20.8.12

ईद का सूरज


ईद का चाँद तो नहीं देख पाया
ईद का सूरज देखा
लगा
जैसे कह रहा हो
ईद मुबारक!

उगते-उगते
छा गया हर तरफ
जर्रे-जर्रे को 
करने लगा रौशन



चहकने लगे पंछी
सुनहरा हो गया
तालाब का पानी



चमकने लगे 
खेत-खलिहान


खिलने लगी
कलियाँ



खुश थीं
मछलियाँ भी



खिलखिलाने लगे
फूल



मैने कहा
सूरज!
तुमको भी
ईद मुबारक।

मित्रों!
आप सभी को
ईद मुबारक।

...........................................



52 comments:

  1. सूरज और चाँद
    जब दोनों मनाएंगे ईद
    दिन और रात का फर्क तभी होगा खत्म
    हम सब एक होंगे
    नेक होंगे |

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    1. आपके कमेंट की पंक्तियों को उलट कर पढ़ता हूँ...

      नेक होंगे
      हम सब एक होंगे
      दिन और रात का फर्क तभी होगा खत्म
      जब दोनो मनाएंगे ईद
      सूरज और चाँद।

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    2. आपने पंक्तियों का क्रम बिल्कुल दुरुस्त कर दिया। शुरुआत अपने से ही करनी होगी।

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  2. बहुत सुन्दर रचना..
    बहुत ही प्यारी तस्वीर...
    :-)

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  3. हमिद नही दिखा... ईद मुबारक.

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  4. वाह...
    हम तो कविता के शीर्षक पर ही फ़िदा हो गए...

    बहुत सुन्दर!!!!
    आपको भी ईद मुबारक देवेन्द्र जी.

    अनु

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    1. यकीन मानिए मैने कविता लिखा ही नहीं। आप कहती हैं तो मान लेता हूँ।
      फोटोग्राफी की जो भाव जगे फोटो के साथ लिखता चला गया।

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    2. सहज अभिव्यक्ति सबसे खूबसूरत होती है...मुझे यकीन है आपकी बात पर :-)
      अनु

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  5. सुन्दर रचना. ईद मुबारक.

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  6. भाई पाण्डेय जी बहुत सुन्दर रचना |आभार

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  7. Eid mubarak ho! Tasveeren bahut sundar! Rachanase mel khati hueen!

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  8. ईद पर्व के चाँद और सूरज दोनों ही मुबारक ....

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  9. कवि ने फोटोग्राफर और फोटोग्राफर ने कवि की शान बढ़ा दी .
    सुन्दर प्रस्तुति . ईद मुबारक

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  10. बेहद ख़ूबसूरत तस्वीरें...रचना भी इसे कॉम्प्लीमेंट करती हुई...

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    1. पहली बार लगा कि रचना ऐसे भी बनती है।:)

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  11. ईद बहुत बहुत मुबारक हो

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  12. आपको बहुत बहुत मुबारक हो ईद
    चाँद आये चाहे सूरज आये
    बैचेन को आये थोड़ा सा चैन !

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    1. चर्चामंच के लिऎ :

      बहुत सुंदर सुंदर चित्र है
      ईद है चाँद है सूरज है
      चैन ही चैन है
      फिर कौन बैचेन है !

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  13. आपका अन्दाज़ हरदम ही अनोखा है देवेन्द्र,
    दीद उस परमात्मा की और बहाना ईद का!
    /
    ये तस्वीरें किसी भी नास्तिक को सिर झुकाने पर मजबूर कर दे और जब वो सिर उठाये तो उसके चेहरे पर उस
    परमात्मा की आस्था अंकित हो!!

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    1. आपका कमेंट भी हमेशा सर झुकाने के लिए बाध्य कर देता है।..आभार।

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  14. वाह भाई !पूरे बनारस की भव्यता समेट लिए हो एक कैनवास पे जो बहुत व्यापक है मन भावन है ,कविता में हाइकु है या हाइकु में कविता ,छायांकन भी ,पुलकित करता ,सहजीवन कविता के संग करता .कृपया यहाँ भी पधारें -
    ram ram bhai
    सोमवार, 20 अगस्त 2012
    सर्दी -जुकाम ,फ्ल्यू से बचाव के लिए भी काइरोप्रेक्टिक

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    1. मैं आपके ब्लॉग को पढ़ना चाहता हूँ सर जी लेकिन आप बिमारियों का इलाज बताते हैं और मैं सुबह-सुबह दो घंटे की टहलान(जिसमें फोटोग्राफी, योगा, ध्यान और गप्पें लड़ाना सभी सम्मिलित है।) से ही सारी बिमारियों को भगाने का संकल्प लिये बैठा हूँ। :)

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  15. सुन्दर पंक्तियां...सुन्दर प्रस्तुति....
    आपको भी ईद मुबारक...

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  16. वाह क्या खूब लिखा है, सोचने का अलग ही अंदाज़.... और रचना के साथ ताल ठोकते फोटोग्राफ्स तो और भी ज़बरदस्त!

    आपको भी ईद बहुत-बहुत मुबारक हो!

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  17. बहुत खूब ... सुबह के सूरज को फिर से बाँधने की कोशिश ... इस बार शब्दों और कैमरे के साथ ...
    लाजवाब ...

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  18. चलिए पहली बार ईंद का सूरज भी देख लिया ,,कभी सुना न देखा था !

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  19. देर से आने की माफ़ी.....शुक्रिया..... आपको और आपके परिवार को ईद मुबारक....बहुत सुन्दर फोटो लिए हैं आपने सुबह के ।

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  20. आपको भी.
    घुघूतीबासूती

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  21. अद्भुत चित्रों के साथ उत्तम विचार!

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  22. बाऊ जी,
    नमस्ते!
    देर से ही सही.........
    चाँद मुबारक नहीं, सूरज मुबारक! ईद मुबारक!
    आशीष ढ़पोरशंख
    --
    द टूरिस्ट!!!

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  23. कविता अच्छी लगी.

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  24. शब्दों, भावों और चित्रों का अनूठा संगम।
    बधाई।

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  25. बहुत सुंदर चित्र और साथ में खूबसूरत खयाल ....

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  26. वाह ! क्या खूब लिखा आपने ईद का सूरज ! बहुत अछ्छा लगा.चाँद देखकर ईद मनाया जाता है,और ईद के दिन में सूरज तो निकलता ही है,और निकलना भी चाहिये.तभी तो ईद में खुशियाली आती है.फोटो के साथ लिखि गईं लाइने भी बहुत सुन्दर हैं;लगता है मुबारकवाद हार्दिक रूप से दिया है आपने.आपको भी ईद मुबारक हो देर से ही सही.Enter your comment...

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  27. सुंदर भाव व्यक्त करते हुए बहुत सुंदर चित्र ...!!

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  28. भैया बंदर वाली पोस्ट पर
    टिप्पणी का औपशन नहीं मिला
    इसलिये उपर की पोस्ट की बधाई
    में नीचे वाली पर लिख चला !

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  29. बहुत सुन्दर चित्र :
    सूरज मुबारक -दिन में तो यही कहा जायेगा !

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  30. चाँद मुबारक सूरज मुबारक !

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  31. बहुत ही सुंदर कविता और उतने ही सुंदर चित्र। अभिव्यक्ति के लिए अपने कलम और कैमरा दोनों का बेहतरीन इस्तेमाल किया है। आपका ब्लॉग आठ साल बाद भी गुलज़ार है।

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    1. देवेन्द्र जी,

      ईद और चांद के रिश्ते को बचपन से पढता व सुनता आया हूं। आज पहली बार सूरज के साथ आपने कुछ ऐसा भाव व्यक्त किया कि.... आपको सलाम!

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  32. ईद का सूरज मुबारक हो । अक्षय तृतीया की शुभकामनाएँ

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  33. बचपन में स्कूल में सचित्र कविता पढ़ने में वो मज़ा नही आया था, जो कि अब आपकी इस प्रस्तुति आनंदित किया। विषय ह्रदय स्पर्शी है। ह्रदय से बधाई।

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