कुछ मित्रों के आग्रह पर पढ़ी हुई किताबों की इस सूची पर अरसे से काम जारी था। लगभग पच्चीस वर्षों की पाठकीय यात्रा को एक जगह सहेजना थोड़ा सा कठिन था, नामुमकिन नहीं। पुस्तकों के नाम स्मृतियों के हिसाब से साझा किए गए हैं। कृपया इन्हें किसी गुणवत्ता क्रम के आधार पर न लिया जाय। यहाँ तक कि मूल हिन्दी और अनूदित किताबें एक साथ ही शामिल हैं। अमृता प्रीतम और प्रेमचंद को जान बूझकर इस सूची से बाहर रखा है, क्योंकि उनकी प्रिय रचनाओं की संख्या बहुत बहुत ज्यादा है।
कृपया ये भी ध्यान रखा जाय कि यह मात्र उन पुस्तकों के नाम हैं जो हमारी सीमित बुद्धि तक पहुँच सकीं और आज तक स्मृतियों में सुरक्षित हैं।
Manish Vaidya जी, आपने उस दिन मेरी लिस्ट की बात की थी तो लीजिये आज उपन्यास विधा की पहली किस्त हाज़िर है☺
प्रतिभा राय : द्रौपदी, अरण्य
शिवाजी सावंत : मृत्युंजय, छावा
वी.एस. खाण्डेकर : ययाति
विश्वास पाटिल : पानीपत, महानायक
रणजीत देसाई : स्वामी, श्रीमान योगी
ओम शिवराज- धर्म विजय
निर्मल वर्मा : वे दिन, अंतिम अरण्य
धर्मवीर भारती- सूरज का सातवाँ घोड़ा
शानी : काला जल
अमृतलाल नागर : नाच्यो बहुत गोपाल, मानस का हंस, खंजन नयन, बूँद और समुद्र, पीढ़ियाँ
रामदरश मिश्र : जल टूटता हुआ
फणीश्वरनाथ रेणु : मैला आँचल , परती परिकथा, जुलूस
हजारी प्रसाद द्विवेदी: बाणभट्ट की आत्मकथा, पुनर्नवा, चारु चंद्र लेख
जगदीश चंद्र - आधा पुल, कभी न छोड़ें खेत
हिमांशु जोशी : छाया मत छूना मन , कगार की आग, अरण्य, महासागर
संजीव : सूत्रधार, सर्कस, पाँव तले की दूब,फाँस
शिव प्रसाद सिंह : नीला चाँद, गली आगे मुड़ती है, अलग अलग वैतरणी
आचार्य चतुरसेन : सोमनाथ, वैशाली की नगरवधू, वयं रक्षामः
विमल मित्र: मुजरिम हाज़िर, साहब बीबी गुलाम, बेगम मेरी विश्वास, खरीदी कौड़ियों के मोल
आशापूर्णा देवी : प्रथम प्रतिश्रुति, सुवर्णलता, बकुल कथा, प्रारब्ध, न जाने कहाँ कहाँ, अविनश्वर
पद्मा सचदेव- अब न बनेगी देहरी
अखिलन- चित्रप्रिया
उग्र- जीजी जी
हरिशंकर परसाई- रानी नागफनी की कहानी, तट की खोज
चंद्रकांता- अपने अपने कोणार्क
ऊषा प्रियंवदा : पचपन खंभे लाल दीवारें
तकषि शिवशंकर पिल्लै : मछुआरे
पन्नालाल पटेल : जीवन एक नाटक, जीवी
केशुभाई देसाई - मैडम , धर्मयुद्ध
दिनकर जोशी- श्याम तुम एक बार फिर आ जाते
कुर्तुल ऐन हैदर- निशान्त के सहयात्री
इंतज़ार हुसैन: बस्ती
चित्रा मुद्गल : आँवा
मन्नू भंडारी- आपका बंटी, महाभोज
राही मासूम रज़ा: ओस की बूँद, नीम का पेड़
भीष्म साहनी : तमस
भगवती चरण वर्मा- चित्रलेखा, सबहिं नचावत राम गोसाई, सामर्थ्य और सीमा, भूले बिसरे चित्र
केशव प्रसाद मिश्र- कोहबर की शर्त
यशपाल : झूठा सच, तेरी मेरी उसकी बात, दिव्या
एक इंच मुस्कान- राजेन्द्र यादव, मन्नू भंडारी
मैत्रेयी पुष्पा : इदन्नमम
मृदुला गर्ग : अनित्य
सुरेन्द्र वर्मा : मुझे चाँद चाहिये
शिवमूर्ति- तर्पण
स्वयं प्रकाश: बीच में विनय
कामतानाथ: पिघलेगी बर्फ़
भैरवप्रसाद गुप्त: गंगा मैया
कमलेश्वर : समुद्र में खोया हुआ आदमी, कितने पाकिस्तान
मिथिलेश्वर : सुरंग में सुबह, प्रेम न बाड़ी ऊपजै, युद्धस्थल
हृदयेश: शब्द भी हत्या करते हैं, चार दरवेश
वीरेंद्र कुमार भट्टाचार्य : मृत्युंजय, पाखी घोड़ा
गोपीनाथ मोहंती: माटी मटाल, परजा
के.शिवराम कारंत: मूकज्जी
विभूतिभूषण बंद्योपाध्याय: चंद्र पहाड़
कृष्णा सोबती : समय सरगम
गोविन्द मिश्र : पाँच आंगनों वाला घर
अज्ञेय : नदी के द्वीप, शेखर एक जीवनी, अपने अपने अजनबी
राजेन्द्र यादव : सारा आकाश
रांगेय राघव : कब तक पुकारूँ,
आग की प्यास
वीरेंद्र जैन: डूब
भीमसेन त्यागी: जमीन
जयनन्दन : श्रम एव जयते
नागार्जुन- बाबा बटेसरनाथ, बलचनमा, वरुण के बेटे,
अब्दुल बिस्मिल्लाह- झीनी झीनी बीनी चदरिया, समर शेष है
पंकज विष्ट- उस चिड़िया का नाम
सुभाष पंत: सुबह का भूला
वेद राही- अंधी सुरंग
राजेन्द्र सिंह बेदी: एक चादर मैली सी
मोहन राकेश: अंधेरे बंद कमरे
नरेन्द्र कोहली : न भूतो न भविष्यति, राम कथा, साथ सहा गया दुख, क्षमा करना जिज्जी
ताराशंकर बंद्योपाध्याय: गणदेवता, हँसली बाँक की उपकथा
चाणक्य सेन : मुख्यमंत्री, ये दिन वे दिन
महाश्वेता देवी : जंगल के दावेदार, हजार चौरासी की माँ
सूर्यबाला- मेरे संधिपत्र, दीक्षान्त, अग्निपंखी, सुबह के इंतज़ार तक
संजना कौल : पाषाण युग
दौड़- ममता कालिया
रस कपूर- आनंद शर्मा
भगवान चंद्र घोष : कर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे
यू आर अनंतमूर्ति : संस्कार
कोई तो- विष्णु प्रभाकर
श्रीलाल शुक्ल : विश्रामपुर का संत, राग दरबारी
अमरकांत : इन्हीं हथियारों से, सुन्नर पाण्डे की पतोह
वृंदावनलाल वर्मा : गढ़कुण्डार
उषाकिरण खान : भामती
ज्ञानप्रकाश विवेक : गली नम्बर तेरह, चाय का दूसरा कप, डरी हुई लड़की, आखेट , तलघर
अशोक भौमिक :
मोनालिसा हँस रही थी
शिप्रा एक नदी का नाम है
श्रीनरेश मेहता-
यह पथ बन्धु था , उत्तर कथा, प्रथम फाल्गुन
शिवप्रसाद मिश्र 'रुद्र' : बहती गंगा
गुरदयाल सिंह : मढ़ी का दीवा,
परसा
भैरप्पा: गोधूलि, पर्व
जसबीर भुल्लर: मुहूर्त
जीतेन्द्र भाटिया: प्रत्यक्षदर्शी
मधु काँकरिया ,: सूखते चिनार,
हम यहाँ थे
कमलाकांत त्रिपाठी : पाही घर,
बेदखल
पहाड़- निलय उपाध्याय
काले कोस- प्रमोद त्रिवेदी
विनोद कुमार श्रीवास्तव : वजह बेगानगी नहीं मालूम
काशीनाथ सिंह: रेहन पर रग्घू
धीरेन्द्र अस्थाना: देश निकाला
ऋता शुक्ल: अग्निपर्व
प्रियंवद : वे वहाँ क़ैद हैं,
धर्मस्थल
भालचन्द्र जोशी: प्रार्थना में पहाड़
और ये कुछ किताबें उन नए रचनाकारों की जिन्होंने पिछले पौने दशक में अपना स्थान बनाया है।
रणेन्द्र: ग्लोबल गाँव के देवता
संजय कुन्दन : टूटने के बाद
पी.अशोक कुमार: जिगरी
रत्नेश्वर सिंह: रेखना मेरी जान
सत्यनारायण पटेल: गाँव भीतर गाँव
मुकेश दुबे: अन्नदाता
रेत - भगवानदास मोरवाल
डार्क हॉर्स - नीलोत्पल मृणाल
लाल लकीर - हृदयेश जोशी
अकाल में उत्सव- पंकज सुबीर
प्रज्ञा: तक्सीम
उपन्यासों के बाद कहानी संग्रहों की सूची हाज़िर हैं। कहानियों के साथ बड़ा घालमेल होता है। किसी लेखक के दस कहानी संग्रह खरीदें तो उनमें से चार पाँच कहानियाँ हर संग्रह में मौजूद रहती हैं। इस दोहराव की समस्या से बहुत कम लेखक बच पाते हैं।
धर्मवीर भारती : बंद गली का आख़िरी मकान
हृदयेश : जीवन राग
विष्णु प्रभाकर : धरती अब भी घूम रही है
शिवप्रसाद सिंह: सुनो परीक्षित सुनो
संजीव : सागर सीमांत
निर्मल वर्मा : परिन्दे, कव्वे और काला पानी
ऊषा प्रियंवदा: ज़िन्दगी और गुलाब के फूल, कितना बड़ा झूठ
नासिरा शर्मा : गूँगा आसमान
कृष्णा सोबती: बादलों के घेरे
अखिलेश : शापग्रस्त, आदमी नहीं टूटता
मन्नू भण्डारी : यही सच है
मिथिलेश्वर : चल खुसरो घर आपने
कमलेश्वर : खोई हुई दिशाएँ, राजा निरबंसिया, माँस का दरिया
पन्नालाल पटेल : गूँगे सुर बाँसुरी के
विजयदान देथा : छब्बीस कहानियाँ, त्रिकोण, त्रिवेणी
नरेन्द्र कोहली: मेरा साथी कोई नहीं
भीष्म साहनी : चीलें
अज्ञेय: जयदोल, आदम की डायरी
श्रीनरेश मेहता: जलसाघर
शिवानी: भैरवी, चल खुसरो घर आपने, चिरस्वयंवरा
उदय प्रकाश: तिरिछ, दरियाई घोड़ा, वॉरेन हेस्टिंग्स का सांड, मोहनदास, पीली छतरी वाली लड़की, और अंत में प्रार्थना, दत्तात्रेय के दुख,
अशोक भौमिक : आइस पाइस
ज्ञान प्रकाश विवेक : मुसाफ़िर खाना, सेवानगर कहाँ है, शिकारगाह
राजेन्द्र श्रीवास्तव : कोई तकलीफ़ नहीं
भालचन्द्र जोशी : पालवा, पहाड़ों पर रात, हत्या की पावन इच्छाएँ
मनीष वैद्य : टुकड़े टुकड़े धूप, फुगाटी का जूता
विद्यासागर नौटियाल : मेरी कथा यात्रा
शेखर जोशी : डांगरी वाले,
मालती जोशी : स्नेहबन्ध, दर्द का रिश्ता, विश्वासगाथा, न ज़मीं अपनी न फ़लक़ अपना, परख
सूर्यबाला : एक टुकड़ा कस्तूरी, गौरा गुनवंती
सुधा अरोड़ा : काँसे का गिलास, रहोगी तुम वही, अन्नपूर्णा मंडल की आख़िरी चिट्ठी
उषा भटनागर : ये दिन वे दिन, बरगद की छाँव में
इंदिरा गोस्वामी : लाल नदी
रामकुमार सिंह: भोभर और अन्य कहानियाँ
मोहन राकेश : बिना हाड़ माँस का आदमी
अनिल यादव : क्योंकि नगरवधुएँ अखबार नहीं पढ़तीं
जयंत पवार : फ़ीनिक्स की राख से उगा मोर
ओमा शर्मा : कारोबार
अवधेश प्रीत : कोहरे में कंदील
शिवमूर्ति : केशर कस्तूरी
पंकज सुबीर : चोपड़े की चुड़ैलें, कसाब.गाँधी@यरवदा.इन
सत्यनारायण पटेल: लाल छीट वाली लूगड़ी का सपना
गौतम राजऋषि : हरी मुस्कुराहटों वाला कोलाज़
वन्दना गुप्ता: बुरी औरत हूँ मैं
वन्दना अवस्थी दुबे : बातों वाली गली
डॉ फ़तेह सिंह भाटी : पसरती ठण्ड
राजकमल से आने वाली प्रतिनिधि कहानियों और नेशनल बुक ट्रस्ट की संकलित कहानियों की श्रृंखला बहुत उपयोगी है। जो नए पाठक मित्र अपने प्रिय लेखकों की चुनिंदा कहानियाँ पढ़ना चाहें वे इन श्रृंखलाओं से लाभान्वित हो सकते हैं।
आत्म कथ्य, डायरी, संस्मरण आदि विधाएँ पाठकों में बेहद लोकप्रिय हैं। अपने प्रिय लेखकों के जीवन और उनके व्यक्तित्व को समझने के इच्छुक पाठक इन विधाओं की किताबों को बड़े चाव से पढ़ते हैं।
आज प्रस्तुत है आत्मकथा / आत्मकथ्य / और डायरी विधा की चंद किताबों के नाम। संस्मरणात्मक आख्यानों की खेप अगली बार....
उग्र : अपनी खबर
मन्नू भंडारी : एक कहानी यह भी
ओम प्रकाश वाल्मीकि : जूठन
अजित कौर : खानाबदोश
कुंदनिका कपाड़िया : दीवारों के पार आकाश
भीष्म साहनी : आज के अतीत
स्वदेश दीपक : मैंने माण्डू नहीं देखा
पद्मा सचदेव : बूँद बावड़ी
अमृता प्रीतम : रसीदी टिकट
मिथिलेश्वर : पानी बीच मीन पियासी, कहाँ तक कहें युगों की बात, जाग चेत कछु करौ उपायी
मोहनलाल भास्कर : मैं पाकिस्तान में भारत का जासूस था
कलाम साहब : अग्नि की उड़ान
बच्चन जी : दशद्वार से सोपान तक, क्या भूलूँ क्या याद करूँ, नीड़ का निर्माण फिर, बसेरे से दूर
मुक्तिबोध : एक साहित्यिक की डायरी
अखिलेश : वह जो यथार्थ था
कर्तार सिंह दुग्गल : किस पहिं खोलऊँ गंठड़ी
विश्वनाथ प्रसाद तिवारी : अस्ति और भवति
अमृतलाल नागर : टुकड़े टुकड़े दास्तान
निदा नवाज़ : सिसकियाँ लेता स्वर्ग
शचीन्द्रनाथ सान्याल : बन्दी जीवन
भगवतीचरण वर्मा : धुप्पल
यशपाल : सिंहावलोकन
निर्मला जैन : जमाने में हम
तुलसीराम : मुर्दहिया, मणिकर्णिका
लालबहादुर वर्मा : जीवन प्रवाह में बहते हुए
कमलेश्वर : जो मैंने जिया, यादों के चिराग, जलती हुई नदी
गुरदयाल सिंह : क्या जानूँ मैं कौन
धीरेन्द्र अस्थाना : ज़िन्दगी का क्या किया
राम विलास शर्मा : अपनी धरती अपने लोग
मुनव्वर राना : मीर आके लौट गया
सुषम बेदी : आरोह अवरोह
किशोर साहू : मेरी आत्मकथा
नरेन्द्र कोहली : आत्मस्वीकृति
लक्ष्मण माने : पराया
रवि बाबू : मेरी आत्मकथा
रमणिका गुप्ता- हादसे, आपहुदरी
मंटो: मीनाबाजार
इस्मत चुगताई: कागज़ी है पैरहन
खुशवंत सिंह : सच, प्यार और थोड़ी सी शरारत
प्रभा खेतान: अन्या से अनन्या
राजेन्द्र यादव : मुड़ मुड़ के देखता हूँ
मैत्रेयी पुष्पा: कस्तूरी कुंडल बसे
कौशल्या बैसन्त्री: दोहरा अभिशाप
सबसे अच्छे पाठक हैं ।
ReplyDeleteसंग्रहकर्ता का नाम गिनीज बुक में आने योग्य। अद्भुत स्मरण शक्ति।
ReplyDelete