जौन हो रहल हौ तउन ठीक हो रहल हौ बापू, देश ठीके चल रहल हौ बापू। आपके लोग आजो याद करत हउअन। आजो लोग कहलन - सच बोलना अच्छी बात है। गोली आजो चलत हौ। हत्या, डकैती, बलात्कार सब चौचक हो रहल हौ मगर केहू एकर प्रशंसा नाहीं करत। अपराध करे वालन के अपराधी, आजो कहल जाला। फंसले पे जेल हो जाला। नेता लोग देश के चक्कर में आजो जेल जा रहल हउलन। पहिले आजाद कराये के आरोप में जात रहलन, अब लूटे के आरोप में जा रहल हउअन।
सब ठीके चलत हौ बापू। दूसरे के भ्रष्ट आचरण क निंदा आजो जोर शोर से होला। दंगा होला मगर जब थम जाला त लोग कहलन कि इंसानियत क जीत भयल!
मीडिया बहुत तेज हो गयल हौ बापू! एक घंटा में केतना बलात्कार भयल बता देला। हिंसक अउर खतरनाक टाइप क बलात्कार होला त देश में खूब विरोध होला। सरकार भी कुछ दिना बदे घबड़ा जाला कि ई का भयल! फिर मीडिया कौनो दूसर 'एक औरत कई पति' जइसन चटपटा समाचार सुनाये लगsला त सबकर ध्यान ओहर बट जाला। मीडिया एक गम देला त दूसर भुला देला। सब ठीके चलत हौ बापू।
मजदूर, किसान क आज भी बड़ा सम्मान हौ। बुद्धिजीवी श्रमजीवी के बिना कइसे जीये! मुंशी प्रेमचंद क बैलगाड़ी क ज़माना गयल मगर किसान आजो आत्महत्या करत हउअन। न इनके सम्मान में कमी आयल हौ न भुखमरी में। मजदूर के दाल पियाज भले न मिले रोटी आराम से मिल जात हौ। कौनो जुगाड़ बना के खाइये लेत हौ। देश क मजदूर ताकतवर हौ बापू! तबे न एतना काम हो रहल हौ! सब ठीक चलत हौ। ए साल पानी कम परल, कुछ किसान चिल्लात हउअन-'सूखा-सूखा' बाकि सब ठीक हौ बापू।
देश क लोग चाहे जइसन हो गयल होंय लेकिन देश में लोकतंत्र बहुत मजबूत हौ। बहुमत क सरकार बन जाला। हर पांच साल में चमत्कार हो जाला। हारे वाला बेईमान, जीते वाला ईमानदार हो जाला। सब ठीक चलत हौ बापू। जब ले नोट में तोहार फ़ोटू अउर दू अक्टूबर क छुट्टी मिलत रही लोग आपके याद करत रहियें। आज तोहांर अउर स्व0 लाल बहादुर शास्त्री जी क जन्म दिन भिनसहरे से मनावत हई बापू। हमार चरण-स्पर्श अउर माल्यार्पण स्वीकार करा, देश ठीके चल रहल हौ।
चिट्ठी में सब ठीक चल रहा है लिखना है पड़ता है, नहीं तो सामने वाले का दिल बहुत दुखता है, हमें उनकी चिंता जो रहती है ..... चिंतनशील सामयिक प्रस्तुति ......
ReplyDeleteमहात्मा गाँधी व शास्त्री जी सादर नमन!
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, लकीर बड़ी करनी होगी , मे आपकी कमाल की पोस्ट का सूत्र हमने अपनी बुलेटिन में पिरो दिया है ताकि मित्र आपकी पोस्ट तक और आप उनकी पोस्टों तक पहुंचे ..आप आ रहे हैं न ...
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (04-10-2015) को "स्वयं की खोज" (चर्चा अंक-2118) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'