माचिस ढूँढ कर रखना
उजाले में
सुना है
भड़क कर जलती है
लौ
बुझने से पहले
हौसला
बचा कर रखना
अँधेरे में
यूँ ही
डराती रहती हैं
काली रातें
सुबह से पहले
सांसें
चलती रहें
ठंडी हवा में भी
सुना है
बर्फ बन
भहरा कर गिरता है
जाड़ा
बसंत से पहले।
….......................
सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteवसंत पंचमी की शुभकामनाएं
आभार आप दोनों का।
ReplyDeleteIF winter comes can spring be far behind !
ReplyDeleteसुंदर
ReplyDeleteबढ़िया ।
ReplyDeleteपचपन साल के पेज पर टिप्पणी बाक्स नहीं खुल पा रहा है । यहीं दे दे रहा हूँ टिप्पणी । बहुत सुन्दर और सटीक बात :)
ReplyDeleteआभार। mobile blogging thee. Coment box khol naheen paaya.
Deleteआभार। mobile blogging thee. Coment box khol naheen paaya.
Deleteवाह !
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