8.2.21

शत्रुता

मैने मांगा, 

जाड़े की धूप

उसने दिया,

घना कोहरा!


मैने पूछा,

"ठंडी कब जाएगी?"

उसने कहा,

"थोड़ी बर्फवारी होने दो।"


मैने पूछा,

"बसंत कहाँ है?"

उसने कहा,

"रुको! एक ग्लेशियर टूट जाने दो!"


मैने कहा,

"जाओ! 

तुमसे बात नहीं करते।"

उसने कहा,

"मित्र! 

तुमसे ही सीखी है यह 

शत्रुता!"

.........

गुलाब


क्या तुम्हें याद है?

पहली बार

गुलाब पकड़ते वक्त

परस्पर

छू गई थीं

हमारी उँगलियाँ

तब क्या हुआ था?

मुझे तो याद है..

गुलाब और गुलाबी हो गया था!


क्या तुम्हें याद है?

तुम्हारी जुदाई में 

कैसे रंग बदलता था गुलाब?

मुझे तो याद है

बिलकुल पीला!

और फिर

मेरे लौट जाने की बात सुनते ही

सफेद!


क्या तुम्हें याद है?

आज किस हाल में है

हमारा गुलाब?

मुझे तो याद है

बिलकुल वैसा 

जैसा पहली बार आया था 

उँगलियों में

लेकिन

मैं उसे देख नहीं सकता।☺️

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