17.9.14

विज्ञान क चमत्कार

विज्ञान क चमत्कार
सब आपै क सरकार।

कइसे बइर(वैर) लें
हमें का परी ?
सौ साल पहिले
आप जलाये
ट्यूब लाइट
सौ साल बाद
हम जलायें ढिबरी !

बड़ी मेहरबानी
पहिले दऊ देत रहेन
आज आप देत हौ
धूप, हवा, पानी।

हम पढ़े नाहीं मालिक
लइका बतावत रहा
चोर चोरी करत रहेन
अउर साव
मजूरा बनके पहुँचात रहेन
तांबा, पीतल, हीरा, कोयला, अभ्रक-सभ्रक..
बड़ा खजाना रखे है माई !

ओहू का करी ?
पढ़ लिख के अपाहिज हो गयल ससुरा
न खेत न शरीर में जोर
बतिया करे
बड़ी-बड़ी
शहर में
नाहीँ जुगाड़ पावत बा
नून, तेल, लकड़ी।

छिमा करें
बहक गये
बहुत बोल गये 
आप क विज्ञान
आप क चमत्कार
आप क संसार
नमस्कार।

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