पाण्डे के प्रश्न....
वेतन मिली त हो जाई खर्चा
नाहीं त लागी मिर्ची के मर्चा
कपारे पे आयल हौ फिन से दिवारी
देश कइसे चली अब बतावा तिवारी ?
लक्ष्मी के पाले लक्ष्मी जी गइलिन
देश कइसे चली अब बतावा तिवारी ?
नाहीं त लागी मिर्ची के मर्चा
कपारे पे आयल हौ फिन से दिवारी
देश कइसे चली अब बतावा तिवारी ?
लक्ष्मी के पाले लक्ष्मी जी गइलिन
उल्लू के पीठी पे बोझा धरउलिन
कपारे पे आयल हौ फिन से दिवारी देश कइसे चली अब बतावा तिवारी ?
उल्लू उठाई लक्ष्मी क बोझा
मजूरी मिली त पी लेई ताड़ी
मांगत बा आपन मजूरी, त्योहारी !
देश कइसे चली बतावा तिवारी ?
देश कइसे चली बतावा तिवारी ?
इहाँ हाथ में बस दुक्की अ तिक्का
दुलहिन के चाही चाँदी क सिक्का !
कपारे पे आयल हौ फिन से दिवारी
देश कइसे चली अब बतावा तिवारी ?
देश कइसे चली अब बतावा तिवारी ?
उप्पर से राजा मिठाई खियावा
नीचे से दीया सलाई जलावा
नीचे से दीया सलाई जलावा
बढ़े रोज कालिख त कइसन दिवारी
देश कइसे चले अब बतावा तिवारी?
देश कइसे चले अब बतावा तिवारी?
......Devendra Kumar Pandey
तिवारी के उत्तर.............
मिठाई के भूखा जमाना हो पाण्डे,
पसारे ली हथवा जनाना हो पाण्डे,
चुनावन में देखा प्रजा के ढिठाई,
कि नेता से कइसे उ जोहे मिठाई,
जहां भोट दारू के बदले दियाइ,
त कइसे ना रजवा सलाई जराई।
जहां बड़का कॉलेजवा पढ़ावे गद्दारी,
त कइसे ओराइ उहाँ के अन्हारी?
अब कइसे बता पइहें कवनो तिवारी,
कि अइसन देवारी कि कइसन देवारी।
पसारे ली हथवा जनाना हो पाण्डे,
चुनावन में देखा प्रजा के ढिठाई,
कि नेता से कइसे उ जोहे मिठाई,
जहां भोट दारू के बदले दियाइ,
त कइसे ना रजवा सलाई जराई।
जहां बड़का कॉलेजवा पढ़ावे गद्दारी,
त कइसे ओराइ उहाँ के अन्हारी?
अब कइसे बता पइहें कवनो तिवारी,
कि अइसन देवारी कि कइसन देवारी।
तिवारी जी और पाण्डेय जी को जोशी जी का सलाम और दीपावली की जगमग करती शुभकामानाएं ।
ReplyDeleteWash sahee
ReplyDeleteवेतन ना मिलल होई कईसे खर्चा
ReplyDeleteऑफर बा आकर्षक आईल बा पर्चा
कपारे पे आयल हौ फिन से देवारी
मने कईसे त्यौहार, सोंचे हैं तिवारी |
महंगाई बहोत है बनावत हैं पर्चा
सोंचे में मगन हैं जोड़त हैं खर्चा
नेता जी हउएन लक्ष्मी के पुजारी
उनके जईसन हीं उनकर अधिकारी |
लुटे में लगे हैं इन साल भी व्यापारी
त कईसे होई दूर देश से अन्हारी
गरीब के ना फगुआ ना कौनो दिवारी
बस एही उत्तर से संतुष्ट हैं तिवारी |
बहुत खूब
ReplyDeleteकइसे भी चले सरकार चलनी चाहिए बस
ReplyDelete.. दीपावली की शुभकामनाएं!
बहुत बढ़िया...दीपावली की शुभकामनाएं
ReplyDeleteअब इस जुगलबंदी के बाद कोई गुंजाइश बचाती ही कहाँ है. कमाल का आर्थिक चित्र खींचा है!!
ReplyDeleteबहुत ही उम्दा .... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .... Thanks for sharing this!! :) :)
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