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पहले प्रीतम की पाती में
अब आते मोबाइल में।
नया साल शुभ हो कहते हैं
नई अदा, स्टाईल में।
कभी इधर तो कभी उधर को
दौड़ा-भागा करते है
सबकी खुशियों की खातिर ये
हरदम जागा करते हैं
मरहम के फाए होते हैं
छोटी सी स्माईल में। [नया साल शुभ हो……]
झूठे निकले शुभ संदेशे
आए पिछले सालों में
रीते अपने सभी सपन घट
दुनियाँ के जंजालों में
कहते फेंको ऐसी बातें
रद्दी वाली फाईल में। [नया साल शुभ हो……]
कभी इधर तो कभी उधर को
ReplyDeleteदौड़ा-भागा करते है
सबकी खुशियों की खातिर ये
हरदम जागा करते हैं
xxxxxxxxxxxxxxxx
तकनीक का जमाना है भाई .....सम्यक कविता ......शुक्रिया
आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
देवेन्द्र जी!
ReplyDeleteएकदम सचाई!! मज़ा आ गया! इसमें बड़ों की हकीकत के साथ नर्सरी राइम वाली मासूमियत भी है!
मरहम के फाए होते हैं
ReplyDeleteछोटी सी स्माईल में।
वाह वाह देवेन्द्र भाई, बहुत ही प्रशंसनीय प्रस्तुति| बधाई|
ये भी खूब रही :-)
ReplyDeleteयूँ न फेंको मेरी स्माइली ट्रैश बॉक्स में
ReplyDeleteकिसी बहाने चाहे जैसे,मुस्कुराये तो हैं।
इस माहौल में नव वर्ष सिर्फ मोबाइल कंपनियों को मंगलमय होता है ।
ReplyDeleteसुन्दर रचना , यथार्थ दिखाती हुई।
शायद इस बार काम आ जायें ! बहुत बहुत शुभकामनाएं :)
ReplyDeleteझूठे निकले शुभ संदेशे
ReplyDeleteआए पिछले सालों में........
sunder, ati sunder panktiyan....
मरहम के फाए होते हैं छोटी सी स्माईल में...
ReplyDeleteशुभ हो!
हर दिन आपके लिये नव दिन हो,
ReplyDeleteहर दिन आपके लिये शुभ हो।
सटीक अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteमरहम के फाए होते हैं
छोटी सी स्माईल में।---- अब किसी के पास समय ही नही ये फाहे रखने का। अच्छी रचना। बधाई।
chaliye devendra ji,
ReplyDeleteis bar ek aur nai style
ab blog ke jariye nav varsha ki subh-kamnayein.
Ap sabhi ko nav varsha mangalmay ho.
खूब बहुत खूब!
ReplyDeleteDEVENDER JI IS SAAL SE AGALE SAAL KI BADHAI SWIKAR KAREN.ASHA HAI AGALA SAAL IS SAAL SE JYADA KAMAYAB HO.BAHUT SUNDAR.DHANYABAD.
ReplyDeleteप्रशंसनीय प्रस्तुति|
ReplyDelete... bahut sundar ... bhaavpoorn rachanaa !!!
ReplyDeleteआपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
ReplyDeleteप्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (23/12/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
वाह......वाह.....वाह...
ReplyDeleteक्या बात कही..मिजाज झूम गया...
व्यंग्य भी, सत्य भी और शुभकामना भी, क्या क्या लपेट दिया आपने इन अनुपम पंक्तियों में...
बहुत बहुत सुन्दर...
ज़माने का तकाजा है तो सब क़ुबूल, मरहम के फाये कैसे भी आयें. बहुत खूब.
ReplyDeleteअजी यह तो एक सत्य उजागर कर दिया आप ने, बहुत सुंदर जी धन्यवाद
ReplyDeleteपहले प्रीतम की पाती में
ReplyDeleteअब आते मोबाइल में।
नया साल शुभ हो कहते हैं
नई अदा, स्टाईल में।
अच्छी स्टाइल ,सुन्दर गीत.
नया ज़माना और नया स्टाईल ...अपनाना तो पड़ता है ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, बेहतरीन रचना !
ReplyDeleteएक नए अंदाज में, नए-नए शब्दों की कविता ने खूब गुदगुदाया।
ReplyDeleteअच्छा विवरण है बदलाव का!
ReplyDeleteशुभकामनाएं!
सच कहूँ तो पढ़ते-पढ़ते मैं गाने भी लगी ..खूब गुदगुदाया साथ ही झुमाया भी ... नव वर्ष के लिए सुन्दर सन्देश ..आज का सच भी .
ReplyDeleteमज़ेदार रही पोस्ट.
ReplyDeleteनया साल शुभ हो……
ReplyDeleteझूठे निकले शुभ संदेशे
ReplyDeleteआए पिछले सालों में
रीते अपने सभी सपन घट
दुनियाँ के जंजालों में
कहते फेंको ऐसी बातें
रद्दी वाली फाईल में।
भई वाह क्या अंदाज है...
देवेन्द्र जी,
ReplyDeleteवाह...वाह....क्या बात है....
झूठे निकले शुभ संदेशे
ReplyDeleteआए पिछले सालों में
रीते अपने सभी सपन घट
दुनियाँ के जंजालों में
कहते फेंको ऐसी बातें
रद्दी वाली फाईल में।
...यथार्थ दिखाती सुन्दर रचना
..., नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
नव वर्ष आपको भी मंगलमय हो !
ReplyDeleteआपकी कविता की भी नई स्टाइल है.जमाने के संग तो चलना ही पडेगा.
ReplyDeleteमुस्कान को मरहम के फाहे बनाते हैं आप तो अछ्छा लगता है,मगर शुभकामनाओं को रद्दी की फ़ाइल में न फेकें.
यह तो एक सत्य उजागर कर दिया आप ने, बहुत सुंदर| धन्यवाद|
ReplyDeleteनए अंदाज़ में नए साल का यह गीत दिल को छू गया . आभार , बधाई और शुभकामनाएं .
ReplyDeleteपहले प्रीतम की पाती में
ReplyDeleteअब आते मोबाइल में।
नया साल शुभ हो कहते हैं
नई अदा, स्टाईल में।
बात तो आपकी सही है। लिखा भी आपने ज़बरदस्त है।
आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा।
आपको क्रिसमस और नये साल की ढेरों शुभकामनाएँ।
आपको एवं आपके परिवार को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !
ReplyDeletecomputerize jamana hai to ye ada ye style to honge hi. sunder rachna.
ReplyDeleteरस्मी बधाइयों का यही हाल होता है हुजूर। तकनीक न जाने किस हद तक घर करेगी हम में।
ReplyDeleteक्या बात है-अंदाजे बयां अच्छा लगा। मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर!
ReplyDeleteआपको नये साल की ढेरों शुभकामनाएँ!
जिंदगी का हर फलसफा सही है
ReplyDeleteदिल ने जब-जब जो-जो चाहा
होठों ने वो बात कही है।
किसी ने कहा है...
जिंदगी आँखों से टपका बेरंग कतरा
तेरे दामन की पनाह पाता तो आँसू होता।
..उम्दा पोस्ट ।
कविता का आपका अन्दाज निराला है ।
क्रिसमस पर्व सहित नूतन वर्ष की अनेकों शुभकामनाएँ।
बहुत सुंदर कविता|आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteसाहब जैसा देस, वैसा ही भेस,
ReplyDeleteकभी थी पाती, अब एस.एम.एस ;)
शुभकामनाएँ।
Very nice..............
ReplyDelete"Happy new year"
NAYA SAAL 2011 CARD 4 U
ReplyDelete_________
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please open it
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“LOVE”
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”LIFE”
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/ “LIFE” /
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/ “ROSE” /
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“ROSE”
“**IS**”
“beautifl”
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/ “*YOU*” /
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Yad Rakhna mai ne sub se Pehle ap ko Naya Saal Card k sath Wish ki ha….
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !
नए वर्ष पर कुछ नहीं लिखा ...कहाँ व्यस्त हैं आप, देवेन्द्र भाई ?? नए साल की मंगल कामनाएं
ReplyDeletevaah devendr जी .. lajawab prastuti है ...
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