28.6.22

सायली छन्द

(1)

चिड़िया

पानी पीने

मेरे आँगन आई

भरे प्याले

चहचहाई।

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(2)

भूखी

रोटी पकाई

बेटा घर आया

खाना खाया

तृप्त।

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(3)

पतंग

पेंचा लड़ा

लड़के लूटने दौड़े

डोर बंधी

उड़ी।

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(4)

ट्रांसफर

विदाई/स्वागत

पुराने वाले मित्र

नए अभी

अधिकारी!

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(5)

सूरज

कपारे पर

धूप दुआरे पर

बरसे आग

सबेरे।

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(6)

दिल 

आँच चढ़ा

मोम पिघल जाता

खिलौना बना

माटी।

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(7)

उजली

दूध धुली

चाँद परी ख्वाहिशें

छाँव जली

जिंदगी।

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(8)

इंद्रदेव

बिगड़ा बजट

एक गाँव झमाझम

एक गाँव

सूखा।

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