मुझे
जितना क्रोध
अपने पड़ोसी के कुत्तों पर आता है
उससे कम
पड़ोसी पर नहीं आता !
उसे इन्हें
रखना तो आता है
संभालना नहीं आता।
जब भी मैं
ताजी हवा के लिए खिड़कियाँ खोलता हूँ
या सुबह के स्वागत में पलकें बिछाये
उनिंदी आँखों से बैठता हूँ
ये मुझ पर
अनायास भौंकने लगते हैं!
मेरे घर की छत
उरी की पहाड़ियाँ तो नहीं
जो मुझे
यहाँ भी झेलनी पड़ती है
इतनी फज़ीहत!
ऐसा भी नहीं
कि जब ये आपस में
एक दूसरे के खून के प्यासे हो
लड़ते-मरते हैं
मैने इन्हें नहीं बचाया
इन सबके बावजूद
आखिर क्यों काटना चाहते हैं
मेरी गर्दन?
क्यों पकड़ना चाहते हैं
मेरी बाहें?
और क्यों सहता रहता हूँ मैं यह सब!!
क्या अच्छा पड़ोसी होना
सिर्फ मेरी ही जिम्मेदारी है?
..............................................
"क्या अच्छा पड़ोसी होना सिर्फ मेरी ही जिम्मेदारी है?"
ReplyDelete- हुज़ूर इतना गज़ब न कीजिये ... पलट कर जवाब आएगा ... "हाँ" ... तो क्या कीजिएगा ???
गोली मार दूँगा...
Deleteपड़ोसी को भी लिंक भेज दीजिए शायद कुछ शर्म आ जाये
ReplyDeleteपड़ोसी बेशरम है..कविता नहीं गोली की भाषा समझता है। कविता तो अपने मकान मालिक के लिए लिखा हूँ..शायद कुछ जोश आ जाये।
Deleteपड़ोसी न हुआ पाकिस्तान हो गया :)
ReplyDeleteहा हा हा हा...
Deleteमुझे तो लगता है कि कुत्ते को रोटी डाल के अपना बनालेना चाहिए और पड़ोसी जो जलाना चाहिए कि उसका कुत्ता किसी और के आगे दम हिलाता है |
ReplyDeleteसुन्दर चित्रण...उम्दा प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteमुझे व कुत्तों को सख्त आपत्ति है. कुत्तों को बदनाम मत कीजिए. वे कुत्ते होने लायक नहीं हैं.
ReplyDeleteघुघूतीबासूती
अब बस बहुत हुआ , अब मुझे और भौंकना नहीं सहना , या तो पड़ोसी कुत्तों को निकाल फेंके या भूल जाएँ कि उनके पड़ोस में कोई अच्छा पड़ोसी भी रहता था |
ReplyDeleteशठे शाठ्यम समाचरेत |
सादर
वाह!! सटीक अभिव्यक्ति!! सटीक तुल्नात्मक चित्रण!!
ReplyDeleteआक्रोश लिए ... हम तो शायद खुल के नाम लेने का भी परहेज़ करना चाहते हैं ... पर उनको शर्म नहीं आती ...
ReplyDeleteदेश के तंत्र का भी इतना ही कसूर है ...
....पर इतनी सी बात कुत्ते नहीं समझ पाते !
ReplyDeleteमैं क्या बताऊँ ....
ReplyDeleteमेरे तो खुद रोक्की ,सैफू से पड़ोसी परेशान हैं .....:))
अरे! आपके रोक्की, सैफू की बात कौन कर रहा है!!
Deleteकुत्ते भोंक भोंक के चुप हो जायेंगे. पड़ोसियों से सावधान रहिये.
ReplyDeleteयहाँ बात कुत्तों और पड़ोसियों दोनों की ही है (सुन्दर कटाक्ष) .......जब कुत्ता पागल हो जाता है तो उसे गोली मार देने में ही भलाई है......सहमत हूँ ।
ReplyDeleteऔर हम हैं कि समझाना छोड़ ही नहीं पा रहे हैं।
ReplyDelete