16.6.18

डांस इंडिया डांस


प्रोफेसर साहब का डांस बढ़िया था लेकिन उनकी डांस पार्टनर कोलंबिया वाली शकीरा होती तो और भी मजा आता! क्यों? मेरा इतना कहना था कि शादी में रुमाल को बीन बनाकर नागिन डांस करने वाला मोटुआ भी सुबह सबेरे मार्निंग वॉक के बाद पार्क के चबूतरे पर बैठ पेट फुलाने/पचकाने की क्रिया को बीच में ही रोक, दोनों हाथ नचाकर कहने लगा..'डांस तो हमने भी किए शादी में बहुत, सबकी किस्मत कहां वायरल होना! स्टेज मिला न किसी ने डांस का वीडियो बनाया और न ही हम वायरल हुए। यदि तुमने ध्यान दिया होता तो आज प्रोफेसर साहब नहीं, गोविंदा के साथ फोटू हम खिंचा रहे होते!' उसकी बातों को सुनकर लगा कि अब जल्दी ही बहुत से डांस वीडियो यूट्यूब में आने ही वाले हैं।

सुसुप्तावस्था को प्राप्त बुद्धिजीवियों को छोड़ वह कौन है जो बारात में झन्नाटेदार संगीत सुन कर भी नहीं थिरकता? थिरकते सभी हैं। किसी का मन थिरकता है, किसी के कदम थिरकते हैं। कोई संकोच में गोल भीड़ के पीछे खड़ा थिरकते कदम के साथ ताली बजा बजा कर मुंडी हिलाता है, कोई आगे बढ़ हौसला अफजाई करते हुए यह सोच कर रुका रहता है कि कोई शिफारिश करे तो हम भी डांस में कूद पड़ें। किसी किसी बारात में तो बाकायदा मित्रों को डांस शक्ति वर्धक पेय पिलाया जाता है कि डांस करने वालों का संकोच जाता रहे और वे शील तोड़ कर थिरकने लगें। डांस वृद्धि पेय पान के बाद तो मुर्दे में भी जान आ जाती है। बुजुर्ग भी लौंडों की तरह कमर हिला हिला कर उछलने लगते हैं।

यदि आपकी सांस जल्दी न उखड़ती हो तो जितना आसान दण्ड पेलना है उतना ही आसान डांस करना है। आधुनिक डांस तो और भी आसान। क्या जरूरत है वही स्टेप किये जांय जो गोविंदा ने किए थे! एक संतुलन बनाकर हाथ, पैर, कमर, मुंडी मतलब शरीर के सभी अंगों को जितना बाएं हिलाइए उतना दाएं हिलाइए। ब्रेक कर के हिलाइए तो ब्रेक डांस, लगातार हिलाइए तो फास्ट डांस। शकीरा की तरह कमर को लट्टू बनाकर नचाने के लिए तो ईश्वर की कृपा चाहिए लेकिन स्टेमना बनाइए तो गोविंदा और प्रभु देवा की क्रेक/ब्रेक डांस तो कर ही सकते हैं। रोज घर/दफ्तर में किसी न किसी के इशारे पर नाचते ही हैं, थोड़ा अपने मन से भी नाच लीजिए।

डांस से ध्यान का मार्ग ओशो ने सिखाया है। इससे अच्छा सदा हीट और फिट रहने का कोई दूसरा तरीका संसार में है ही नहीं। इस तरीके को अपना कर आप भी प्रोफेसर साहब की तरह सुपर हिट हो सकते हैं। रोज शाम टी.वी. खोलकर मीडिया के इशारे पर नाचना बन्द कीजिए और ओशो के बताए तरीके अपनाकर नृत्य कीजिए। ओशो ने ज्ञान प्राप्ति के बहुत से तरीके बताए लेकिन हम संभोग से समाधी को पकड़ कर लटक गए! डांस बहुतों ने किए वायरल हुए प्रोफेसर साहब! हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने भी फिट इंडिया का नारा दिया है। इस नारे के साथ उन्होंने देश की नाचने का एक और अवसर प्रदान किया है। नहीं ओशो के तो अपने प्रिय नेता के इस नए दांव पर नाचिए। जीना है तो इनके/उनके इशारे पर नाचना तो पड़ेगा ही। थोड़ा समय निकाल कर अपनी इच्छा से भी नाच लें। हो सकता है आपका डांस नृत्य में बदल जाय और आप पर कृष्ण की कृपा हो जाय। कृष्ण ने आपका नृत्य देख लिया तो भव सागर से पार लगने में किंचित मात्र की देर नहीं लगेगी।

2 comments:

  1. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन ईद मुबारक - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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