11.10.15

रौशनी और अंधेरा

रौशनी है
लोहे के घर में
अँधेरा है
खेतों में, गाँवों में
जब कोई छोटा स्टेशन
करीब आता है
खेतों की पगडंडियों में
दिखने लगते हैं
टार्च
माटी के घरों में
ढिबरी
पक्के मकानों में
शेफल
और...
मुझे स्टेशन का नाम पढ़ते देख
अँधेरे में डूबा स्टेशन
खिलखिला कर हंसने लगता है।
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8 comments:

  1. महानगर की चकाचौंध बनी रहनी चाहिए बस . ....
    सटीक व सार्थक चिंतन 1

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  2. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, बाप बड़ा न भैया, सब से बड़ा रुपैया - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  3. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार 13 अक्टूबर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  4. Start self publishing with leading digital publishing company and start selling more copies
    Publish ebook with ISBN, Print on Demand

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  5. the truth that is hidden in the dark, brought out beautifully

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  6. यह स्थिति कब तक और बनी रहेगी उपरवाला ही जाने.

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  7. रेल यात्रा का सुंदर व सजीव चित्रण...

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  8. बहुत बढ़िया लेख हैं.. AchhiBaatein.com - Hindi blog for Famous Quotes and thoughts, Motivational & Inspirational Hindi Stories and Personality Development Tips

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