित की हुई सफलता का क्रेडिट बॉस ले उड़ता है। इस चक्की में पिसाती है उसकी मासूम बच्ची।

'वह बुरा नहीं था' एक मजदूर की कहानी के जरिए लेखिका ने सदियों से गरीब लड़कियों पर होने वाले अपराध को सामने लाने का प्रयास किया है। लेखिका कहना चाहती हैं कि गरीबों की सामाजिक व्यवस्था ही ऐसी है कि कोई लड़का बुरा न होते हुए भी जघन्य अपराध कर बैठता है और परिणाम सामने आने पर चौंकता है... अरे!

'हिमालय' जून 2013 में उत्तराखंड में आए विनाश की कहानी है। एक बच्ची फुल्की को बिंम्ब बनाकर बादल फटने और केदारनाथ धाम में आए प्रलय का वर्णन है।

आखिरी कहानी 'विल यू बी माय वेलेंटाइन?' नाम के अनुरूप एक कामकाजी नव युवा दम्पत्ति की प्यार भरी कहानी है। कहानी में एक संदेश है कि युवाओं को तरक्की के पीछे भागकर अपने वैवाहिक जीवन को पीछे नहीं छोड़ देना चाहिए। तरक्की और प्रेम में चुनना हो तो 'प्रेम' ही प्रथम वरीयता होनी चाहिए।

इन 13 कहानियों को पढ़कर इनकी विविधता पर आश्चर्य हुआ। लेखिका कभी ठेले वाले की बात करती हैं, कभी रूस पहुँच जाती हैं, कभी हिमालय के गाँव तो कभी दिल्ली के गुड़गांव! सभी कहानियों का कथानक जोरदार है और सभी कहानियाँ अपने आस पास घटित होती दिखती हैं। हाँ, वाक्य विन्यास और भाषा शैली कमजोर है। यह मुझे नई वाली हिन्दी लगी। लेकिन बर्लिन में रहते हुए भी लेखिका ने इतना विविध कथानक चुना और जरूरी आवाज उठाई, इसकी प्रशंसा की जानी चाहिए। इस कहानी संग्रह के लिए उन्हें बहुत बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएँ।

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3 comments:

  1. डॉ. योजना जैन की "इमली का चटकारा 'कहानी संग्रह पढ़ने के बाद अच्छी लगी समीक्षा प्रस्तुति। . हार्दिक बधाई डॉ. योजना जैन को और पुस्तक के बारे में बताने के लिए आपका धन्यवाद ..

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