प्रश्नः- ऊपर दो चित्र हैं। दोनो चित्र लगभग एक ही स्थान पर खड़े होकर मैने दो दिन पहले खींचे हैं। क्या आप इन चित्रों को देखकर बता सकते हैं कि इन चित्रों में घाट किनारे बैठकर ये लोग क्या कर रहे हैं?
उत्तरः-यह बनारस के घाट हैं। साधारण से दिखने वाले दृश्यों में अगर डूबा जाय तो बहुत कुछ मिल जाता है। एक ही घाट पर मात्र 10 कदम की दूरी पर दो मिजाज के लोग बैठे हैं। दोनो के धर्म अलग-अलग हैं। दोनो के कर्म भी अलग-अलग हैं। पहले चित्र में मौलाना मछलियों को आँटे की छोटी-छोटी गोलियाँ खिला रहे हैं और उनके ठीक सामने दूसरे चित्र में तीन लोग धागे में काँटा लगाकर मछलियाँ फंसा रहे हैं। मैने मौलाना से पूछा, "आप मछलियों को चारा खिला रहे हैं और आपके सामने वे लोग मछली मार रहे हैं आपको कैसा लग रहा है?" उन्होंने हंसकर कहा, "हम अपना काम कर रहे हैं, वे अपना काम कर रहे हैं, उनकी वो जाने मैं तो अपनी जानता हूँ।" मैने हंसकर कहा, "आप उनके शिकार को आँटे की गोली खिलाकर मोटा ही तो कर रहे हैं!" मौलाना हंसकर कहने लगे, "अब कोई गलत काम करे तो हम अच्छा काम करना छोड़ दें?"
मुझे लगा मौलाना बड़ी बात कह रहे हैं। कह ही नहीं रहे हैं कर भी रहे हैं। अपने सामने ही मछली मारते लोगों को देखकर भी उन्होने मछली को आँटे की गोली खिलाना नहीं छोड़ा।
मुझे इन घाटों पर घूमते-घूमते कभी-कभी ऐसा भी लगता है है कि तुलसी को तुलसी और कबीर को कबीर बनाने में उनकी अपनी प्रतिभा चाहे जो भी रही हो लेकिन इसमें बहुत बड़ा योगदान गंगा के इन घाटों का भी है।
मछलियों को दाना डाल रहे हैं क्या????
ReplyDeleteअरे नहीं डंडी डाल के पकड़ रहे हैं मछलियां.....
पक्का....???
अनु
अनु की बात सही लग रही है ....
Deleteचित्र साधारण हैं लेकिन दृश्य असाधारण। जो बात इसमे है वह काफी रोचक है।
ReplyDeleteपता नहीं जी!
ReplyDeleteमछलियों को गीता और कुरान का पाठ पढ़ा रहे हैं . :)
ReplyDeleteहा हा हा...
Deleteमछलियाँ ही पकड़ रहे हैं...
ReplyDeleteअपने या मछली के खाने की व्यवस्था कर रहे हैं.
ReplyDeleteयह तो पक्की बात है कि इन चित्रों का संबंध मछलियों से है।
ReplyDeleteमछलियाँ फंसा रहे होंगे या फिर नदी का सौन्दर्य निहार रहे होंगे
ReplyDeleteपांडेय जी, जाये द, ई बनारस हौ, ईहाँ कुच्छौ हो सकला।
ReplyDeleteसही है।
Deleteमियां जी तो रियाज करते लग रहे हैं,नीचे वाले चित्र को हिला दिया है आपने ....:-)
ReplyDeleteजी, चित्र हिल गया है।
Deleteझख मार रहे हैं !
ReplyDeleteझख किस मछली का नाम है? :)
Deleteझख माने मछली ही है!
Deleteमछली पकड़ रहे होंगे या उनको भोजन ?
ReplyDeleteसमझ में नहीं आ रहा कि कौन सी जात का आदमी क्या कर रहा है ;-)
ReplyDeleteपर सन्देश आपका ज़ोरदार है :)
यह बनारस के घाट हैं। साधारण से दिखने वाले दृश्यों में अगर डूबा जाय तो बहुत कुछ मिल जाता है। एक ही घाट पर मात्र 10 कदम की दूरी पर दो मिजाज के लोग बैठे हैं। दोनो के धर्म अलग-अलग हैं। दोनो के कर्म भी अलग-अलग हैं। पहले चित्र में मौलाना मछलियों को आँटे की छोटी-छोटी गोलियाँ खिला रहे हैं और उनके ठीक सामने दूसरे चित्र में तीन लोग धागे में काँटा लगाकर मछलियाँ फंसा रहे हैं। मैने मौलाना से पूछा, "आप मछलियों को चारा खिला रहे हैं और आपके सामने वे लोग मछली मार रहे हैं आपको कैसा लग रहा है?" उन्होंने हंसकर कहा, "हम अपना काम कर रहे हैं, वे अपना काम कर रहे हैं, उनकी वो जाने मैं तो अपनी जानता हूँ।" मैने हंसकर कहा, "आप उनके शिकार को आँटे की गोली खिलाकर मोटा ही तो कर रहे हैं!" मौलाना हंसकर कहने लगे, "अब कोई गलत काम करे तो हम अच्छा काम करना छोड़ दें?"
ReplyDeleteमुझे लगा मौलाना बड़ी बात कह रहे हैं। कह ही नहीं रहे हैं कर भी रहे हैं। अपने सामने ही मछली मारते लोगों को देखकर भी उन्होने मछली को आँटे की गोली खिलाना नहीं छोड़ा।
मझे इन घाटों पर घूमते-घूमते कभी-कभी ऐसा भी लगता है है कि तुलसी को तुलसी और कबीर को कबीर बनाने में उनकी प्रतिभा चाहे जो भी रही हो लेकिन इसमें बहुत बड़ा योगदान गंगा के इन घाटों का है।
:)
Deleteऐ री सुधामय भागीरथी नित पथ्य अपथ्य बने तोहिं पोसे।
आक धतूरो चाबत फिरे विष खात फिरै सिव तेरे भरोसे। (~रसखान)
यह उत्तर मैने सुबह कमेंट में लिख दिया था। इसके बाद आये दो कमेंट को पढ़कर लगा लोगों ने मेरा कमेंट नहीं पढ़ा। इसलिए अब इसे पोस्ट के साथ जोड़ दिया हूँ।
Deleteहमें सौ में से सौ अंक.....
Deleteदोनों चित्र के जवाब दिए हमने...हाँ हमें लगा एक ही काम वे कर रहे हैं सो ज़रा कनफुजिया के एक ही जवाब कर दिया था...
अब पुरूस्कार वितरण की घोषणा करें....
:-)
अनु
यह ऐसी पहेली है जिसे बूझने वाला पुरस्कार खुद ही पा जाता है। पूछने वाला विद्यार्थी बना रहता है।
Deleteदोनों चित्रों में हाथ का स्टाईल एक सा है। कोई पूजा-अर्चना टाइप का कुछ लग रहा है, या फिर दाना दाल रहे हैं।
ReplyDeleteदोनों में एक बंदा मछलियों को चारा दाल रहा है और एक मछली पकड़ रहा है .....शानदार चित्र :-)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .सब अपने आप को देखने लगें तो ये दुनियाँ स्वर्ग ही हो जाय !
ReplyDeleteसुन्दर फोटो है। अच्छा है।
ReplyDeleteहमने उत्तर के साथ पढ़ा :)
ReplyDelete