अकेले लेटा था
भागते घर के ए.सी. कमरे में
साइड वाले बिस्तर पर
सामने थी
शीशे की बंद खिड़की
पर्दा
आधा खुला था
दिख रहे थे
ठहरे हुए बादलों के छोटे-छोटे टुकड़े
तेजी से पीछे भागती
वृक्षों की फुनगियाँ
ढल रहा था दिन
हुआ एहसास
घर ही नहीं
भाग रही है
पूरी धरती ही।
अचानक से चाँद दिखा
चलने लगा साथ-साथ
ऐसे
जैसे पीछा कर रहा हो मेरा
युगों-युगों से
मैं मचला
जैसे मचलते हैं
लड़के
बादल सिंदूरी हो गये
मन कस्तूरी हो गया।
कुछ ही पलों के बाद
आगे यह भी हुआ
घर को
अँधेरी सुरंग ने छुआ
एक बाद दूसरी
दूसरी के बाद तीसरी
जब तक कटता
सुरंगों का सफ़र
चाँद
अँधेंरेमें
कहीं गुम हो चुका था।
....................
सुन्दर !
ReplyDeleteWah... Bahut Umda
ReplyDeleteदिन ढल गया, चाँद छुप गया तो क्या. सुबह फिर आएगी... बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteब्लॉग बुलेटिन आज की बुलेटिन, निश्चय कर अपनी जीत करूँ - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteधन्यवाद।
DeleteBeautiful.Loved reading it.
ReplyDeleteआभार।
Deleteलोहे के दौड़ने वाले घर से सफ़र और दृश्य दोनों ही शब्द चित्र दृश्यमान हो रहे हैं !
ReplyDeleteसफर करते रहे हम भी कविता के साथ !
धन्यवाद।
Deleteबेहतरीन .....
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति- -
ReplyDeleteआभार आपका-
बहुत सुंदर.
ReplyDeleteदिन ढलता है तो ढलने दे...
ReplyDeleteसुंदर रचना ।
ReplyDeleteवाह.
ReplyDeleteवाह ! ट्रेन के सफर में सारे जीवन की कथा ब्यक्त हो गई है.अँधेरे सुरंगों से गुजरते-गुजरते प्रिय लगनेवाला समय न जाने कहाँ गायब हो जाता है.
ReplyDeleteसुंदर यात्रा विवरण..
ReplyDeleteजिस कमरे से बैठकर यह कविता रची गयी है उसके साथ मेरा बहुत गहरा सम्बन्ध रहा है. इसलिये यह कविता मेरे दिल में घर कर गई! पाण्डे जी, आप मूलतः कवि हैं कि लेखक कि चायाचित्रकार कि यायावर कि और कुछ... इन सबों को मिलाकर मानुस रूप धारण किये हैं आप! धन्य हैं! जय हो!
ReplyDeleteप्रकृति नटी का रागरंग लिए सुन्दर भाव चित्र
ReplyDeleteअच्छा लिखा
ReplyDeleteसब सामने से निकलता चला जा रहा है -पकड़ने की कोशिश बेकार.समय एक पल रुकने को तैयार नहीं . दुनिया है या चलती ट्रेन का बंद डिब्बा - आधी खुली खिड़की वाला !.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर चलचित्र सी प्रस्तुति
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति बेहतरीन रचना,.....
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteBahut sunder abhivyakti...
ReplyDeleteबहुत खूब
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