धमेख स्तूप सारनाथ वाले पार्क में प्रातः भ्रमण के समय हम हाथ फेंककर घूम रहे थे और कुछ लोग सर पर भारी बोझ लादे घूम रहे थे! मुझे आश्चर्य हुआ। एक को रोककर पूछा-भाई! आपलोग ये भारी बोझ सर पर लादे क्यों घूम रहे हैं? एक महिला ने जवाब दिया...'क्या करें? गेट पर हर एक का 10 रूपिया मांग रहा था!' मुझे लगा ये लोग तो आम आदमी से भी गरीब हैं! गरीब हो कर भी घूमने का शौक रखते हैं!!! फिर बोला-'अरे! तो सब सामान एक स्थान पर रख दीजिये। आपके साथ इतने आदमी हैं, किसी को सामान देखने के लिए लगा कर बाकी लोग आराम से घूम सकते हैं!!!' उन्होने मेरे बात सुनी अनसुनी कर दी और कन्नी काट कर आगे बढ़ गये। हमारे साथ मिर्जा भाई भी घूम रहे थे। हँसते हुए बोले- जाय दा मरदवा! ई तोहें बनारसी ठग समझत हउवन! इनके लग्गे जइबा त भागे-दौड़े लगीहें। तू इनहन का भलाई नाहीं करत हउआ, डरवावत हौआ! इनहने के अइसे मौज आवत हौ।'
मिर्जा की बात सुनकर मैं सकपका गया-'का मिर्जा! हम तोहके बनारसी ठग लगत हई?' मिर्जा बोले-'त का तोहरे कपारे पे लिखल हौ कि तू बड़का ईमानदार हउआ?' फिर हिन्दी में समझाने लगे-'ये लोग नागपुर से आए सीधे-सादे तीर्थयात्री हैं। इन्होने सुन रख्खा होगा कि बनारसी ठग होते हैं। इसलिए ये अपना सामान कहीं रखना नहीं चाहते होंगे। सभी साथ होंगे तो कोई समान ले नहीं पाएगा। इसलिए ये घूमते हुए भी सामान सर पर ढो रहे हैं।'
मिर्जा की बात मेरे समझ में आ गई लेकिन नजर इनके सामानों पर ठहर गई! हँसते हुये बोला-गठरी में बहुत माल हौ का मिर्जा? मिर्जा ने ठहाका लगाया-'नीयत खराब हो गयल बाबा! गेट पर समान रख्खे बदे 10 रूपिया जेकरे पल्ले ना हौ, ऊ का माल धरी हो? चला! चाय पियावा बहुत मगजमारी क लेहला।'
और हम हंसते हुए माटी के कुल्हड़ में जाड़े की धूप पीने लगे।
हा हा हा हा हा मिर्ज़ा ने असली मर्ज़ पकड़ लिया ..अजब गजब जी
ReplyDeleteशुक्रिया अजय भाई।
Deleteबहुत रोचक.
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ReplyDeleteसीख पढ़कर आये होंगे नागपुर से इसलिए कहीं ठग न जाए इसलिए सीधे साधे लोग सर पर बोझा लेकर घूमना पसंद कर रहे होंगे। . मिर्जा जी सही पकडे हैं ...अच्छी रोचक प्रस्तुति
वाह ! ..घूमने के साथ भारोत्तोलन का अभ्यास भी हो रहा था यानि व्यायाम के साथ तन की मजबूती भी बढ़ रही थी
ReplyDeleteमिर्जा जी पहुंचे हुए उस्ताद है ! अनुभवी ! सही पकड़ते हैं ! ऐसा बनारस में ही नही और भी जगह देखने को मिल जाएगा ! बढ़िया रोचक
ReplyDeleteमजे की बात बताऊँ? मिर्जा एक काल्पनिक नाम है। :)
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