2.12.21

कथरी

पाठकों की मांग पर, कथरी का काशिका से हिंदी में अनुवाद...


कथरी-1

..............


कैसी तबियत है माँ?

कहारिन ठीक से आपकी सेवा कर रही है न?

क्यों गुस्सा हो?

पन्द्रह दिन बाद घर आये हैं, इसलिए?

क्या बताएँ माँ,

तुम्हारी बहू की तबियत खराब थी

और..

उस शनीचर को

छोटे बेटे के स्कूल में, वो क्या कहते हैं, पैरेंट्स मीटिंग था

तुम तो जानती हैं माँ

शहर की जिंदगी कितना हलकान करती है।


आपसे तो कई बार कहे,

चलो साथ!

वहीं रहो।

आपको तो पिताजी का प्यार घेरे रहता है

वो स्वर्ग जा चुके हैं

यहाँ, कब तक उनकी प्रतीक्षा करोगी?

जल्दी नहीं आएंगे।


क्या कह रही हो माँ?

इस कथरी से जाड़ा नहीं जाता?

दूसरा खरीद दें?

आपको मोतियाबिंद हुआ है, इसीलिए दिखाई नहीं देता

लो!

कह रही हो तो नई कथरी ओढ़ा दे रहे हैं!

(पलटकर, वही रजाई फिर ओढ़ा देता है!)


माँ!

रात को नींद आया?

क्या कह रही हो?

नई कथरी खूब गरमा रही थी!

खूब नींद आया!!!

ठीक ही है माँ,

जा रहे हैं,

सभी जरूरी सामान कोठरी में रख दिए हैं,

कहरनियाँ को समझा दिए हैं,

नौकरी से छुट्टी नहीं मिलती माँ,

जाना जरूरी है।

आपका विश्वास बना रहे,

कथरी तो

जब आएंगे, बदल देंगे

चरण स्पर्श।

...........


कथरी-2

...........


स्वर्ग में मजे उड़ाओ लेकिन सुनो भगवान

उलट-पुलट पुरानी कथरी ओढ़ाता है

तुम्हारा पुत्र विद्वान!

समझता है..

माँ को मोतियाबिंद हुआ है तो

गंध भी नहीं आएगी!

भोर में ही पूछता है बेईमान,

'नींद आया माँ?'


मन ही मन हँसी का फुहारा छूटता है,

मुँह से बस इतना ही निकलता है..

हाँ बेटा,

खूब नींद आया

नई कथरी बहुत गरमा रही थी

सुनकर, खुश हो जाता है पागल


हमको कर देगा कहरनियाँ के हवाले

अपने चला जाएगा 

शहर में कमाने

पत्नी को अपने

सर पर चढ़ाता है,

बच्चों को 

स्कूल में पढ़ाता है

पन्द्रह दिनों में यहॉं आता है तो

पुरानी कथरी उलट-पुलट ओढ़ाता है

इससे भला जाड़ा जाएगा?


नहीं खरीद पा रहे हो

एक नई रजाई

तो भाड़ में जाए

ऐसी कमाई।

.................

12 comments:

  1. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार 3 दिसंबर २०२१ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  2. कथरी के माध्यम से जो माँ और बेटे के संवाद द्वारा भावनाएँ व्यक्त की हैं बेटे की लाचारी और माँ की ममता भी दिखाई दे रही है ।

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  3. बहुत सुंदर अभिव्यक्ति

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  4. नहीं खरीद पा रहे हो

    एक नई रजाई

    तो भाड़ में जाए

    ऐसी कमाई।
    वाह!!!!
    उलट पुलट कथरी उढ़ाता है
    बहुत ही भावपूर्ण सृजन।

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  5. सराहनीय प्रस्तुति

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